Thursday, 25 June 2015
गाजियाबाद में किन्नरों ने काटा युवक का गुप्तांग, तीन गिरफ्तार
लखनऊ। अपनी बिरादरी में शामिल करने के लिए गाजियाबाद में किन्नरों ने एक युवक के साथ घृणित काम को अंजाम दिया। किन्नरों ने युवक का गुप्तांग काट दिया। इस मामले में पुलिस ने तीन किन्नरों को गिरफ्तार किया है।
गाजियाबाद में मोदीनगर के थाना भोजपुर क्षेत्र में किन्नरों ने युवक के साथ बेहद घृणित काम को अंजाम दिया। इन किन्नरों ने युवक का गुप्तांग काट दिया। मोदीनगर के बेगमाबाद रहने वाले मनोज उर्फ कलवा किन्नरों के साथ ढोलक बजाने का काम करता है। आज दिन में भी इन लोगों को घर के बाहर जाना था। इसी बीच किन्नरों ने सो रहे मनोज का गुप्तांग काट दिया। उसके गुप्तांग को इन लोगों ने घर के काफी दूर ले जाकर फेंक दिया। पड़ोसियों ने गंभीर हालत में मनोज को निजी अस्तपाल में भर्ती कराया गया है। इस मामले में मुमताज, मुस्कान, बाला, साबिर समेत पांच के खिलाफ भोजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। घटनास्थल भोजपुर थाना क्षेत्र का है जबकि गुप्तांग मऊ थाना क्षेत्र में फेंका गया।
एक्सपायर्ड कोल्डड्रिंक, कोका कोला पर 15 लाख का जुर्माना
एक्सपायरी डेट की कोल्ड ड्रिंक बेचने पर एडीएम प्रशासन की कोर्ट ने मेसर्स हिंदुस्तान कोका कोला प्रा. लि. पर 15 लाख रुपये जुर्माना ठोका है। कोर्ट ने कंपनी एक्ट अधिनियम के तहत विक्रेता पर भी एक लाख का जुर्माना लगाया है।
यह कार्रवाई 2013 में शहर के राजेश कुमार शर्मा की एजेंसी पर की गई थी, जिसमें एक्सपायरी डेट के पांच नमूने प्रयोगशाला को भेजे गए थे। एजेंसी पर बड़ी मात्रा में एक्सपायरी कोल्ड ड्रिंक का स्टॉक मिला था।
पूछने पर एजेंसी संचालक राजेश ने बताया कि कंपनी को सूचित कर दिया गया है, लेकिन एक्सपायरी डेट के माल को नहीं उठाया गया। पांचों नमूनों की प्रयोगशाला रिपोर्ट भी अधोमानक (सब स्टैंडर्ड) निकली थी।फूड अफसर मामला कोर्ट में लेकर पहुंच गए। नोटिस जारी होने के काफी वक्त बाद भी कंपनी ने कोई अपील नहीं की। तमाम साक्ष्य और फूड अफसरों की रिपोर्ट को आधार मानकर न्याय निर्णायक अधिकारी विशाल सिंह ने कंपनी पर प्रति नमूना तीन लाख यानी पांच नमूनों के अधोमानक पाए जाने पर पर 15 लाख रुपये जुर्माना ठोका है। विक्रेता राजेश कुमार शर्मा पर भी 20-20 हजार के हिसाब से एक लाख जुर्माना लगाया गया है।
एडीएम के मुताबिक कंपनी पर 15 लाख और विक्रेता पर एक लाख जुर्माना लगाया गया है। फूड सेफ्टी अफसरों को आदेश तामील कराने को कह दिया है। कंपनी पर रियायत करने का मतलब है कि कंपनी को खुली छूट देकर आम आदमी की सेहत से खिलवाड़ करवाना।
नमूना भरकर प्रयोगशाला नहीं भेजना खुर्जा के एफएसओ पर भारी पड़ सकता है। एडीएम प्रशासन ने एफएसओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एडीएम प्रशासन ने बताया कि पहासू में एफएसओ ने नमूना तो भरा लेकिन प्रयोगशाला नहीं भेजा।
यह कार्रवाई 2013 में शहर के राजेश कुमार शर्मा की एजेंसी पर की गई थी, जिसमें एक्सपायरी डेट के पांच नमूने प्रयोगशाला को भेजे गए थे। एजेंसी पर बड़ी मात्रा में एक्सपायरी कोल्ड ड्रिंक का स्टॉक मिला था।
पूछने पर एजेंसी संचालक राजेश ने बताया कि कंपनी को सूचित कर दिया गया है, लेकिन एक्सपायरी डेट के माल को नहीं उठाया गया। पांचों नमूनों की प्रयोगशाला रिपोर्ट भी अधोमानक (सब स्टैंडर्ड) निकली थी।फूड अफसर मामला कोर्ट में लेकर पहुंच गए। नोटिस जारी होने के काफी वक्त बाद भी कंपनी ने कोई अपील नहीं की। तमाम साक्ष्य और फूड अफसरों की रिपोर्ट को आधार मानकर न्याय निर्णायक अधिकारी विशाल सिंह ने कंपनी पर प्रति नमूना तीन लाख यानी पांच नमूनों के अधोमानक पाए जाने पर पर 15 लाख रुपये जुर्माना ठोका है। विक्रेता राजेश कुमार शर्मा पर भी 20-20 हजार के हिसाब से एक लाख जुर्माना लगाया गया है।
एडीएम के मुताबिक कंपनी पर 15 लाख और विक्रेता पर एक लाख जुर्माना लगाया गया है। फूड सेफ्टी अफसरों को आदेश तामील कराने को कह दिया है। कंपनी पर रियायत करने का मतलब है कि कंपनी को खुली छूट देकर आम आदमी की सेहत से खिलवाड़ करवाना।
नमूना भरकर प्रयोगशाला नहीं भेजना खुर्जा के एफएसओ पर भारी पड़ सकता है। एडीएम प्रशासन ने एफएसओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एडीएम प्रशासन ने बताया कि पहासू में एफएसओ ने नमूना तो भरा लेकिन प्रयोगशाला नहीं भेजा।
गुजरात में भारी बारिश से 51 की मौत, चक्रवात की चेतावनी जारी
अहमदाबाद (25 जून): गुजरात में भारी बारिश के चलते गुरूवार सुबह तक कम से कम 51 लोगों की मौत होने की खबर है। बाढ़ के हालात होने के साथ ही मौसम विभाग ने गुजरात में चक्रवात की चेतावनी जारी की है।
बता दें, राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में लगातार बारिश हुई है, जिसके कारण गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर, राजकोट और अहमदाबाद जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। राज्य में हालात खराब होने के चलते एनडीआरएफ, वायु सेना एवं एसआरपी के दलों को बाढ़ में फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए राजकोट जिले के गोंडल तथा अमरेली जिले में तैनात किया गया है। कई गांवों का संपर्क कट गया है और बिजली आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हो गयी है। भारतीय तटरक्षक और वायु सेना ने एक जहाज एम वी कोस्टल प्राइड के चालक दल के 14 सदस्यों को बचाया है। यह जहाज उमरगांव के पास समुद्रतट में डूब गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य राहत आयुक्त डी एन पांडे ने जानकारी दी है कि मूसलाधार बारिश की वजह से बुधवार को कम से कम 34 लोगों की मौत हो गयी है। जिनमें से 23 मौतें सबसे अधिक प्रभावित अमरेली जिले में हुई हैं। पांडे ने बताया कि पांच लोग भावनगर जिले में मरे है और दो व्यक्तियों की मौत राजकोट जिले में हुई है। सूरत के जिला कलेक्टर राजेन्द्र कुमार ने बताया कि सूरत शहर में बिजली का करंट लगने से दो लोगों की मौत हुई है। सूरत में बुधवार को 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई। राज्य नियंत्रण कक्ष के आंकडों के अनुसार, अमरेली में लगभग 1,500 व्यक्ति, राजकोट में 4,121 और भावनगर में 100 लोगों को निचले इलाकों से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 48 घंटों में मॉनसून की बरसात से पूरा देश सराबोर होगा।
कोहली ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी पर सवाल खड़े किए
नई दिल्ली। टीम इंडिया ने बुधवार को बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे वन-डे में 77 रन स जीत दर्ज करके किसी तरह अपनी साख तो बचा ली, लेकिन विराट कोहली के एक बयान ने खलबली पैदा कर दी है। विराट के बयान ने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या टीम में सब कुछ ठीक है?
मैच से पहले विराट कोहली ने एक बयान दिया। इसमें उन्होंने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम लिए बगैर उन पर उंगली उठाई है। कोहली ने धोनी के फैसले लेने की क्षमता पर सवाल खड़े किए हैं। कोहली ने साफ कहा है कि सीरीज में जिस तरह के फैसले लिए गए, उससे वह खुश नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे फैसलों में असमंजस दिखा और यह मैदान पर भी साफ नजर आया। कोहली ने इस ज्यादा कुछ कहने से इनकार किया, लेकिन कहा कि हमारे खिलाड़ी पहले दो वनडे में बिना किसी स्पष्ट नजरिए के खेले।
कोहली ने कहा कि हमारे खिलाड़ी उस तरह से नहीं खेल सके, जैसा हम खेलते रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट से धोनी के संन्यास के कोहली को टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया है। खबरों के मुताबिक कोहली और शास्त्री की जोड़ी टीम को आक्रामक रवैये से भरना चाहती है, हालांकि इस आक्रामकता के बावजूद टीम बांग्लादेश में बारिश से प्रभावित टेस्ट नहीं जीत सकी।
टीम के उपकप्तान ने कहा कि मैदान पर जो कुछ भी हो रहा है वो दर्शक खुद देखकर समझ सकते हैं। एक और जहां कोहली ने धोनी को निशाने पर लिया हो वहीं रैना ने टीम इंडिया के कप्तान की जमकर तारीफ की है। उन्होंने धोनी के सम्मान में एक फोटो अपने ट्विटर अकाउंट पर अपलोड की थी।
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रहाणे को मैच में नहीं खिलाने का विवाद भी नहीं थमा है। मैच के बाद धोनी को अकेले में रहाणे से बातचीत करने की तस्वीरें सामने आई हैं। दोनों बैठकर बातचीत करने के बाद उठने पर आगे चलने वाले रहाणे को धोनी कुछ समझाते दिखे। दूसरे वन-डे में रहाणे को नहीं खिलाने के बारे में धोनी ने कहा था कि धीमी पिचों पर उन्हें अपनी पारी के शुरुआती समय में स्ट्राइक रोटेट करने में दिक्कत होती है। इसलिए हमने उन्हें ड्रॉप किया था।
भारत ने बुधवार को बांग्लादेश को तीसरे वन-डे में 77 रन से हरा दिया। भारत ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट खोकर 317 रन बनाए। इसके बाद उसने मेजबान टीम को 47 ओवर में 240 रन पर समेट दिया। भारत की ओर से शिखर धवन ने 75, धोनी ने 69 और अंबाती रायुडू 44 तथा सुरेश रैना ने 38 रन की उपयोगी पारी खेली।
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इसके बाद गेंदबाजों में भारत की तरफ से सुरेश रैना ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। अश्विन और धवल कुलकर्णी ने 2 - 2 विकेट लिए। बिन्नी और रायडू को भी एक एक विकेट मिला। बांग्लादेश ने सीरीज 2-1 से जीती।
यूपी के 64 शहरों की बदलेगी तस्वीर, सबसे ज्यादा होंगी स्मार्ट सिटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी सौ स्मार्ट सिटी तैयार करने की योजना पर गंभीरता से अमल किया गया तो अगले दस सालों में उत्तर प्रदेश में वाराणसी समेत सर्वाधिक 13 स्मार्ट सिटी तैयार होंगे।
शहरी परिवर्तन और कायाकल्प के लिए अटल मिशन योजना (अमरूत) के तहत भी प्रदेश के 64 शहरों के कायाकल्प की उम्मीद है। शहरी विकास मंत्रालय दो दिनों में स्मार्ट सिटी के चयन के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा।
राज्य सरकारें तय मानक पर खरा उतरने वाले शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नामित कर सकेंगी। केंद्र की अब तक की तैयारी के मुताबिक,� यूपी समेत 12 राज्यों में करीब 70 फीसदी स्मार्ट सिटी बनेंगे। दिलचस्प यह है कि इनमें से आठ राज्यों में भाजपा या उसकी सहयोगी दलों की सरकारें हैं। वहीं, भाजपा शासित प्रदेशों में अमरूत योजना के तहत 225 शहरों का विकास होगा। प्रत्येक राज्य में कम के कम एक स्मार्ट सिटी निश्चित तौर पर तैयार किया जाएगा।
राज्यों के जरिए मनोनीत 100 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा होगी। इनमें अव्वल आने वाले 20 शहरों को पहले चरण में जबकि 40 अन्य शहरों का चयन 2016-17 में किया जाएगा।
उसके बाद शेष 40 शहरों को स्मार्ट बनाया जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के मानक पर फिट बैठने के लिए प्रत्येक शहर को दो चरणों में होने वाली इंट्रा स्टेट और इंटर सिटी प्रतिस्पर्धा में सफल होना होगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक राज्य में स्मार्ट सिटी के लिए शहरों का चयन आबादी और शहरों की संख्या के अनुपात में किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 500 अमरूत शहर के चयन की प्रक्रिया के लिए आबादी एक लाख से अधिक होनी चाहिए। हालांकि, पहाड़ी, द्वीपीय, पर्यटन या फिर गंगा के मुख्य तटों पर बसे एक लाख से कम आबादी वाले शहर को भी इस मिशन में शामिल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अब तक 476 शहरों का चयन हो चुका है।
गौरतलब है कि कैबिनेट में अगले पांच सालों में 48 हजार करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट सिटी बसाने और 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से अमरूत योजना को मंजूरी दी है।
शहरी परिवर्तन और कायाकल्प के लिए अटल मिशन योजना (अमरूत) के तहत भी प्रदेश के 64 शहरों के कायाकल्प की उम्मीद है। शहरी विकास मंत्रालय दो दिनों में स्मार्ट सिटी के चयन के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा।
राज्य सरकारें तय मानक पर खरा उतरने वाले शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नामित कर सकेंगी। केंद्र की अब तक की तैयारी के मुताबिक,� यूपी समेत 12 राज्यों में करीब 70 फीसदी स्मार्ट सिटी बनेंगे। दिलचस्प यह है कि इनमें से आठ राज्यों में भाजपा या उसकी सहयोगी दलों की सरकारें हैं। वहीं, भाजपा शासित प्रदेशों में अमरूत योजना के तहत 225 शहरों का विकास होगा। प्रत्येक राज्य में कम के कम एक स्मार्ट सिटी निश्चित तौर पर तैयार किया जाएगा।
राज्यों के जरिए मनोनीत 100 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा होगी। इनमें अव्वल आने वाले 20 शहरों को पहले चरण में जबकि 40 अन्य शहरों का चयन 2016-17 में किया जाएगा।
उसके बाद शेष 40 शहरों को स्मार्ट बनाया जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के मानक पर फिट बैठने के लिए प्रत्येक शहर को दो चरणों में होने वाली इंट्रा स्टेट और इंटर सिटी प्रतिस्पर्धा में सफल होना होगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक राज्य में स्मार्ट सिटी के लिए शहरों का चयन आबादी और शहरों की संख्या के अनुपात में किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 500 अमरूत शहर के चयन की प्रक्रिया के लिए आबादी एक लाख से अधिक होनी चाहिए। हालांकि, पहाड़ी, द्वीपीय, पर्यटन या फिर गंगा के मुख्य तटों पर बसे एक लाख से कम आबादी वाले शहर को भी इस मिशन में शामिल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अब तक 476 शहरों का चयन हो चुका है।
गौरतलब है कि कैबिनेट में अगले पांच सालों में 48 हजार करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट सिटी बसाने और 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से अमरूत योजना को मंजूरी दी है।
बॉबी जिंदल भी अमेरिकी राष्ट्रपति पद की रेस में
अमेरिकी राज्य लुसियाना के गवर्नर बॉबी जिंदल ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। भारतीय मूल के अमेरिकी जिंदल ने न्यू आरलिएंस में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पाने के लिए मैदान में उतरने का एलान किया।
रिपब्लिकन बॉबी जिंदल ने कहा, "मैं वॉशिंगटन में मुख्यालय से आज्ञा लिए बगैर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। "पहली बार किसी भारतीय मूल के अमेरिकी ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए चुनाव मैदान में औपचारिक तौर पर गंभीरता से लड़ने की घोषणा की है।
अगले साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अब तक रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से 13 प्रत्याशी मैदान में आ चुके हैं। अमेरिका में दो मुख्य पार्टियों डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारी पाने की प्रक्रिया ख़ासी लंबी और जटिल है।डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ़ से पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, तो रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के भाई जेब बुश समेत कई नेता अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। जिंदल का कहना है कि अगर वह राष्ट्रपति बने तो वह स्वास्थ्य, रक्षा और शिक्षा जैसे मुद्दों पर नीतियों में बदलाव लाएंगे।
लेकिन बॉबी जिंदल के लिए राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव तो दूर ख़ुद रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार चुना जाना भी बहुत ही मुश्किल लग रहा है। एक ताजा सर्वेक्षण में बॉबी जिंदल को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर सिर्फ एक प्रतिशत रिपब्लिकन पार्टी के वोटरों का समर्थन मिला।
उधर लुसियाना के गवर्नर की हैसियत से भी उनका समर्थन घट रहा है। बॉबी जिंदल ने दो बार अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा का चुनाव भी जीता। बॉबी जिंदल वर्ष 2008 में लुसियाना राज्य के गवर्नर चुने गए थे और 2010 में एक जनमत संग्रह मे जिंदल अमेरिकी के गवर्नरों में से सबसे लोकप्रिय गवर्नर भी चुने गए थे।
रिपब्लिकन बॉबी जिंदल ने कहा, "मैं वॉशिंगटन में मुख्यालय से आज्ञा लिए बगैर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। "पहली बार किसी भारतीय मूल के अमेरिकी ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए चुनाव मैदान में औपचारिक तौर पर गंभीरता से लड़ने की घोषणा की है।
अगले साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अब तक रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से 13 प्रत्याशी मैदान में आ चुके हैं। अमेरिका में दो मुख्य पार्टियों डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारी पाने की प्रक्रिया ख़ासी लंबी और जटिल है।डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ़ से पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, तो रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के भाई जेब बुश समेत कई नेता अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। जिंदल का कहना है कि अगर वह राष्ट्रपति बने तो वह स्वास्थ्य, रक्षा और शिक्षा जैसे मुद्दों पर नीतियों में बदलाव लाएंगे।
लेकिन बॉबी जिंदल के लिए राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव तो दूर ख़ुद रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार चुना जाना भी बहुत ही मुश्किल लग रहा है। एक ताजा सर्वेक्षण में बॉबी जिंदल को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर सिर्फ एक प्रतिशत रिपब्लिकन पार्टी के वोटरों का समर्थन मिला।
उधर लुसियाना के गवर्नर की हैसियत से भी उनका समर्थन घट रहा है। बॉबी जिंदल ने दो बार अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा का चुनाव भी जीता। बॉबी जिंदल वर्ष 2008 में लुसियाना राज्य के गवर्नर चुने गए थे और 2010 में एक जनमत संग्रह मे जिंदल अमेरिकी के गवर्नरों में से सबसे लोकप्रिय गवर्नर भी चुने गए थे।
कॉमेडियन राजपाल यादव ने दिया चौंकाने वाला बयान
मुंबई। राजपाल यादव ने बॉलीवुड में एक्टिंग करियर की शुरुआत बतौर कॉमेडियन की थी। आज फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें एक कॉमेडियन के तौर पर ही देखा जाता है। लेकिन राजपाल ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि वह 'कॉमेडियन' नहीं हैं।
हाल ही में राजपाल यादव की फिल्म 'थोड़ा लुत्फ थोड़ा इश्क' का ट्रेलर लॉन्च हुआ। इस इस फिल्म में भी वह कॉमेडी करते नजर आ रहे हैं। फिल्म में उनके साथ हितेन तेजवानी भी हैं।
ऐसा नहीं है कि राजपाल ने सिर्फ कॉमेडी फिल्मों में ही काम किया है। वह 'डरना मना है', 'डरना जरूरी है' और 'मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं' जैसी फिल्मों में गंभीर किरदार भी निभा चुके हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे कॉमेडियन कभी नहीं बनना था और मैं अपने आपको कॉमेडियन मानता भी नहीं हूं। लेकिन मुझ पर एक कॉमेडियन का टैग लगा दिया गया है, जिसे हटाने की जंग मैं पिछले दस साल से लड़ रहा हूं।'
राजपाल का मानना है कि वह आज भी एक्टिंग सीख रहे हैं। वह कहते हैं, 'एक्टिंग करियर के दौरान मुझे जो किरदार मिलते गए मैं उन्हें पूरी शिद्दत से निभाता चला गया। मैंने किसी किरदार को कभी कैटेगरी में नहीं बांटा। मेरा पूरा ध्यान दर्शकों का मनोरंजन करने पर रहता है।'
फिल्मों के साथ-साथ राजपाल पिछले 15 सालों से थिएटर भी करते रहे हैं। वह अभी तक 500 नाटकों में काम कर चुके हैं। राजपाल की फिल्म 'थोड़ा लुत्फ थोड़ा इश्क' 10 जुलाई को रिलीज होने जा रही है।