Saturday, 4 July 2015
'मयूर' को बांधती थीं राखी, अब 'दया भाभी' को मंगलसूत्र बांधेगा 'मयूर'
यह खबर तो पुरानी हो गई कि 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की 'दया भाभी' यानी दिशा वाकाणी शादी कर रही हैं, ताजा जानकारी तो यह है कि उनके होने वाले पति का नाम मयूर है। वैसे बता दें दिशा के भाई का नाम भी मयूर ही है।
चर्चा है कि यह टीवी एक्ट्रेस मुंबई में रहने वाले गुजराती बिजनेसमैन मयूर से शादी करने वाली है। वे मुंबई के पवई इलाके में रहते हैं। दिशा के भाई मयूर वाकाणी अपनी बहन के साथ ही टीवी सीरियल 'तारक मेहता...' में काम करते हैं। वे शो में भी दिशा के भाई बने हैं। ये 'सुंदर' का किरदार निभा रहे हैं। असली में वे दिशा से बड़े हैं।वे अहमदाबाद में रहते हैं और मुंबई आते-जाते रहते हैं।
पहले ही खबर थी कि दिशा और मुंबई के मयूर की शादी अरेंज हैं। दोनों के परिवार एक-दूसरे से मिल चुके हैं। कहा जा रहा है कि जल्दी ही दिशा और मयूर की सगाई होगी और साल के अंत तक वे शादी कर लेंगे।
सनम रे’ में बूढ़ी औरत का किरदार निभाएंगी यामी
मुंबई(4 जुलाई): एक्ट्रेस यामी गौतम अपनी अगली फिल्म ‘सनम रे’ में एक बूढ़ी औरत का किरदार निभाएंगी। उन्होंने यह खबर अपने फैंस को दी है कि अपनी अगली फ़िल्म में वो शिमला की एक बूढ़ी औरत की भूमिका निभाएंगी। बता दे, यामी डायरेक्टर-निर्माता दिव्या खोसला कुमार की दूसरी फ़िल्म ‘सनम रे’ में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। फिल्म में एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला और पुलकित सम्राट भी अहम किरदार में हैं।
एक शो लॉन्च के दौरान यामी ने बताया कि, 'यह एक लव स्टोरी है और पुलकित शर्मा उनके अपोजिट हैं।' यमी ने कहा कि वह दिव्या के डायरेक्शन से बहुत प्रभावित हैं और इस फ़िल्म का म्यूजिक अमाल मलिक ने कंपोज़ किया है।
यामी ने अपने और नए प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए कहा, 'यह फ़िल्म बहुत इंटेंस है यह एक गहरी प्रेम कहानी है जो आजकल देखने को कम मिलती है क्योंकि अब रॉमकॉम फिल्म ज्यादा आ रही हैं। मुझे उम्मीद है आपको पूरी फ़िल्म पसंद आएंगी, बिल्कुल जैसे आपने फर्स्ट लुक को पसंद किया है।' यह फ़िल्म 2016 फ़रवरी को रिलीज़ होना तय हुई है। कपिल गोयल
दिल्ली में सरेआम मर्डर
नई दिल्ली (4 जुलाई): जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर के सामने रात करीब 11 बजे एक शख्स की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। तीन अज्ञात बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया।
मृतक का नाम धीरज मल्होत्रा था। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक़ धीरज मेट्रो के पिलर नंबर 581 के पास अपनी गाड़ी खड़ी करके मोबाइल पर किसी से बात कर रहा था। तभी तीन लोग वहां आये और धीरज से झगड़ा करने लगे।
बाद बढ़ती चली गई। फिर तीनों ने उसे गोली मार दी और फरार ही गए। मौके पर मौजूद एक शख्स ने धीरज को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि धीरज ईवेंट मैनेजमेंट का काम करता था। परिवारवालों के मुताबिक, वारदात के वक़्त वो किसी को पैसे देने डिस्ट्रिक्ट सेंटर पहुंचा था।
कालेधन पर बना नया कानून, समयसीमा में नहीं बताया तो सजा दोगुनी
नई दिल्ली (4 जुलाई): सरकार ने कालाधन कानून के तहत विदेश से होने वाली आय तथा संपत्ति की गणना के लिये नियमों को अधिसूचित कर दिया है। कानून एक जुलाई से लागू हो गया है। नए कालाधन कानून के तहत विदेशों में रखी अघोषित धन-संपत्तियों जैसे अचल संपत्ति, आभूषण, शेयर व कलाकृतियों पर उनके बाजार मूल्य के हिसाब से टैक्स और जुर्माना लगाया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, अब सरकार ने विदेशी ऐसेट्स के वैल्युएशन का फॉर्म्युला तय कर दिया है। लेकिन ऐसे लोगों को राहत नहीं मिलेगी जिनके पास विदेश में बेहिसाबी (अनअकाउंटेड) संपत्ति की सूचना सरकार के पास पहले से ही। रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों के बारे में पहले से ही जांच चल रही है उन्हें कालाधन (अघोषित विदेशी आय व संपत्तियों) और कराधान नियम, 2015 के तहत फायदा नहीं मिल पाएगा। कालेधन पर बना यह नया कानून 1 जुलाई से लागू हो गया है। अघोषित आय और संपत्तियों पर टैक्स और जुर्माना आकलन वर्ष 2016-17 यानी चालू वित्त वर्ष से लागू होगा।
काला धन अघोषित विदेशी आय और संपत्ति: तथा कर अधिरोपण कानून, 2015 व्यक्ति को 90 दिन की अनुपालन मोहलत देता है ताकि वह कालाधन मामले में पाक साफ हो जाए। इस अवधि के बाद विदेशों में आय या संपत्ति पर 120 प्रतिशत जुर्माने का प्रावधान है।
कानून के नियमों के तहत 30 सितंबर तक यदि कोई व्यक्ति अपनी विदेश से होने वाली आय या संपत्ति की घोषणा करता है तो उस पर कुल 60 प्रतिशत कर और जुर्माना लगेगा। उसपर जेल भेजने जैसे दंडनीय प्रावधान लागू नहीं होंगे। इस अवधि में संपत्ति की घोषणा करने वाले को कर चुकाने के लिये 31 दिसंबर तक का समय दिया जायेगा। ग़ौरव शर्मा
कानून के नियमों के तहत 30 सितंबर तक यदि कोई व्यक्ति अपनी विदेश से होने वाली आय या संपत्ति की घोषणा करता है तो उस पर कुल 60 प्रतिशत कर और जुर्माना लगेगा। उसपर जेल भेजने जैसे दंडनीय प्रावधान लागू नहीं होंगे। इस अवधि में संपत्ति की घोषणा करने वाले को कर चुकाने के लिये 31 दिसंबर तक का समय दिया जायेगा। ग़ौरव शर्मा
नेटबैंकिंग में बरतें सावधानी वर्ना खाली हो सकता है आपका खाता
आप नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपको सावधान करने के लिए है। नेटबैंकिंग के लिए रजिस्टर्ड फोन अगर खामोश हो जाए तो उसे हल्के में न लें। ऐसे मामले सामने आए हैं जब रजिस्टर्ड नंबर का डुप्लीकेट सिम हासिल कर जालसाजों ने पासवर्ड बदला और खाते से रकम उड़ा ली। जानिए यह सब जालसाजों ने कैसे किया...
पहले केस में आशियाना इलाके में रिटायर्ड इंजीनियर के खाते से सितंबर 2014 में 1.40 लाख रुपये निकाल लिए गए। उन्होंने इसकी पुलिस में कम्प्लेंट दर्ज कराई।
क्राइम ब्रांच टीम की जांच में खुलासा हुआ कि रिटायर्ड इंजीनियर के परिचित ने ही रकम उड़ाई। उसने पहले उनके खाते की जानकारी हासिल की। उनके एड्रेस प्रूफ हासिल किए। इसी दस्तावेज से डुप्लीकेट सिम हासिल कर खाते में सेंध मार दिया।
दूसरे केस में गोमतीनगर में डिप्टी कमिश्नर स्तर के एक अफसर की पत्नी के खाते से अक्तूबर 2014 में दो बार में 1.55 लाख रुपये उड़ा दिए गए।
क्राइम ब्रांच की अब तक की जांच में सामने आया कि इसमें भी जालसाजों ने उसी तरीके से रकम पार की जिस तरह से रिटायर्ड इंजीनियर के खाते से पार की गई थी।
नेटबैंकिंग में सेंध मारने के ये दो मामले कई सीख देते हैं। पहली और सबसे जरूरी सबक-किसी से कितना भी मेलजोल हो अपने खाते के बारे में जानकारी कतई न दें। दूसरा, अपने जरूरी दस्तावेज संभालकर रखें। तीसरा, नेटबैंकिंग से जुड़ा फोन किसी को न दें। अगर फोन एकाएक खामोश हो जाए और उसका सिम रजिस्ट्रेशन फेल बताने लगे तो भी अलर्ट हो जाएं।मेलजोल बढ़ाने के बाद खाते से संबंधित जानकारी जुटाना मसलन खाता किस बैंक में है, आईडी क्या है। संबंधित व्यक्ति सोचता है कि पासवर्ड तो उसे ही पता है।
वह पासवर्ड बदलता भी रहता है। ऐसे में कोई डर नहीं। पर पासवर्ड चेंज करने के लिए दो चीजों की जरूरत होती है। पहला आपका कस्टमर आईडी, दूसरा रजिस्टर्ड फोन नंबर।
इसके बाद फॉरगॉट पासवर्ड के ऑप्शन पर जाकर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) हासिल कर खाते तक पहुंचा जा सकता है। इसके बाद पासवर्ड बदल जा सकता है। जालसाजों ने दोनों मामलों में यही किया। झांसा देकर अकाउंट से जुड़ी जानकारी हासिल कर भी ऐसा किया जा सकता है।
खाते से कौन सा मोबाइल नंबर जुड़ा है इसकी जानकारी हासिल होने के बाद वह सिम किसके नाम से है, उसका एड्रेस प्रूफ या पहचान का दस्तावेज हासिल करना। इसके बाद थाने में सिम गायब होने की एफआईआर कराना। मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी से उसी नंबर का दूसरा सिम हासिल करना। डुप्लीकेट सिम कार्ड एक्टिवेट होने के 12 से 24 घंटे के अंदर पासवार्ड बदलकर खाते से रकम पार कर देना।
आशियाना के रिटायर्ड इंजीनियर के मामले में जालसाज ने आशियाना थाने में सिम गायब होने की बाकायदा रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनके पासपोर्ट की फोटोकॉपी लगाकर डुप्लीकेट सिम हासिल किया था। करीबी शख्स तो मोबाइल फोन हासिल कर भी ऐसा कर सकता है।बीएसएनएल के सेवानिवृत्त डीजीएम आरजे पांडेय बताते हैं कि अगर आपका नंबर अचानक खामोश हो कर डी-एक्टिवेट होने का संकेत देने लगे तो इसे सिम अथवा मोबाइल नेटवर्क की खराबी समझकर नजरअंदाज न करें।
एक घंटे से अधिक मोबाइल सिम के डी-एक्टिवेट होने का संकेत देने पर तत्काल मोबाइल ऑपरेटर के कस्टमर केयर सेंटर पर संपर्क कर अपने सिम नंबर का एक्टिवेशन चेक कराएं। पांडेय के मुताबिक जालसाज मिलीभगत से भी आपके दस्तावेज हासिल कर सकते हैं।
मसलन आपने कहीं किसी योजना में आवेदन कर रखा है वहां से भी मिलीभगत से ऐसा किया जा सकता है। लिहाजा आपका फोन खामोश हो तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
पहले केस में आशियाना इलाके में रिटायर्ड इंजीनियर के खाते से सितंबर 2014 में 1.40 लाख रुपये निकाल लिए गए। उन्होंने इसकी पुलिस में कम्प्लेंट दर्ज कराई।
क्राइम ब्रांच टीम की जांच में खुलासा हुआ कि रिटायर्ड इंजीनियर के परिचित ने ही रकम उड़ाई। उसने पहले उनके खाते की जानकारी हासिल की। उनके एड्रेस प्रूफ हासिल किए। इसी दस्तावेज से डुप्लीकेट सिम हासिल कर खाते में सेंध मार दिया।
दूसरे केस में गोमतीनगर में डिप्टी कमिश्नर स्तर के एक अफसर की पत्नी के खाते से अक्तूबर 2014 में दो बार में 1.55 लाख रुपये उड़ा दिए गए।
क्राइम ब्रांच की अब तक की जांच में सामने आया कि इसमें भी जालसाजों ने उसी तरीके से रकम पार की जिस तरह से रिटायर्ड इंजीनियर के खाते से पार की गई थी।
नेटबैंकिंग में सेंध मारने के ये दो मामले कई सीख देते हैं। पहली और सबसे जरूरी सबक-किसी से कितना भी मेलजोल हो अपने खाते के बारे में जानकारी कतई न दें। दूसरा, अपने जरूरी दस्तावेज संभालकर रखें। तीसरा, नेटबैंकिंग से जुड़ा फोन किसी को न दें। अगर फोन एकाएक खामोश हो जाए और उसका सिम रजिस्ट्रेशन फेल बताने लगे तो भी अलर्ट हो जाएं।मेलजोल बढ़ाने के बाद खाते से संबंधित जानकारी जुटाना मसलन खाता किस बैंक में है, आईडी क्या है। संबंधित व्यक्ति सोचता है कि पासवर्ड तो उसे ही पता है।
वह पासवर्ड बदलता भी रहता है। ऐसे में कोई डर नहीं। पर पासवर्ड चेंज करने के लिए दो चीजों की जरूरत होती है। पहला आपका कस्टमर आईडी, दूसरा रजिस्टर्ड फोन नंबर।
इसके बाद फॉरगॉट पासवर्ड के ऑप्शन पर जाकर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) हासिल कर खाते तक पहुंचा जा सकता है। इसके बाद पासवर्ड बदल जा सकता है। जालसाजों ने दोनों मामलों में यही किया। झांसा देकर अकाउंट से जुड़ी जानकारी हासिल कर भी ऐसा किया जा सकता है।
खाते से कौन सा मोबाइल नंबर जुड़ा है इसकी जानकारी हासिल होने के बाद वह सिम किसके नाम से है, उसका एड्रेस प्रूफ या पहचान का दस्तावेज हासिल करना। इसके बाद थाने में सिम गायब होने की एफआईआर कराना। मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी से उसी नंबर का दूसरा सिम हासिल करना। डुप्लीकेट सिम कार्ड एक्टिवेट होने के 12 से 24 घंटे के अंदर पासवार्ड बदलकर खाते से रकम पार कर देना।
आशियाना के रिटायर्ड इंजीनियर के मामले में जालसाज ने आशियाना थाने में सिम गायब होने की बाकायदा रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनके पासपोर्ट की फोटोकॉपी लगाकर डुप्लीकेट सिम हासिल किया था। करीबी शख्स तो मोबाइल फोन हासिल कर भी ऐसा कर सकता है।बीएसएनएल के सेवानिवृत्त डीजीएम आरजे पांडेय बताते हैं कि अगर आपका नंबर अचानक खामोश हो कर डी-एक्टिवेट होने का संकेत देने लगे तो इसे सिम अथवा मोबाइल नेटवर्क की खराबी समझकर नजरअंदाज न करें।
एक घंटे से अधिक मोबाइल सिम के डी-एक्टिवेट होने का संकेत देने पर तत्काल मोबाइल ऑपरेटर के कस्टमर केयर सेंटर पर संपर्क कर अपने सिम नंबर का एक्टिवेशन चेक कराएं। पांडेय के मुताबिक जालसाज मिलीभगत से भी आपके दस्तावेज हासिल कर सकते हैं।
मसलन आपने कहीं किसी योजना में आवेदन कर रखा है वहां से भी मिलीभगत से ऐसा किया जा सकता है। लिहाजा आपका फोन खामोश हो तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
पत्नी के इशारे पर प्रेमी ने मार डाला उसका पति
नोएडा सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र के मकौड़ा गांव के पास ऑटो चालक केसराम उर्फ केसू को उसी की पत्नी के कहने पर मारा गया था। आरोपी महिला का एक स्कूल के बस चालक से संबंध था, जिसका केसू विरोध करता था। पुलिस ने पति की हत्या की साजिश रचने पर उसको गिरफ्तार कर लिया गया है।
सूरजपुर थाना प्रभारी समरजीत सिंह ने बताया कि साकीपुर निवासी केसू ऑटो चालक था। उसने� पत्नी राजवती को करीब डेढ़ साल पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे स्थित एक स्कूल में चपरासी के पद पर लगवाया था। वहां राजवती के संबंध बस चालक इटावा निवासी विमल से बन गए। करीब डेढ़ माह पहले स्कूल प्रबंधन ने राजवती और विमल को स्कूल से निकाल दिया था।
एक दिन राजवती अपने घर से चली गई थी और काफी दिन बाद हरियाणा से वापस आई थी। इसके बाद केसू और राजवती में विवाद रहने लगा। आरोप है कि 30 जून को केसू ने उससे मारपीट की थी, जिसके बाद राजवती के कहने पर विमल ने हत्या की योजना बनाई और 1 जुलाई की रात को ऑटो चालक केसू को जगत फार्म में मिल गया और वहां से जीटा तक जाने के लिए कहकर ले गया था। रास्ते में ही उसने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस का कहना है कि विमल को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
घटना के बाद पत्नी के पास आया था फोन
जब केसू को गोली लगी तो राजवती को विमल की कॉल आई थी। उसने कहा था कि केसू का काम कर दिया है। इसके बाद उसने घर में चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया था, जिससे परिजनों को संदेह न हो। मगर जब केसू को पुलिस अस्पताल ले जा रही थी तो उसने विमल और राजवती की कहानी बता दी थी।
फोन से मिला पुख्ता सुबुत
विमल ने जब केसू को गोली मारी थी तो उसने विरोध किया और मारपीट में केसू ने विमल का फोन झपट लिया था। वह किसी तरह� भाग तो गया था लेकिन फोन वहीं रह गया था। जब दोनों फोन को सर्च किया गया तो विमल के फोन में राजवती का नंबर और नाम था इसके अलावा उसका एक फोटो भी मिला था। पुलिस के मुताबिक, परिजनों ने बताया था कि केसू की किसी से दुश्मनी नहीं थी। उसका विवाद बस पत्नी से था। विमल लगातार घर पर आता-जाता रहता था, जिसका केसू विरोध करता था।
सूरजपुर थाना प्रभारी समरजीत सिंह ने बताया कि साकीपुर निवासी केसू ऑटो चालक था। उसने� पत्नी राजवती को करीब डेढ़ साल पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे स्थित एक स्कूल में चपरासी के पद पर लगवाया था। वहां राजवती के संबंध बस चालक इटावा निवासी विमल से बन गए। करीब डेढ़ माह पहले स्कूल प्रबंधन ने राजवती और विमल को स्कूल से निकाल दिया था।
एक दिन राजवती अपने घर से चली गई थी और काफी दिन बाद हरियाणा से वापस आई थी। इसके बाद केसू और राजवती में विवाद रहने लगा। आरोप है कि 30 जून को केसू ने उससे मारपीट की थी, जिसके बाद राजवती के कहने पर विमल ने हत्या की योजना बनाई और 1 जुलाई की रात को ऑटो चालक केसू को जगत फार्म में मिल गया और वहां से जीटा तक जाने के लिए कहकर ले गया था। रास्ते में ही उसने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस का कहना है कि विमल को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
घटना के बाद पत्नी के पास आया था फोन
जब केसू को गोली लगी तो राजवती को विमल की कॉल आई थी। उसने कहा था कि केसू का काम कर दिया है। इसके बाद उसने घर में चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया था, जिससे परिजनों को संदेह न हो। मगर जब केसू को पुलिस अस्पताल ले जा रही थी तो उसने विमल और राजवती की कहानी बता दी थी।
फोन से मिला पुख्ता सुबुत
विमल ने जब केसू को गोली मारी थी तो उसने विरोध किया और मारपीट में केसू ने विमल का फोन झपट लिया था। वह किसी तरह� भाग तो गया था लेकिन फोन वहीं रह गया था। जब दोनों फोन को सर्च किया गया तो विमल के फोन में राजवती का नंबर और नाम था इसके अलावा उसका एक फोटो भी मिला था। पुलिस के मुताबिक, परिजनों ने बताया था कि केसू की किसी से दुश्मनी नहीं थी। उसका विवाद बस पत्नी से था। विमल लगातार घर पर आता-जाता रहता था, जिसका केसू विरोध करता था।
गाजियाबाद फीस के लिए धूप में बनाया ‘मुर्गा’, छात्र हुआ बेहोश
गाजियाबाद के ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल में फीस न जमा करने पर नौवीं कक्षा के एक छात्र को करीब तीन घंटा मुर्गा बनाया है। छात्र के अभिभावक ने इस संबंध में डीएम से शिकायत की है।
डीएम ने एसएसपी को जांच करके कार्रवाई करने को कहा है। फीस मामले में आए दिन स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच टकराव की स्थिति बनती रहती है।
ताजा मामला ग्रीन फील्ड पब्लिक से जुड़ा है। संजय नगर सेक्टर 23 स्थित जाग्रति विहार निवासी रामपाल ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे गौरव पाल को वार्षिक फीस न देने पर टीचर द्वारा प्रताड़ित किया गया और उसे स्कूल से निकाल भी दिया गया है।स्कूल प्रतिवर्ष वार्षिक चार्ज के रूप में 5000 हजार रुपये लेता है। यह फीस मार्च में जमा करनी थी, मगर फीस का इंतजाम नहीं हो सका।
जुलाई में स्कूल खुलने पर फिर से फीस की डिमांड की गई। बीते बृहस्पतिवार को जब बेटा गौरव स्कूल गया तो बेइज्जत करते हुए पीटीआई विकास कुमार ने छत पर ले जाकर तीन घंटे मुर्गा बनाए रखा।
इस भीषण गर्मी में मुर्गा बनने से वह बेहोश भी हो गया। अभिभावक सामाजिक कल्याण समिति की संरक्षक किरन शर्मा ने बताया कि स्कूल ने बच्चे को प्रताड़ित किया है।स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई के लिए डीएम से शिकायत की गई है। डीएम ने मामले को एसएसपी को रेफर किया है। इधर, स्कूल के प्रबंधक पृथ्वी सिंह का कहना है कि यदि ऐसा हुआ है तो अभिभावकों को पहले मेरे पास आना चाहिए था।
वह जरूर हल निकालते। वैसे पीटीआई ने सिर्फ मौखिक ही फीस जमा करने को कहा था। फिलहाल अब वह खुद मामले की जांच करेंगे। हालांकि इस घटना के सामने आने के बाद से पूरे इलाके में इसकी चर्चा जोरों पर है।
डीएम ने एसएसपी को जांच करके कार्रवाई करने को कहा है। फीस मामले में आए दिन स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच टकराव की स्थिति बनती रहती है।
ताजा मामला ग्रीन फील्ड पब्लिक से जुड़ा है। संजय नगर सेक्टर 23 स्थित जाग्रति विहार निवासी रामपाल ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे गौरव पाल को वार्षिक फीस न देने पर टीचर द्वारा प्रताड़ित किया गया और उसे स्कूल से निकाल भी दिया गया है।स्कूल प्रतिवर्ष वार्षिक चार्ज के रूप में 5000 हजार रुपये लेता है। यह फीस मार्च में जमा करनी थी, मगर फीस का इंतजाम नहीं हो सका।
जुलाई में स्कूल खुलने पर फिर से फीस की डिमांड की गई। बीते बृहस्पतिवार को जब बेटा गौरव स्कूल गया तो बेइज्जत करते हुए पीटीआई विकास कुमार ने छत पर ले जाकर तीन घंटे मुर्गा बनाए रखा।
इस भीषण गर्मी में मुर्गा बनने से वह बेहोश भी हो गया। अभिभावक सामाजिक कल्याण समिति की संरक्षक किरन शर्मा ने बताया कि स्कूल ने बच्चे को प्रताड़ित किया है।स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई के लिए डीएम से शिकायत की गई है। डीएम ने मामले को एसएसपी को रेफर किया है। इधर, स्कूल के प्रबंधक पृथ्वी सिंह का कहना है कि यदि ऐसा हुआ है तो अभिभावकों को पहले मेरे पास आना चाहिए था।
वह जरूर हल निकालते। वैसे पीटीआई ने सिर्फ मौखिक ही फीस जमा करने को कहा था। फिलहाल अब वह खुद मामले की जांच करेंगे। हालांकि इस घटना के सामने आने के बाद से पूरे इलाके में इसकी चर्चा जोरों पर है।