मेरठ के एनएस इंटर कॉलेज में हिंदी प्रवक्ता के पद पर तैनात शिक्षिका मां की सौतेले बेटे द्वारा गोली मारकर हत्या करने के मामले में नया मोड़ सामने आया है। हत्या के पीछे पहले पुलिस संम्पत्ति विवाद और आपसी रंजिश का मामला मान रही थी। लेकिन अब मामले में पीछे नया मोड़ सामने आया है जो हैरान करने वाला है।
14 मई की सुबह कॉलेज गेट के निकट स्थित साइकिल स्टैंड के पास सौतेले बेटे ने शिक्षिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सरेराह महिला की हत्या से सनसनी फैल गई थी। वहीं हत्यारोपी पिस्टल लहराता हुआ फरार हो गया था।
शिक्षिका के पति ने श्रीचंद ने अपनी पूर्व पत्नी के बेटे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित शिवाजी रोड निवासी श्रीचंद्र चौहान की पत्नी कौशल रानी चौहान (54) एनएएस इंटर कॉलेज में हिंदी की प्रवक्ता थीं।
वह कौशल श्रीचंद्र चौहान की दूसरी पत्नी थीं। श्रीचंद्र की पहली शादी ग्राम ड्योडी, बागपत निवासी अंगूरी से हुई थी। अंगूरी से एक बेटा अरुण (44) और बेटी अरुणिमा हैं। श्रीचंद्र ने घरेलू विवाद के कारण 1982 में अंगूरी देवी को तलाक देकर कौशल रानी से शादी की थी। कौशल रानी से श्रीचंद्र चौहान को तीन बच्चे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने खुलासा किया है कि शिक्षिका की हत्या के पीछे 'अवैध संबंध' था।टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, आरोपी बेटा अरुण जब 19 साल का था तब से ही श्रीचंद और उसकी दूसरी पत्नी की हत्या के फिराक में था। आज से करीब 40 साल पहले संजय गांधी ने एक बड़ा नसबंदी अभियान चलाया था जिसमें टीचर श्रीचंद की भी जबरन नसबंदी कर दी गई थी।
1976 में नसबंदी होने के बाद टीचर श्रीचंद की पत्नी अंगूरी देवी ने कुछ साल बाद एक बेटे को जन्म दिया। इस घटना से परेशान श्रीचंद ने गुपचुप तरीके से यह जांच कराया कि बच्चा उसका है या किसी और का। जांच में पता चला कि बच्चा श्रीचंद से नहीं हुआ था। इसके बाद उसने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया।
अंगूरी देवी को तलाक देने के बाद श्रीचंद ने अपनी सहयोगी टीचर कौशल से दूसरी शादी कर ली। खास बात यह है कि अंगूरी देवी का पड़ोस के ही एक शख्स से चक्कर चल रहा और उसी से बच्चे का जन्म हुआ था।इधर अंगूरी देवी से अवैध संबंधों से पैदा हुआ बच्चा बड़ा हुआ तो अपने पिता से मां को तलाक देने के बदले जान से मारने की ठानी। आरोपी बेटा अरुण 1992 में जब 19 साल का था तब पहली बार अपने पिता श्रीचंद पर जानलेवा हमला किया था। लेकिन इस हमले को श्रीचंद ने लड़कपन समझ उसके खिलाफ यह सोच कर रिपोर्ट नहीं लिखाई थी कि वह अभी छोटा है और उससे गलती से ऐसा हुआ होगा।
इसके तीन साल बाद सन 1995 में अरुण ने अपनी सौतेली मां और पिता पर फिर फायरिंग की जिसमें श्रीचंद को कुछ छर्रे लगे थे। इस हमले में श्रीचंद ने अरुण के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई लेकिन मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो श्रीचंद को फिर दया आ गई और उसने अदालत में अरुण के खिलाफ दिए अपने बयान बदल लिए जिससे अरुण जेल से बाहर आ गया था।
इसके बाद अरुण ने 2008 में फिर दो-तीन बार जानलेवा हमला किया था लेकिन कौशल और श्रीचंद इन हमलों में बच गए थे। लेकिन इस बार 14 मई 2015 में जिस तरह से उसने हमला किया उसमें शिक्षिका कौशल की मौत हो गई और श्रीचंद भी मरने से बचे।बृहस्पतिवार सुबह लगभग 7:45 बजे कौशल रानी चौहान रोजाना की तरह घर से पैदल ही कॉलेज जा रही थीं। कॉलेज के साइकिल स्टैंड गेट के पास अरुण ने उन्हें देकर रोका और बिना कुछ कहे गोली चला दी थी। कौशल रानी डर के मारे पीछे हट गईं, जिससे पहली गोली खाली चली गई।
इसके बाद अरुण ने दोबारा पिस्टल लोड की और कनपटी से सटाकर कौशल को गोली मार कर दी थी। इससे वह गिर गई थीं। इसके बाद अरुण हवा में पिस्टल लहराते हुए फरार हो गया था। अरुण के हाथ में पिस्टल होने के कारण किसी ने उसका पीछा करने की हिम्मत नहीं की थी।
फैल गई सनसनी, मचा हड़कंप
स्कूल के बाहर गोली चलने से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। शिक्षक दीपक शर्मा ने बताया कि स्कूल में प्रार्थना शुरू होने वाली थी। कौशल रानी ही हर दिन राष्ट्रगान कराती थीं। बाहर गोली चलने पर एक बच्चा अंदर आया और राष्ट्रगान रोकते हुए बताया कि एक युवक ने कौशल रानी को गोली मारी दी है।
यह सुनकर प्रिंसिपल आभा शर्मा समेत सभी शिक्षक बाहर आए तो देखा कि कौशल जमीन पर पड़ी हैं। दीपक ने बताया कि आनन-फानन में उन्हें जसवंत राय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।
14 मई की सुबह कॉलेज गेट के निकट स्थित साइकिल स्टैंड के पास सौतेले बेटे ने शिक्षिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सरेराह महिला की हत्या से सनसनी फैल गई थी। वहीं हत्यारोपी पिस्टल लहराता हुआ फरार हो गया था।
शिक्षिका के पति ने श्रीचंद ने अपनी पूर्व पत्नी के बेटे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित शिवाजी रोड निवासी श्रीचंद्र चौहान की पत्नी कौशल रानी चौहान (54) एनएएस इंटर कॉलेज में हिंदी की प्रवक्ता थीं।
वह कौशल श्रीचंद्र चौहान की दूसरी पत्नी थीं। श्रीचंद्र की पहली शादी ग्राम ड्योडी, बागपत निवासी अंगूरी से हुई थी। अंगूरी से एक बेटा अरुण (44) और बेटी अरुणिमा हैं। श्रीचंद्र ने घरेलू विवाद के कारण 1982 में अंगूरी देवी को तलाक देकर कौशल रानी से शादी की थी। कौशल रानी से श्रीचंद्र चौहान को तीन बच्चे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने खुलासा किया है कि शिक्षिका की हत्या के पीछे 'अवैध संबंध' था।टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, आरोपी बेटा अरुण जब 19 साल का था तब से ही श्रीचंद और उसकी दूसरी पत्नी की हत्या के फिराक में था। आज से करीब 40 साल पहले संजय गांधी ने एक बड़ा नसबंदी अभियान चलाया था जिसमें टीचर श्रीचंद की भी जबरन नसबंदी कर दी गई थी।
1976 में नसबंदी होने के बाद टीचर श्रीचंद की पत्नी अंगूरी देवी ने कुछ साल बाद एक बेटे को जन्म दिया। इस घटना से परेशान श्रीचंद ने गुपचुप तरीके से यह जांच कराया कि बच्चा उसका है या किसी और का। जांच में पता चला कि बच्चा श्रीचंद से नहीं हुआ था। इसके बाद उसने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया।
अंगूरी देवी को तलाक देने के बाद श्रीचंद ने अपनी सहयोगी टीचर कौशल से दूसरी शादी कर ली। खास बात यह है कि अंगूरी देवी का पड़ोस के ही एक शख्स से चक्कर चल रहा और उसी से बच्चे का जन्म हुआ था।इधर अंगूरी देवी से अवैध संबंधों से पैदा हुआ बच्चा बड़ा हुआ तो अपने पिता से मां को तलाक देने के बदले जान से मारने की ठानी। आरोपी बेटा अरुण 1992 में जब 19 साल का था तब पहली बार अपने पिता श्रीचंद पर जानलेवा हमला किया था। लेकिन इस हमले को श्रीचंद ने लड़कपन समझ उसके खिलाफ यह सोच कर रिपोर्ट नहीं लिखाई थी कि वह अभी छोटा है और उससे गलती से ऐसा हुआ होगा।
इसके तीन साल बाद सन 1995 में अरुण ने अपनी सौतेली मां और पिता पर फिर फायरिंग की जिसमें श्रीचंद को कुछ छर्रे लगे थे। इस हमले में श्रीचंद ने अरुण के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई लेकिन मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो श्रीचंद को फिर दया आ गई और उसने अदालत में अरुण के खिलाफ दिए अपने बयान बदल लिए जिससे अरुण जेल से बाहर आ गया था।
इसके बाद अरुण ने 2008 में फिर दो-तीन बार जानलेवा हमला किया था लेकिन कौशल और श्रीचंद इन हमलों में बच गए थे। लेकिन इस बार 14 मई 2015 में जिस तरह से उसने हमला किया उसमें शिक्षिका कौशल की मौत हो गई और श्रीचंद भी मरने से बचे।बृहस्पतिवार सुबह लगभग 7:45 बजे कौशल रानी चौहान रोजाना की तरह घर से पैदल ही कॉलेज जा रही थीं। कॉलेज के साइकिल स्टैंड गेट के पास अरुण ने उन्हें देकर रोका और बिना कुछ कहे गोली चला दी थी। कौशल रानी डर के मारे पीछे हट गईं, जिससे पहली गोली खाली चली गई।
इसके बाद अरुण ने दोबारा पिस्टल लोड की और कनपटी से सटाकर कौशल को गोली मार कर दी थी। इससे वह गिर गई थीं। इसके बाद अरुण हवा में पिस्टल लहराते हुए फरार हो गया था। अरुण के हाथ में पिस्टल होने के कारण किसी ने उसका पीछा करने की हिम्मत नहीं की थी।
फैल गई सनसनी, मचा हड़कंप
स्कूल के बाहर गोली चलने से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। शिक्षक दीपक शर्मा ने बताया कि स्कूल में प्रार्थना शुरू होने वाली थी। कौशल रानी ही हर दिन राष्ट्रगान कराती थीं। बाहर गोली चलने पर एक बच्चा अंदर आया और राष्ट्रगान रोकते हुए बताया कि एक युवक ने कौशल रानी को गोली मारी दी है।
यह सुनकर प्रिंसिपल आभा शर्मा समेत सभी शिक्षक बाहर आए तो देखा कि कौशल जमीन पर पड़ी हैं। दीपक ने बताया कि आनन-फानन में उन्हें जसवंत राय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।
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