गाजियाबाद कौशांबी में एडवोकेट अयूब अली ने बेटे के ससुर और सिवालखास के सपा विधायक गुलाम मोहम्मद समेत छह लोगों के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई।
रिपोर्ट बृहस्पतिवार रात करीब 12 बजे दर्ज की गई और शुक्रवार शाम 8 बजे पुलिस ने एफआईआर से विधायक का नाम निकाल दिया।
एसएचओ इंदिरापुरम गोरखनाथ ने दावा किया कि अस्पताल की जिस सीसीटीवी फुटेज का हवाला देकर विधायक पर एडवोकेट के बेटे से मारपीट करने का आरोप लगाया गया था, वह फुटेज पुलिस ने देख ली है, उसमें विधायक नजर नहीं आ रहे हैं, लिहाजा उनका नाम निकाल दिया गया है। जांच जारी है।दूसरी तरफ, मेरठ में विधायक के बेटे की तरफ से अयूब अली और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अयूब अली को हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने फिलहाल इस प्रकरण को स्टे करते हुए मामले को मध्यस्थता केंद्र में सुलझाने के निर्देश दिए हैं।
अयूब अली ने जो एफआईआर दर्ज कराई है, उसमें लिखा है कि 24 नवंबर 2014 को गुलाम मोहम्मद की बेटी फातिमा की शादी उनके बेटे अजहर से हुई थी।
जनवरी 2014 में रिश्ता पक्का होने के बाद गुलाम मोहम्मद ने उनसे 25 लाख रुपये चुनाव लड़ने के लिए उधार लिए थे। आरोप है कि आर्थिक दिक्कत होने की बात कहकर उन्होंने शादी टालने को भी कहा था। मगर उन्होंने बिना दहेज लिए तय समय पर शादी की।बेटे के ठेकेदारी के बिजनेस के लिए विधायक से उधार दिए गए रुपये वापस मांगे, तो उन्होंने रुपये नहीं लौटाए। इसके बाद से ही फातिमा बीमार थी।
आरोप है कि 23 जुलाई को उसकी तबियत बिगड़ने के दौरान जब एडवोकेट के बेटे अजहर ने उसे कौशांबी के अस्पताल में भर्ती कराया तो विधायक ने बेटे सारिक, युवक अफजाल और तीन अज्ञात लोगों ने अजहर के साथ अस्पताल में ही मारपीट की।
घटना के अगले ही दिन शिकायत देने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर अयूब अली ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।हालांकि पुलिस ने बृहस्पतिवार रात ही मारपीट, जान से मारने की धमकी और अन्य धाराओं में विधायक, उनके बेटे सारिक, रिश्तेदार अफजाल और तीन अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली।
लेकिन शुक्रवार शाम यह कहते हुए विधायक का नाम एफआईआर से निकाल दिया कि अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज में विधायक मारपीट करते नजर नहीं आ रहे हैं।
बता दें कि 23 जुलाई को फातिमा की तबियत बिगड़ने के बाद गुलाम मोहम्मद ने एडवोकेट अयूब अली और उनके परिवार के खिलाफ बेटी को जहर देकर मारने की कोशिश की रिपोर्ट मेरठ में दर्ज कराई थी।
उधर, अयूब अली के बेटे अजहर ने इस मामले में हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बाला कृष्ण नारायण और न्यायमूर्ति विजय लक्ष्मी की बेंच ने इस मामले को दो सप्ताह के लिए स्टे कर दिया है। इसके साथ ही निर्देश दिया है कि मामले को मध्यस्थता केंद्र में सुलझाया जाए।
0 comments:
Post a Comment