हंसते-खेलते सुबह घरों से निकले थे लोग। क्या पता था, रास्ते में उनकी मौत आ जाएगी। दर्दनाक हादसे ने 15 लोगों की जिंदगी छीन ली। देखिए, हादसे का पूरा सच।हादसा, नवांशहर-जालंधर मार्ग पर कस्बा बहराम के पास बस पलटने से हुआ। हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई। नवांशहर सिविल अस्पताल में तो लाशों का ढेर लग गया था। लाशों की ज्यादा संख्या के कारण मोर्चरी में जगह कम पड़ गई।ओंकार बस सर्विस की बस नवांशहर से जालंधर के लिए रवाना हुई। टोल प्लाजा से पीछे मोड़ पर बस का ड्राइवर संतुलन खो बैठा। इससे बस पलट गई और सड़क किनारे पेड़ से जा टकराई। बस पलटने के बाद पेड़ ने बस की छत को दबा दिया जिससे उसमें सवार सवारियां दब गईं।हादसे के बाद ढाहां कलेरां व सिविल अस्पताल में हर तरफ चीख पुकार सुनाई दे रही थी। ढाहां में करीब 36 घायलों को भर्ती कराया गया। इन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए आई एंबुलेंस कम पड़ गई। वहीं घायलों की संख्या के हिसाब से अस्पताल में बेड भी कम थे।हादसे के बाद एक-एक कर घायलों के परिजन अस्पताल पहुंचते रहे। घायलों की तीमारदारी के लिए स्टाफ की कमी को देखते हुए ढाहां अस्पताल में नर्सिंग की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को मदद के लिए बुलाया गया। हर कोई एक दूसरे को दिलासा देता नजर आ रहा था।लाशों की ज्यादा संख्या के कारण मोर्चरी में जगह कम पड़ गई, जिस मृतक के रिश्तेदार अस्पताल पहुंचते पुलिस तुरंत उसके शव का पोस्टमार्टम करवाती। हादसे की भयावहता को देखते हुए अस्पताल में रक्तदान करने वालों की लाइन लग गई।हादसे के बाद पास ही खेतों में काम करने वाले कुछ युवक तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने देर किए बिना बस में फंसे शवों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। बुरी तरह फंसे घायलों को निकालने से पहले बस की सीटों को ट्रैक्टर की मदद से उखाड़ा गया। तब जाकर घायलों व मृतकों के शवों को बाहर निकाला जा सका। हादसे की भयावहता को देखते हुए अस्पताल में रक्तदान करने वालों की लाइन लग गई। हादसे के कुछ ही घंटे बाद करीब 18 लोगों ने रक्तदान किया। कई लोगों ने ब्लड बैंक में अपना नाम दर्ज करवाया और जरूरत पड़ने पर संपर्क करने की बात कही।
Saturday, 13 June 2015
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