भ्रष्टाचार के कई संगीन आरोपों से घिरे आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के संदर्भ में खुलासों की बढ़ती संख्या और विपक्ष के ताबड़तोड़ हमलों ने सरकार और भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है।
पूरे मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बाद अब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह के घिरने से पार्टी और सरकार सकते में हैं।
खासतौर से वसुंधरा की नाम का खुलासा न करने की कड़ी शर्त के साथ आव्रजन मामले में ललित मोदी के पक्ष में दी गई गवाही और ललित मोदी के दुष्यंत से जुड़ी कंपनी में 11.6 करोड़ रुपये के निवेश संबंधी नए आरोपों का पार्टी बचाव नहीं कर पा रही है।
इसके अलावा बुधवार को विदेश मंत्री की लंदन में ललित मोदी से हुई मुलाकात संबंधी नए खुलासे ने भी पार्टी के लिए प्रतिकूल सियासी परिस्थिति पैदा की है।चौतरफा घिरी सरकार अब ललित मोदी से जुड़े मामलों की जांच में तेजी लाकर बचाव की कोशिशों में जुटी है। इस क्रम में जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय की ओर से ललित मोदी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कदम उठाए जाने के संकेत दिए जा रहे हैं।
हालांकि, भाजपा, सरकार और संघ ने विदेश मंत्री के पक्ष में डटे रहने का संदेश दिया है जबकि वसुंधरा व दुष्यंत के खिलाफ लगे आरोपों पर पार्टी ने चुप्पी साध ली है।
इस बीच सफाई देने के लिए वसुंधरा के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से समय मांगने की रिपोर्ट सामने आई है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच जल्द मुलाकात हो सकती है।उल्लेखनीय है कि वसुंधरा पर ललित मोदी की पत्नी को इलाज के लिए दो बार पुर्तगाल ले जाने, आव्रजन मामले में नाम का खुलासा न करने की कड़ी शर्त के साथ मोदी के पक्ष में बयान देने के खुलासे पर पार्टी असमंजस में है। रही सही कसर वसुंधरा के बेटे की कंपनी में ललित मोदी के करोड़ों के निवेश संबंधी खुलासे ने निकाल दी है।
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि इन आरोपों को सुषमा से जुड़े आरोपों की तरह ही मानवीय आधार पर मदद कहकर ठुकराया नहीं जा सकता। यही कारण है कि पार्टी के रणनीतिकार अब नए आरोपों पर पलटवार का रास्ता ढूंढने के लिए माथापच्ची कर रहे हैं। पार्टी का यह भी मानना है कि विवाद भड़कने के बाद ललित मोदी खुलासा दर खुलासा कर वसुंधरा से अपना पुराना हिसाब चुकता कर रहे हैं।
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि कभी वसुंधरा और ललित मोदी के बीच पारिवारिक रिश्ते थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक फिलहाल की रणनीति ललित मोदी से जुड़े मामलों में सख्त रुख अपना कर आपराधिक मामलों के प्रति किसी कीमत पर समझौता न करने का संदेश देने की है। इस क्रम में ललित मोदी के खिलाफ हर संभव कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय को हरी झंडी दे दी गई है।
पूरे मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बाद अब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह के घिरने से पार्टी और सरकार सकते में हैं।
खासतौर से वसुंधरा की नाम का खुलासा न करने की कड़ी शर्त के साथ आव्रजन मामले में ललित मोदी के पक्ष में दी गई गवाही और ललित मोदी के दुष्यंत से जुड़ी कंपनी में 11.6 करोड़ रुपये के निवेश संबंधी नए आरोपों का पार्टी बचाव नहीं कर पा रही है।
इसके अलावा बुधवार को विदेश मंत्री की लंदन में ललित मोदी से हुई मुलाकात संबंधी नए खुलासे ने भी पार्टी के लिए प्रतिकूल सियासी परिस्थिति पैदा की है।चौतरफा घिरी सरकार अब ललित मोदी से जुड़े मामलों की जांच में तेजी लाकर बचाव की कोशिशों में जुटी है। इस क्रम में जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय की ओर से ललित मोदी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कदम उठाए जाने के संकेत दिए जा रहे हैं।
हालांकि, भाजपा, सरकार और संघ ने विदेश मंत्री के पक्ष में डटे रहने का संदेश दिया है जबकि वसुंधरा व दुष्यंत के खिलाफ लगे आरोपों पर पार्टी ने चुप्पी साध ली है।
इस बीच सफाई देने के लिए वसुंधरा के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से समय मांगने की रिपोर्ट सामने आई है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच जल्द मुलाकात हो सकती है।उल्लेखनीय है कि वसुंधरा पर ललित मोदी की पत्नी को इलाज के लिए दो बार पुर्तगाल ले जाने, आव्रजन मामले में नाम का खुलासा न करने की कड़ी शर्त के साथ मोदी के पक्ष में बयान देने के खुलासे पर पार्टी असमंजस में है। रही सही कसर वसुंधरा के बेटे की कंपनी में ललित मोदी के करोड़ों के निवेश संबंधी खुलासे ने निकाल दी है।
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि इन आरोपों को सुषमा से जुड़े आरोपों की तरह ही मानवीय आधार पर मदद कहकर ठुकराया नहीं जा सकता। यही कारण है कि पार्टी के रणनीतिकार अब नए आरोपों पर पलटवार का रास्ता ढूंढने के लिए माथापच्ची कर रहे हैं। पार्टी का यह भी मानना है कि विवाद भड़कने के बाद ललित मोदी खुलासा दर खुलासा कर वसुंधरा से अपना पुराना हिसाब चुकता कर रहे हैं।
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि कभी वसुंधरा और ललित मोदी के बीच पारिवारिक रिश्ते थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक फिलहाल की रणनीति ललित मोदी से जुड़े मामलों में सख्त रुख अपना कर आपराधिक मामलों के प्रति किसी कीमत पर समझौता न करने का संदेश देने की है। इस क्रम में ललित मोदी के खिलाफ हर संभव कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय को हरी झंडी दे दी गई है।
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