एंटवर्प। भारतीय महिला हॉकी टीम शनिवार को इतिहास रचने की दहलीज पर पहुंच गई हैं। रितु रानी के नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम 36 साल के बाद ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने के बहुत करीब है। वैसे तो भारतीय महिला हॉकी टीम ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा अक्टूबर में होगी।
गोलकीपर सविता के कई बेहतरीन बचाव की बदौलत भारत ने ओलिंपिक में क्वालिफाई करने की अपनी उम्मीदों को जीवित रखा है। भारत ने हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइल्स में शनिवार को जापान को 1-0 से हराकर पांचवा स्थान हासिल किया।
भारत की तरफ से 13वें मिनट में रानी रामपाल ने मैच विजयी गोल किया। दरअसल, वंदना कटारिया ने पहले गोल करने के लिए स्टिक घुमाई थी, लेकिन जापानी गोलकीपर ने उनका प्रयास विफल कर दिया था। रानी ने गेंद छीनकर गोल दाग दिया।
मगर दिन की स्टार गोलकीपर सविता रहीं, जिन्होंने जापानी स्ट्राइकरों के आधे दर्जन से ज्यादा गोल करने के मौकों को रोका। आखिरी क्वार्टर में तो जापान ने पांच पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए और भारतीय घेरे पर कब्जा कर लिया था, लेकिन एक भी शॉट सविता को नहीं भेद पाया।
भारतीय टीम डिफेंस पर मजबूत बनने गई और सविता ने ओलिंपिक गेम्स में 36 साल के बाद क्वालिफाई करने के लिए रास्ता खोल दिया।
भारतीय महिला टीम ने ओलिंपिक में एकमात्र बार 1980 में क्वालिफाई किया है। वैसे पांचवां स्थान मिलने से भारत ने ओलिंपिक का टिकट तो तय कर लिया है। अब अलग टूर्नामेंट में जगह के हिसाब से उन्हें टिकट मिलना पक्का है।
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