नई दिल्ली (5 जुलाई): व्यापम घोटाले में आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह की मौत ने बहुत बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अभी तक ये आरोप कायम है कि अक्षय की मौत सामान्य नहीं थी। वो झाबुआ की जिस लड़की के परिवार का इंटरव्यू कर रहे थे उसे भी संदिग्ध तरीके से मार डाला गया था।
जब से बीजेपी की सरकार आई है तभी से व्यापम घोटाला जारी है और तभी से जांच भी चल रही है। जब इसका आकार बहुत विशाल हो गया तो हाईकोर्ट को दखल देनी पड़ी। लेकिन अगर रफ्तार देखें तो 15 साल की इस जांच का नतीजा अगले पंद्रह साल में भी नहीं आने वाला। हैरत ये है कि इतना कुछ हो जाने के बाद भी मध्य प्रदेश की सरकार अभी भी व्यापम घोटाले की ज्यादा बड़ी और ऊंची जांच कराने को तैयार नहीं है।
मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के मेघनगर में आजतक समाचार चैनल के रिपोर्टर अक्षय सिंह की शनिवार को हुई रहस्यमयी मौत के बाद उनका पार्थिव शरीर आज दोपहर दिल्ली लाया गया। उनके अंतिम संस्कार के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी पहुंचे। साथ ही अंतिम संस्कार में कई पत्रकार भी शामिल हुए। निगम बोध घाट पर लोगों की ख़ासी भीड़ रही।
यही नहीं व्यापम घोटाले की जांच करनेवाली कमेटी के एक मेंबर और जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरुण शर्मा की दिल्ली में मौत हो गई है। आज सुबह होटल के स्टाफ ने डॉ अरुण शर्मा को उनके कमरे में मृत पाया। डॉ शर्मा की उम्र करीब 64 वर्ष थी।
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