गाजियाबाद पुलिस ऑफिस के सीसीटीएनएस विभाग में कार्यरत कांस्टेबल संदीप कुमार की पत्नी पूनम कश्यप (34) की 2012 की सिविल सर्विसेज परीक्षा की एक्स मेरिट लिस्ट में 46वीं रैंक आई है।
उन्होंने तीन बच्चों को परवरिश करते हुए और ट्यूशन पढ़ाकर यह परीक्षा पास की है। परीक्षा के दौरान वे बीमार थीं। इस वजह से उनका रिजल्ट रुक गया था, जो अब छह जुलाई को आया। उन्होंने आरक्षित कोटे से परीक्षा दी थी।
पूनम शामली के भोरांकला की रहने वाली हैं। दिसंबर 1999 में उनकी शादी शामली के एलम गांव निवासी संदीप से हुई। संदीप 1995 से यूपी पुलिस में कांस्टेबल हैं।
पूनम ने ससुराल जाकर दोबारा पढ़ाई शुरू की। जनता इंटर कॉलेज मेरठ में एडमीशन लिया। पीसीएम से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद डीएन कॉलेज मेरठ से उन्होंने बीएससी और फिर एमएससी की पढ़ाई की।इसके बाद घर पर बीएससी और एमएससी के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगीं। इस दौरान वह दो बेटियों तारा और हैंसी की मां बन चुकी थीं। संदीप ने उन्हें सिविल सर्विसेज की पढ़ाई के� लिए सपोर्ट किया।
मुखर्जी नगर स्थित चाणक्य इंस्टीट्यूट से चार माह पूनम ने कोचिंग ली। 2012 में मैथ्स से सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी। मेल के जरिए छह जुलाई को पूनम को सिविल सर्विसेज एग्जाम पास करने और 46वीं रैंक आने की जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
पूनम और संदीप अपने तीन बच्चों तारा (14), हैंसी (12) और आरव (डेढ़ वर्ष) के साथ रहते हैं। पूनम ने बताया कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं, देश की सेवा उनके लिए सर्वोपरि है। उत्तर प्रदेश कैडर को वह प्राथमिकता देंगी।पूनम के आईएएस बनने की कहानी ‘दिया और बाती’ टीवी सीरियल जैसी है। पूनम अपनी सफलता के पीछे पति का हाथ बताती हैं। कहती हैं कि पति की सपोर्ट की बदौलत ही इस मुकाम को हासिल कर पाईं।
पति ने हर कदम पर साथ दिया। वे बताती हैं कि सीसीएस यूनिवर्सिटी से एमएससी मार्कशीट लेने गई तो वहां पर आए डीएम का रुतबा देखा।
तभी आईएएस बनने का लक्ष्य बनाया। घर आकर यह बात पति से बताई। पति ने सपोर्ट किया तो मुखर्जी नगर में चार माह की कोचिंग ली और कड़ी मेहनत की।संदीप ने बताया कि पत्नी की ज्वाइनिंग के बाद वह वीआरएस लेने का मन बना रहे हैं। एसएसपी कार्यालय में पूनम की कामयाबी से बाकी पुलिसवाले भी उत्साहित हैं।
उनका कहना है कि पूनम ने इतिहास रचा है। मैथ्स से पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल करना बहुत बड़ी कामयाबी है। एसएसपी धर्मेंद्र सिंह और सीओ द्वितीय रणविजय सिंह ने पूनम की कामयाबी पर उन्हें बधाई दी।
पूनम के पिता डॉक्टर हैं, शामली में उनका क्लीनिक है। संदीप के पिता किसान हैं। दोनों परिवार के लोग खुश हैं। संदीप ने बताया कि पूनम की पढ़ाई में उनके परिजनों ने काफी मदद की।
उन्होंने तीन बच्चों को परवरिश करते हुए और ट्यूशन पढ़ाकर यह परीक्षा पास की है। परीक्षा के दौरान वे बीमार थीं। इस वजह से उनका रिजल्ट रुक गया था, जो अब छह जुलाई को आया। उन्होंने आरक्षित कोटे से परीक्षा दी थी।
पूनम शामली के भोरांकला की रहने वाली हैं। दिसंबर 1999 में उनकी शादी शामली के एलम गांव निवासी संदीप से हुई। संदीप 1995 से यूपी पुलिस में कांस्टेबल हैं।
पूनम ने ससुराल जाकर दोबारा पढ़ाई शुरू की। जनता इंटर कॉलेज मेरठ में एडमीशन लिया। पीसीएम से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद डीएन कॉलेज मेरठ से उन्होंने बीएससी और फिर एमएससी की पढ़ाई की।इसके बाद घर पर बीएससी और एमएससी के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगीं। इस दौरान वह दो बेटियों तारा और हैंसी की मां बन चुकी थीं। संदीप ने उन्हें सिविल सर्विसेज की पढ़ाई के� लिए सपोर्ट किया।
मुखर्जी नगर स्थित चाणक्य इंस्टीट्यूट से चार माह पूनम ने कोचिंग ली। 2012 में मैथ्स से सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी। मेल के जरिए छह जुलाई को पूनम को सिविल सर्विसेज एग्जाम पास करने और 46वीं रैंक आने की जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
पूनम और संदीप अपने तीन बच्चों तारा (14), हैंसी (12) और आरव (डेढ़ वर्ष) के साथ रहते हैं। पूनम ने बताया कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं, देश की सेवा उनके लिए सर्वोपरि है। उत्तर प्रदेश कैडर को वह प्राथमिकता देंगी।पूनम के आईएएस बनने की कहानी ‘दिया और बाती’ टीवी सीरियल जैसी है। पूनम अपनी सफलता के पीछे पति का हाथ बताती हैं। कहती हैं कि पति की सपोर्ट की बदौलत ही इस मुकाम को हासिल कर पाईं।
पति ने हर कदम पर साथ दिया। वे बताती हैं कि सीसीएस यूनिवर्सिटी से एमएससी मार्कशीट लेने गई तो वहां पर आए डीएम का रुतबा देखा।
तभी आईएएस बनने का लक्ष्य बनाया। घर आकर यह बात पति से बताई। पति ने सपोर्ट किया तो मुखर्जी नगर में चार माह की कोचिंग ली और कड़ी मेहनत की।संदीप ने बताया कि पत्नी की ज्वाइनिंग के बाद वह वीआरएस लेने का मन बना रहे हैं। एसएसपी कार्यालय में पूनम की कामयाबी से बाकी पुलिसवाले भी उत्साहित हैं।
उनका कहना है कि पूनम ने इतिहास रचा है। मैथ्स से पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल करना बहुत बड़ी कामयाबी है। एसएसपी धर्मेंद्र सिंह और सीओ द्वितीय रणविजय सिंह ने पूनम की कामयाबी पर उन्हें बधाई दी।
पूनम के पिता डॉक्टर हैं, शामली में उनका क्लीनिक है। संदीप के पिता किसान हैं। दोनों परिवार के लोग खुश हैं। संदीप ने बताया कि पूनम की पढ़ाई में उनके परिजनों ने काफी मदद की।
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