पंजाब बैंक के कर्ज ने एक ही परिवार के एक महिला और 4 पुरूषों समेत पांच लोगों की जिंदगियां निगल लीं।� मामला पंजाब के बठिंडा का है। गांव दूनेवाला के रहने वाले एक किसान परिवार के पांच लोगों की बैंक के कर्ज ने जिंदगियां निगल ली हैं। इनमें से दो की तो बैंक के नोटिस आने के बाद हार्ट अटैक से मौत हो गई, जबकि तीन भाइयों ने स्प्रे पी कर खुदकुशी कर ली।इस परिवार में अब सिर्फ एक ही महिला बची है, जो अपने दो छोटे बच्चों के साथ गांव में रहती है और दिहाड़ी करके उनका पालन पोषण कर रही है। उसने प्रशासन से पेंशन की मांग की है। दूनेवाला के इस किसान परिवार में मौत का सिलसिला 2011 में शुरू हुआ। इसके बाद चार साल तक लगातार उक्त परिवार के लोग मौत के आगोश में चलते गए। परिवार की इकलौती बची महिला कुलविंदर कौर (30) ने बताया कि उनके ससुराल वालों के पास चार किला जमीन थी, जिस पर खेती करके घर का गुजारा चलता था। उस जमीन पर उन्होंने रामां के प्राइमरी सहकारी खेतीबाड़ी विकास बैंक से करीब पौने पांच लाख रुपये लोन लिया था। खेतों में फसल को कुदरती नुकसान होने से वे कर्ज वापस नहीं कर पाए। कुछ समय बाद बैंक के आए नोटिस से परेशान उसकी सास की जून 2011 में हार्ट अटैक से मौत हो गई।इसके चार माह बाद फिर जब कुदरती आफत से उनकी खेतों में खड़ी फसल नष्ट हो गई तो बैंक को कर्ज न वापस न कर पाने से परेशान उसके जोड़े देवर गुरप्रीत सिंह और गुरजीत सिंह (25) ने स्प्रे पीकर खुदकुशी कर ली। अभी उनकी मौत का दुख भुला नहीं था कि उसका ससुर दर्शन सिंह की भी 2012 कर्जे के चलते परेशान रहने की वजह से हार्ट अटैक से मौत हो गई।कुलविंदर कौर पर उस समय दुखों का पहाड़ और टूट पड़ा जब उसके पति गुरलाभ सिंह (32) ने बैंक से कर्जे संबंधी आ रहे नोटिसों से परेशान होकर इसी वर्ष अप्रैल में खुदकुशी कर ली। अब कुलविंदर कौर अपने दो छोटे बच्चे सुखविंदर कौर (11) और अमृतपाल सिंह (9) के साथ रह रही है। कुलविंदर मनरेगा के तहत दिहाड़ी करके अपना जीवन बसर कर रही है।कुलविंदर कौर ने बताया कि जिला प्रशासन ने अब तक उसकी पेंशन नहीं लगाई और न ही प्रदेश सरकार के किसी नुमाइंदे ने उनकी कोई आर्थिक सहायता की है। दूनेवाला के सरपंच प्रेम सिंह का कहना था कि वे गांव के अन्य लोगों की सहायता से पीड़ित परिवार के साथ खडे़ हैं। उनकी अपने स्तर पर भी सहायता कर रहे हैं। कुलविंदर कौर की जल्द ही पेंशन भी लगवा दी जाएगी।
Saturday, 20 June 2015
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» बैंक का कर्ज, 4 साल और 5 जिंदगियां खत्म...दर्दनाक कहानी
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