Saturday, 20 June 2015

अनुठी मिसाल: आठ बार के सांसद की मास्टरनी बेटी बेच रही है आम

आठ बार सांसद और लोकसभा के डिप्टी स्पीकर रह चुके कड़िया मुंडा की बेटी चंद्रावती सारू पेशे से शिक्षिका हैं. बगीचे में जरूरत से ज्यादा आम हुए हैं तो उन्हें सड़क किनारे बैठकर बेचने में यह बात आड़े नहीं आई कि वे झारखंड के बड़े नेता की बेटी हैं.

आठ बार सांसद, चार बार केंद्रीय मंत्री और दो बार विधायक रहे करिया का जीवन आज के राजनेताओं के लिए एक मिसाल है. व्यक्तिगत जीवन बिल्कुल वैसा ही जैसा अब से चार दशक पहले था, जब वह पहली बार सांसद चुने गए थे.

आदिवासियों के झारखंड के संसद में अकेले प्रतिनिधि हैं. आज भी गांव आते हैं तो वैसे ही खेतों में हल-कुदाल चलाते हैं, तालाब में नहाते हैं. अपने पिता के ही नक्श ए कदम पर चलती चन्द्रावती का कहना है कि वे आम बिक्री से जो पैसा आता है उससे जरूरतमन्द लोगों की मदद करती हैं.

नक्सली हिंसा के लिए देश के सबसे खतरनाक खूंटी जिले में नक्सलवाद का दंश सबसे अधिक खूंटी की युवा पीढ़ी ही झेल रही है, यही वजह है कि चंद्रावती अपने इस प्रयास को बहुत आगे तक बढ़ाना चाहती है. उनका कहना है की आज की पीढ़ी को सन्देश देना है कि जो खेती करने से शरमाते है उनको प्रेरणा मिलेगी.

आज के दौर में जहां युवा पीढ़ी खेती से किनारा कर शहरों की तरफ अपना रुख करने में लगे है, वहीं चंद्रावती सारू करिया मुंडा की बेटी होने के बावजूद अपने परम्परिक वजूद को बचाने में लगी हुई है.

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