Wednesday, 17 June 2015

रियासत को 2437 करोड़ रुपये का नया पुनर्निर्माण पैकेज

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए 2437 करोड़ रुपये के ताजा पुनर्निर्माण पैकेज का एलान किया है। यह राशि राज्य में पिछले साल आई बाढ़ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 2602 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संयुक्त रूप से इस पैकेज का ऐलान किया।

दोनों ने कहा कि राज्य में बाढ़ में टूटे 75 हजार कच्चे मकानों को बनाने, पर्यटन को बढ़ाने और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकीं सड़कों की मरम्मत के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया जाएगा।

इसी पैकेज से 500 करोड़ की राहत राशि और 1000 करोड़ लोगों के नुकसान की भरपाई के लिए दिए जाएंगे।जेटली ने बताया कि राज्य ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे को दुरुस्त करने और बीपीएल दर पर अतिरिक्त अनाज की मांग की है। इस दिशा में जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा। जेटली के मुताबिक बाढ़ के नुकसान से उबरने के बाद राज्य के विकास के लिए अलग से धन उपलब्ध कराया जाएगा।

इसके लिए नीति आयोग के सीईओ और व्यय सचिव राज्य का भ्रमण कर योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं। पैकेज की घोषणा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य के तीनों क्षेत्र, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के संतुलित विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

सरकार की मंशा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केंद्र एक साल के भीतर राज्य को 50 हजार करोड़ दे रहा है। राज्य की 12 जगहों को पर्यटन के लिहाज से और विकसित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि रियासत में चुनाव के बाद वहां एक लोकप्रिय सरकार का गठन हुआ है और सरकार के विकास एजेंडे को पूरा करने में केंद्र हर तरह से मदद करेगा।जेटली ने कहा कि विकास के कार्य पूरी गति से हो रहे हैं। पिछले साल आई बाढ़ ने हर खित्ते को प्रभावित किया है। उस समय प्रधानमंत्री राहत कोष से 770 करोड़ और स्टेट व नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड से 1602 करोड़ रुपये दिए गए थे।

प्रधानमंत्री जब जम्मू कश्मीर गए थे तो उन्होंने एक हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी। केंद्र गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले लोगों को अन्न उपलब्ध करवाने के अलावा जम्मू-श्रीनगर हाईवे की मरम्मत को अनुमति दे दी गई है।

प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद कार्मिक मामलों के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री ने बाढ़ के तुरंत बाद राज्य का दौरा किया था। पीएम दीवाली के दिन भी घाटी में ही मौजूद थे।

पूरी दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी देश के प्रधानमंत्री ने इस शिद्दत से बाढ़ पीड़ित क्षेत्र का दौरा किया।गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया है कि हिंसा प्रभावित जम्मू-कश्मीर में हालात सुधरे हैं। आतंकवादी घटनाओं में 25 फीसदी की कमी आई है। राजनाथ ने जम्मू-कश्मीर के लिए अतिरिक्त पुनर्निर्माण पैकेज का ऐलान करते हुए कहा कि किसी भी देश या राज्य में विकास के लिए पहली शर्त यह होती है कि वहां शांति और सुरक्षा का माहौल होना चाहिए।

मैं आपसे कहना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। हिंसा के स्तर में कमी आई है। यहां तक कि आतंकवादी घटनाओं में भी कमी देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए शांति और सुरक्षा के माहौल की जरूरत होती है। सूबे में यह वातावरण लगातार बनाया जा रहा है।

राजनाथ सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ हफ्तों में अज्ञात लोगों द्वारा कई लोगों की हत्या हो चुकी है। अलगाववादियों ने कुछ मोबाइल टावरों को भी उड़ा दिया है।केंद्र सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए रियासत को जारी फंड पर जम्मू-कश्मीर के विपक्ष ने असंतोष जाहिर किया है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रेसीडेंट उमर अब्दुल्ला इस पर टिप्पणी करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘खोदा पहाड़, निकला चूहा।’ जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से हुए नुकसान के बाद पुनर्वास के लिए केंद्र ने मंगलवार को 2,437 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

उमर ने आगे लिखा, ‘इस तरह छोटी-छोटी राशि जारी करने की बजाय आप हमें यह क्यों नहीं बताते कि 44,000 करोड़ रुपये के पैकेज में से कितनी राशि अनुमोदित की जा रही है।’ उल्लेखनीय है कि उमर सरकार ने बाढ़ के बाद केंद्र के पास 44 हजार करोड़ का पैकेज बनाकर भेजा था।

उमर ने कहा कि जब रियासत में चुनी हुई सरकार है तो ऐसे में विकास योजना को अंतिम रूप देने के लिए नीति आयोग के सीईओ और व्यय सचिव राज्य का भ्रमण करने आ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को आड़े हाथों लेते हुए लिखा, ‘मुख्यमंत्री और उनकी टीम किस लिए है? इसका मतलब है कि उनकी सोच में आपको विश्वास नहीं है या फिर वह योजना बनाने में पूरी तरह विफल हैं।’सीपीआई (एम) के प्रदेश सचिव मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि केंद्र द्वारा घोषित राहत पैकेज ‘काफी छोटा और देर से’ है। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि बाढ़ प्रभावितों के पुनर्वास के लिए मानवता वाला दृष्टिकोण रखें। तारीगामी ने कहा, ‘हमें इस सरकार से कोई उम्मीदें नहीं हैं और न ही कोई भ्रम था।

लेकिन सरकार कम से कम जम्मू कश्मीर के मामले में अन्य प्रदेशों के बराबर मदद तो कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि यदि हम पिछले साल की बाढ़ से हुए नुकसान को देखे तो घोषित राशि कुछ भी नहीं है। हजारों लोग अपने घर खो चुके हैं। व्यापारी वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। केंद्र सरकार को 44 हजार करोड़ रुपये के पैकेज पर विचार करे।

कश्मीर चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज ने भी घोषित पैकेज पर असंतोष जताया है। चैंबर प्रेसीडेंट आशिक शेख ने कहा, ‘यह पूरी तरह से निराशाजनक है। हम उम्मीद कर रहे थे कि बाढ़ से हुए नुकसान पर विचार करने के बाद अच्छा पैकेज मिलेगा, लेकिन वैसे कुछ नहीं आ रहा।

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