Sunday, 28 June 2015

दिल्ली की महिलाएं क्यों कर रही हैं हेलमेट से तौबा

ट्रैफिक नियम तो ठीक हैं, लेकिन हेलमेट की बात न बाबा ना...। जी हां राजधानी में महिलाओं के लिए हेलमेट पहनने का नियम लागू करने के बाद भी इसे पहनने से कतरा रही हैं।

यह हम नहीं दिल्ली पुलिस के आंकड़े कह रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करैं तो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस बगैर हेलमेट के 1.52 लाख से अधिक महिलाओं के चालान काट चुकी है।

कमाल की बात है कि महिलाएं बाकी सभी यातायात के नियम बढ़िया तरीके से पालन कर रही हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैफिक सिग्नल जंप करने के लिए एक जनवरी 2015 से 31 मई 2015 के बीच 2,82,234 पुरुषों के चालान काटे गए थे।इसी अवधि में सिर्फ छह महिलाओं के ट्रैफिक सिग्नल जंप करने के चालान काटे गए। वहीं शराब पीकर गाड़ी चलाने के लिए 14,850 पुरुष वाहन चालकों के चालान काटे गए।

यहां सिर्फ दो ही महिलाएं ऐसी मिलीं। इसी तरह ओवर स्पीड की बात करें तो पुरुषों में 1,32,529 के चालान काटे गए। वहीं महिलाआें में यह आंकड़ा सिर्फ 12 का रहा।

दूसरी ओर अगर हेलमेट पहनकर दुपहिया चलाने या पीछे बैठने की बात करें तो 28 अगस्त 2014 से 31 मई 2015 के बीच 1,52,918 महिलाओं के चालान काटे गए।आंकड़े बयां करते हैं कि पुलिस की सख्ती के बाद भी महिलाएं दुपहिया वाहनों पर हेलमेट पहनने से कतरा रहीं हैं।

मामले पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त मुक्तेश चंदर ने बताया कि उनकी प्राथमिकता है कि राजधानी में चलने वाला हर वाहन चालक सुरक्षित हो।� जो भी वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

इसमें चाहे महिला वाहन चालक हो या पुरुष। विशेष आयुक्त ने राजधानी के सभी लोगों से यातायात नियमों का पालन करने के लिए कहा है।

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