Monday, 6 July 2015

बिन ब्याही मांओं को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा तोहफा

देश के सर्वोच्च न्यायालय ने आज अपने एक ऐतिहासिक फैसले में ये बात कही है कि अविवाहित मां बच्चे के पिता की मंजूरी के बगैर भी उसकी कानूनी अभिभावक बन सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक अविवाहित मां की याचिका की सुनवाई करते हुए उसे मंजूर कर लिया है। अदालत ने निचली अदालत को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है।

गौरतलब है कि दिल्ली की एक अविवाहित मां ने अपने बच्चे की कानूनी तौर पर अभिभावक बनने के लिए अदालत में अर्जी दी थी।गौरतलब है कि दिल्ली की एक महिला ने अदालत में जब बच्चे की अभिभावक बनने की याचिका दी तो निचली अदालत ने उसे 'गार्जियनशिप एंड वार्ड्स एक्ट' के अनुसार उसे बच्चे के पिता से मंजूरी लेने के लिए कहा।

जब महिला ने ऐसा करने में असमर्थता जताई जिसकी वजह से अदालत ने उसकी याचिका ठुकरा दी। इसके बाद महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

हाईकोर्ट में महिला ने बताया कि बच्चे के पिता को बच्चे के बारे में कुछ भी नहीं पता है। वो नहीं जानता कि उसका कोई बच्चा भी है। बच्चे के पालन-पोषण से उसका कोई लेना-देना नहीं है।

महिला का कहना था कि अगर पिता को पता भी चला तो दोनों ही पक्षों को परेशानी हो सकती है। महिला की ये दलील सुनने के बावजूद हाईकोर्ट ने उसकी याचिका ‌खारिज कर दी।

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