नई दिल्ली (20 जुलाई): मानसून सत्र को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्य दलों से भूमि अधिग्रहण बिल पर आगे बढ़ने की अपील की। इसके बाद खबरें आ रहीं हैं कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने इस बिल को लेकर अपना रुख नरम किया है, लेकिन शर्त यह है कि इसमें कुछ बदलाव किए जाएं।
खबरों के अनुसार सर्वदलीय बैठक के बाद सपा नेता रामगोपाल यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए संकेत दिए हैं कि वर्तमान बिल में गैर-जरूरी बदलाव किए गए हैं। इस पर वो सरकार को समर्थन नहीं देंगे, लेकिन सरकार अगर इसमें कुछ बदलाव करती है तो बात बन सकती है। वहीं सूत्रों के अनुसार बसपा ने भी बिल में बदलाव के बाद कुछ शर्तो पर समर्थन की और इशारा किया है।
हालांकि, कांग्रेस समेत अन्य दलों ने सत्र के हंगामेदार होने के संकेत दिये हैं। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दल ललित मोदी प्रकरण में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे का नाम जुड़ने के कारण इन्हें हटाये जाने और व्यापमं घोटाले के मद्देनजर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस नेता अजय कुमार का कहना है कि वर्तमान कानून भूमि लूटने वाला कानून है। अगर सरकार पुराने बिल को वापस लाती है तो इस मुद्दे पर बात की जा सकती है।
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