Friday, 3 July 2015

केजरीवाल के बंगले में लगे बिजली के मीटर में घपला, मिलेगा नोटिस

नई  दिल्ली अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास में केवल जून महीने में ही 1.35 लाख रुपये की बिजली इस्तेमाल कर डाली। इतना ही नहीं उनके बंगले में लगे बिजली के मीटरों के बारे में गलत जानकारी देने का भी मामला सामने आया है।

इसे देखते हुए बंगले में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी टाटा पावर ने सीएम आवास को नोटिस भेजने का फैसला किया है। कंपनी का आरोप है कि सीएम बंगले में लगे दूसरे मीटर का व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा है जबकि इसके बारे में कंपनी को कोई जानकारी नहीं दी गई।

असल में केजरीवाल के सरकारी बंगले 6 प्लैग स्टॉफ रोड में दो मीटर लगे हैं। इस बंगले को दो भागों में बांटा गया जिनमें से एक का इस्तेमाल ऑफिस के तौर पर किया जाता है।बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी का आरोप है कि बंगले में सरकारी उपयोग के लिए इस्तेमाल होने वाले मीटर को व्यासायिक श्रेणी में रखा जाना चाहिए। लेकिन इसे भी निजी इस्तेमाल वाले मीटर की श्रेणी में ही दिखाया गया है।

सूत्रों की मानें तो केजरीवाल के बंगले में लगे एक मीटर की क्षमता 34 किलोवाट है जबकि, दूसरा मीटर 70 किलोवाट की क्षमता वाला है।

दूसरे मीटर का इस्तेमाल केजरीवाल बंगले में ही बने अपने ऑफिस में करते हैं। इसी ऑफिस में उनका जनता दरबार भी लगाया जाता है।

कंपनी का कहना है कि अप्रैल में केजरीवाल के इस बंगले में शिफ्ट होने से पहले यहां के मीटर की कुल क्षमता 70 किलोवाट थी। लेकिन अप्रैल में पीडब्लूडी ने इसे 104 किलोवाट करने का आवेदन दिया।इसी आवेदन में दोनों कनेक्‍शन को घरेलू उपयोग वाले मीटर की श्रेणी में रखने की बात की गई थी। कंपनी इसी आवेदन को आधार बना कर सीएम आवास को नोटिस भेजने की योजना बना रही है।

जून महीने में केजरीवाल के सरकारी आवास के एक मीटर में कुल 2,510 यूनिट बिजली खर्च की गई जिसका बिल 22,689 रुपये है। जबकि दूसरे मीटर में कुल 11,637 यूनिट बिलजी की खपत हुई है जिसका बिल 1,13,598 रुपये बनता है।

ऐसे में अगर बिलजी सप्लाई करने वाली कंपनी ने दूसरे मीटर को व्यावसायिक श्रेणी में डाल दिया तो यह बिल कई गुना बढ़ सकता है क्योंकि कमर्शियल श्रेणी के बिजली की दरे कई गुना ज्यादा है।

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