ग़ज़ियाबाद दीनदयालपुरी में मामूली जिंदगी जी रहे तीन व्यक्ति रातों-रात करोड़पति बन गए। तीनों के संजयनगर सेक्टर-23 स्थित सर्व यूपी ग्रामीण बैंक अकाउंट में अज्ञात स्रोत से 99-99 लाख रुपये (2.97 करोड़) आ गए।
बैंकवालों को शक हुआ तो उन्होंने शुक्रवार को चेक बुक इश्यू कराने आईं दो महिलाओं समेत चार लोगों को पकड़कर कविनगर पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
बैंक प्रबंधक ने तीनों के खाते सीज कर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया है।
एसएचओ अशोक सिसौदिया के मुताबिक, आरोपियों का कहना है कि यह पैसा शामली के अरुण चौधरी नाम के प्रॉपर्टी डीलर का है। उसने उनके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कराया है।
पुलिस जांच कर रही है कि अरुण कुमार कौन है? उसने पैसा कहां से मंगवाया। सर्व यूपी ग्रामीण बैंक पीएनबी द्वारा वित्त पोषित बैंक है। संजयनगर सेक्टर-23 में इसकी ब्रांच है।
बैंक अधिकारियों के मुताबिक बृहस्पतिवार को जब बैंक खुला तो रुटीन के तहत बैंक की जमा धनराशि चेक की गई। तीन अकाउंट में 8 जुलाई को 99-99 लाख करके दो करोड़ 97 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।
ये अकाउंट नंदग्राम की दीनदयालपुरी निवासी सीमा देवी, शोभा देवी और खूबलाल के हैं। धनराशि सर्व यूपी ग्रामीण बैंक की मुजफ्फरनगर की राठेरी शाखा से ट्रांसफर की गई थी।
धनराशि क्रेडिट ट्रांसफर के जरिए अकाउंट में आई थी। जांच में संदिग्ध लगने पर तीनों खातों को सीज कर दिया गया। इनमें से 46 हजार रुपये ये लोग एटीएम के जरिए निकाल चुके हैं।
बृहस्पतिवार को इन्होंने चेक बुक इश्यू कराने के लिए आवेदन किया था। शुक्रवार को ये तीनों और शोभा का पति पूरणमासी बैंक शाखा में चेकबुक लेने आए तो इन्हें पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर� दिया गया।
पकड़े गए आरोपियों में सीमा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। शोभा घरेलू महिला है, इसका पति पूरणमासी मजदूरी करता है और खूब लाल परचून की दुकान करता है।
ये दिया था झांसा
आरोपियों ने बताया कि अरुण ने प्लान बनाया था कि खाते में रकम आने के बाद खूबलाल, सीमा और शोभा को वह जितनी रकम आएगी उसका एक प्रतिशत यानि लाखों रुपये देगा।
बोले आरोपी
सीमा ने बताया कि वह इस बारे में नहीं जानती थी, गेम की प्लानिंग पूर्णमासी ने अरुण के साथ मिलकर की थी। पूर्णमासी के कहने पर ही वह बैंक की गारेंटर बनी। पूर्णमासी ने अपनी पत्नी शोभा और दोस्त खूबलाल का खाता बैंक में खुलवा दिया।
बैंक स्टाफ भी जांच के घेरे में, अरुण की तलाश�
2.97 करोड़ बैंक अकाउंट में आने के मामले में बैंक का स्टाफ भी जांच के घेरे में है। एसएचओ ने बताया कि इतनी मोटी रकम को जिस वक्त जमा किया गया, उस वक्त बैंक के कर्मचारियों का ध्यान क्यों नहीं गया।
बैंक कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। बैंक प्रबंधक ने तहरीर में लिखा है कि जांच में पाया गया कि यह धनराशि बैंक की मुजफ्फरनगर क्षेत्र की अन्य शाखा राठेरी के उचन्त सैनवेट खाते से जो कि बैंक का ऑफिस खाता है, से नामे किए गए और तीनों खाताधारकों के खातों में जमा अंतरित किए गए। षडयंत्र के तहत ऐसा किया गया।
गिरफ्तार आरोपी पूरणमासी ने बताया कि करीब दो साल पहले यूनुस नाम का व्यक्ति उनका पड़ोसी था, यूनुस के संपर्क में अरुण चौधरी था। यूनुस की दोस्ती मुझसे थी।
दो साल पहले यूनुस ने यह कहकर मुझे अरुण से यह कहकर मिलवाया था कि अरुण बड़ा बिल्डर है। कई बडे़ बड़े भवनों का ठेका लेता है, तुम्हें भी झिर्री काटने का ठेका दिला देगा।
उसी के जरिए ही खूबलाल, शोभा और सीमा भी अरुण के संपर्क� में आए थे। हाल ही में अरुण उनसे मिला था। कहा था कि उसे तीन खाताधारक चाहिए, जिनका अकाउंट सर्व यूपी ग्रामीण बैंक में हो, उसका मोटा पैसा आने वाला है। तब शोभा और खूबलाल ने अकाउंट खुलवाए थे।
मौके से भागा अरुण!
सूत्रों का दावा है कि शुक्रवार को बैंक में तथाकथित अरुण नाम का व्यक्ति भी आरोपियों के साथ पहुंचा था, लेकिन जब बैंक कर्मचारियों ने दोनों पर शक जताया और पुलिस को कॉल की तो अरुण वहां से खिसक लिया।
सीमा बनी थी बैंक गारेंटर
सीमा आंगनबाडी कार्यकत्री है, उसका खाता सर्वयूपी ग्रामीण बैंक की सेक्टर-23 संजयनगर स्थित शाखा में है। वह बैंक गारेंटर बनी, जिसके� जरिए खूबलाल और शोभा ने अपना खाता खुलवाया।
बैंकवालों को शक हुआ तो उन्होंने शुक्रवार को चेक बुक इश्यू कराने आईं दो महिलाओं समेत चार लोगों को पकड़कर कविनगर पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
बैंक प्रबंधक ने तीनों के खाते सीज कर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया है।
एसएचओ अशोक सिसौदिया के मुताबिक, आरोपियों का कहना है कि यह पैसा शामली के अरुण चौधरी नाम के प्रॉपर्टी डीलर का है। उसने उनके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कराया है।
पुलिस जांच कर रही है कि अरुण कुमार कौन है? उसने पैसा कहां से मंगवाया। सर्व यूपी ग्रामीण बैंक पीएनबी द्वारा वित्त पोषित बैंक है। संजयनगर सेक्टर-23 में इसकी ब्रांच है।
बैंक अधिकारियों के मुताबिक बृहस्पतिवार को जब बैंक खुला तो रुटीन के तहत बैंक की जमा धनराशि चेक की गई। तीन अकाउंट में 8 जुलाई को 99-99 लाख करके दो करोड़ 97 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।
ये अकाउंट नंदग्राम की दीनदयालपुरी निवासी सीमा देवी, शोभा देवी और खूबलाल के हैं। धनराशि सर्व यूपी ग्रामीण बैंक की मुजफ्फरनगर की राठेरी शाखा से ट्रांसफर की गई थी।
धनराशि क्रेडिट ट्रांसफर के जरिए अकाउंट में आई थी। जांच में संदिग्ध लगने पर तीनों खातों को सीज कर दिया गया। इनमें से 46 हजार रुपये ये लोग एटीएम के जरिए निकाल चुके हैं।
बृहस्पतिवार को इन्होंने चेक बुक इश्यू कराने के लिए आवेदन किया था। शुक्रवार को ये तीनों और शोभा का पति पूरणमासी बैंक शाखा में चेकबुक लेने आए तो इन्हें पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर� दिया गया।
पकड़े गए आरोपियों में सीमा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। शोभा घरेलू महिला है, इसका पति पूरणमासी मजदूरी करता है और खूब लाल परचून की दुकान करता है।
ये दिया था झांसा
आरोपियों ने बताया कि अरुण ने प्लान बनाया था कि खाते में रकम आने के बाद खूबलाल, सीमा और शोभा को वह जितनी रकम आएगी उसका एक प्रतिशत यानि लाखों रुपये देगा।
बोले आरोपी
सीमा ने बताया कि वह इस बारे में नहीं जानती थी, गेम की प्लानिंग पूर्णमासी ने अरुण के साथ मिलकर की थी। पूर्णमासी के कहने पर ही वह बैंक की गारेंटर बनी। पूर्णमासी ने अपनी पत्नी शोभा और दोस्त खूबलाल का खाता बैंक में खुलवा दिया।
बैंक स्टाफ भी जांच के घेरे में, अरुण की तलाश�
2.97 करोड़ बैंक अकाउंट में आने के मामले में बैंक का स्टाफ भी जांच के घेरे में है। एसएचओ ने बताया कि इतनी मोटी रकम को जिस वक्त जमा किया गया, उस वक्त बैंक के कर्मचारियों का ध्यान क्यों नहीं गया।
बैंक कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। बैंक प्रबंधक ने तहरीर में लिखा है कि जांच में पाया गया कि यह धनराशि बैंक की मुजफ्फरनगर क्षेत्र की अन्य शाखा राठेरी के उचन्त सैनवेट खाते से जो कि बैंक का ऑफिस खाता है, से नामे किए गए और तीनों खाताधारकों के खातों में जमा अंतरित किए गए। षडयंत्र के तहत ऐसा किया गया।
गिरफ्तार आरोपी पूरणमासी ने बताया कि करीब दो साल पहले यूनुस नाम का व्यक्ति उनका पड़ोसी था, यूनुस के संपर्क में अरुण चौधरी था। यूनुस की दोस्ती मुझसे थी।
दो साल पहले यूनुस ने यह कहकर मुझे अरुण से यह कहकर मिलवाया था कि अरुण बड़ा बिल्डर है। कई बडे़ बड़े भवनों का ठेका लेता है, तुम्हें भी झिर्री काटने का ठेका दिला देगा।
उसी के जरिए ही खूबलाल, शोभा और सीमा भी अरुण के संपर्क� में आए थे। हाल ही में अरुण उनसे मिला था। कहा था कि उसे तीन खाताधारक चाहिए, जिनका अकाउंट सर्व यूपी ग्रामीण बैंक में हो, उसका मोटा पैसा आने वाला है। तब शोभा और खूबलाल ने अकाउंट खुलवाए थे।
मौके से भागा अरुण!
सूत्रों का दावा है कि शुक्रवार को बैंक में तथाकथित अरुण नाम का व्यक्ति भी आरोपियों के साथ पहुंचा था, लेकिन जब बैंक कर्मचारियों ने दोनों पर शक जताया और पुलिस को कॉल की तो अरुण वहां से खिसक लिया।
सीमा बनी थी बैंक गारेंटर
सीमा आंगनबाडी कार्यकत्री है, उसका खाता सर्वयूपी ग्रामीण बैंक की सेक्टर-23 संजयनगर स्थित शाखा में है। वह बैंक गारेंटर बनी, जिसके� जरिए खूबलाल और शोभा ने अपना खाता खुलवाया।
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