Saturday, 11 July 2015

रणबीर का सपना एक्टर बनना नहीं बल्कि....

मुंबई। बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर एक्टर से पहले निर्देशक बनना चाहते थे और आज भी इस सपने को पूरा करने के लिए तैयार हैं।

बातचीत के दौरान रणबीर ने बताया, 'एक्टर बनने से पहले मेरा उद्देश्य और मेरी लालसा निर्देशक बनने की थी। लेकिन इसमें स्टोरी कहने की जरूरत होती है जो कि मेरे पास नहीं है। दूसरी बात ये कि यह पेशा पूर्ण निस्वार्थ होता है। इसमें कई सारे लोगों और विभागों के लिए काम करते हैं और उन्हें क्रेडिट देते हैं जो कि बेहद मुश्किल होता है।'
उन्होंने बताया कि वे प्रेम ग्रन्थ और आ अब लौट चलें जैसी फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम पर चुके हैं। यहां तक कि एक्टिंग में कदम रखने से पहले से ही वे निर्देशन में रुचि रखते थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

एक्टर ने आगे कहा, 'कई बार मैं अच्छे निर्देशकों के साथ काम कर चुका हूं और एहसास भी किया है कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। पर्सनैलिटी को थोड़ा बदलना है। एक एक्टर के रूप में स्वार्थी बन जाते हैं और हम जो कर रहे हैं उसी में रह जाते हैं। निर्देशन ऐसा काम है, जिसे मैं करना चाहता हूं पर अभी तक उससे दूर हूं।'
रणबीर की आखिरी फिल्म 'बॉम्बे वेल्वेट' की काफी आलोचना की गई थी। कहा जा रहा था कि ये जरूरत से ज्यादा लंबी फिल्म थी। इसपर रणबीर ने 'डीडीएलजे', 'लगान' और 'हम आप के हैं कौन' जैसी फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा कि अच्छी फिल्में हमेशा लंबी ही होती हैं।
रणबीर ने कहा, 'मुझे लगता है कि छोटी फिल्में पॉपकॉर्न फिल्में होती हैं। लोग इन फिल्मों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। अगर फिल्म की स्टोरी अच्छी होती है तो घंटों तक ऑडियंस को बांधे रख सकती है।'

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