Saturday, 11 July 2015

रूस दौरे के बाद तुर्कमेनिस्तान पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, आज शाम जाएंगे किर्गिस्तान

नई दिल्‍ली/अश्‍गाबट : रूस दौरे को सफलतापूर्वक संपन्‍न करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी अपने मध्य एशिया के दौरे के तहत चौथे पड़ाव पर तुर्कमेनिस्तान के अशगाबट हवाईअड्डे पर पहुंचे। वह आज शाम किर्गिस्तान के लिए रवाना होंगे। इसके बाद पीएम ताजिकिस्तान भी जाएंगे।अश्‍गाबट में उनका जोरदार स्वागत किया गया। तुर्कमेनिस्तान का दौरा भले ही छोटा हो लेकिन यह दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इससे पहले पीवी नरसिम्हा राव ने 1995 में यहां का दौरा किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तुर्कमेनिस्तान में कई कार्यों में व्यस्त रहेंगे। मोदी यहां तुर्कमेनिस्तान गुरबंगुली बर्दिमुहम्मेदो से भी मुलाकात करेंगे। यहां शीर्ष नेतृत्व से बात करने के बाद प्रधानमंत्री महात्मा गांधी की मूर्ति का अनावरण करेंगे। इसके अलावा यहां योग सेंटर के उद्धाटन भी करेंगे। यहां प्रधानमंत्री कई अहम मुद्दों पर बात करेंगे जिसमें पाइपलाइन योजना पर भी बात होगी।
यहां पहुंचने के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘हेलो तुर्कमेनिस्तान। मैं भारत के लोगों की शुभकामनाएं साथ लाया हूं। फलदायी यात्रा को उत्सुक हूं।’ रूस के उफा में ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में शिरकत करने के अलावा वह उजबेकिस्तान और कजाकिस्तान का दौरा भी कर चुके हैं।
गौर हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन दिवसीय रूस यात्रा शुक्रवार को संपन्न हो गई। इस दौरान वह ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलनों में शामिल हुए। इसके अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और विश्व के अन्य नेताओं से उनकी अहम बातचीत हुई। मोदी ने छह देशों की अपनी यात्रा के चौथे चरण में तुर्कमेनिस्तान रवाना होने से पहले ट्वीट किया कि मैं रूस से रवाना हो गया, ब्रिक्स 2015 और एससीओ शिखर सम्मेलनों के दौरान जो कुछ हासिल हुआ, उससे पूरी तरह संतुष्ट हूं। बैठकें और बातचीत फायदेमंद रहीं। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मेरे रूस प्रवास के दौरान शानदार मेजबानी के लिए राष्ट्रपति (ब्लादिमीर) पुतिन को विशेष रूप से धन्यवाद। रूस प्रवास के दौरान मोदी पांच देशों के संगठन ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस सम्मेलन में आर्थिक और सुरक्षा सहयोग पर विशेष जोर रहा।
वह छह देशों के संगठन एससीओ के शिखर सम्मेलन का भी हिस्सा बने। एससीओ ने भारत को पूर्ण सदस्यता प्रदान करने का फैसला किया। शिखर सम्मेलनों से इतर उन्होंने शरीफ से मुलाकात की। इस दौरान संबंधों को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए।

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