Thursday, 9 July 2015
'यह वरदान है कि प्रधानमंत्री कुछ समय देश में भी गुजारते हैं'
पटना (9 जुलाई):बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह वरदान ही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में भी कुछ वक्त गुजारते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की प्रतिमा अनावरण के लिए आयोजित समारोह से अलग नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री का क्या कहा जा सकता है? वह विदेश जाते हैं। यह वरदान ही है कि वह देश में भी कुछ समय व्यतीत करते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस महीने के अंत में होने वाली मोदी की बिहार यात्रा की भी आलोचना भी की। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का प्रचार अभियान शुरू किए जाने की संभावना है।
नीतीश ने कहा कि वह सत्ता में आने के 14-15 महीने बाद बिहार को याद कर रहे हैं। नीतीश ने कहा यह देखने वाली बात होगी कि यहां आने पर प्रधानमंत्री किस तरह के पैकेज की घोषणा करते हैं, या फिर सिर्फ पैकेजिंग का काम करते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पारदर्शिता और ईमानदारी के भाजपा के दावों पर हमला बोलते हुए पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दावा किया कि केन्द्र में उसके एक वर्ष की सरकार में कोई घोटाला नहीं हुआ है, लेकिन अब रोज-रोज घोटाले सामने आ रहे हैं। घोटालों से मतलब सिर्फ धन का गबन नहीं होता। मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के मामले को भी उठाया और कहा कि शासन कर रहे लोगों को कानून का पालन करना चाहिए।
पूर्व प्रेमिका के साथ युवक को देखकर प्रेमी हुआ पागल
नोएडा अपनी पूर्व प्रेमिका के साथ अन्य युवक को देखकर प्रेमी ने अपना आपा खो दिया और गुस्से में सरेराह उक्त युवक की कार रोककर शीशे तोड़ डाले।
इतना ही नहीं उसे जान से मारने की धमकी देते हुए युवती से दूर रहने की हिदायत भी दी। बुराड़ी, दिल्ली निवासी रीना (30) (परिवर्तित नाम) सेक्टर-59 स्थित बी ब्लॉक में एमजीयू (महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी) में कोआर्डिनेटर है। डेढ़ वर्ष पूर्व रीना का प्रेम प्रसंग गुड़गांव निवासी हेमंत लोहिया से चल रहा था।
बाद में दोनों के बीच मनमुटाव हुआ और उनका ब्रेक अप हो गया। रीना का एक दोस्त शशांक शर्मा है जो अक्सर उसे यूनिवर्सिटी छोड़ने और लेने जाता है।
मंगलवार को शशांक अपनी वैगनआर कार से रीना को सुबह करीब 11 बजे एमजीयू यूनिवर्सिटी ड्रॉप किया और सेक्टर-62 स्थित एक ऑफिस में मीटिंग अटेंड करने जा रहा था।वो जैसे ही सेक्टर-62 लाल बत्ती पर पहुंचा उसे ओवरटेक कर हेमंत ने अपनी कार आगे रोक दी और शशांक की कार के बोनट पर चढ़कर लोहे के रॉड से शीशा तोड़ डाला।
इतना ही नहीं उसे रीना से दूर रहने की हिदायत देते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। इस मामले की सूचना फौरन शशांक ने पुलिस कंट्रोल रूम को दी और रीना को यूनिवर्सिटी से वापस ले कर सेक्टर-58 थाने पहुंच गया, जहां दोनों ने हेमंत के खिलाफ लिखित शिकायत दी।
वहीं, सेक्टर-58 पुलिस का कहना है कि उक्त शिकायत पर हेमंत को हिरासत में लिया गया था। बाद में दोनों पक्षों ने सुलह कर ली, जिसके बाद हेमंत को वार्निंग दे कर छोड़ दिया गया।
इतना ही नहीं उसे जान से मारने की धमकी देते हुए युवती से दूर रहने की हिदायत भी दी। बुराड़ी, दिल्ली निवासी रीना (30) (परिवर्तित नाम) सेक्टर-59 स्थित बी ब्लॉक में एमजीयू (महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी) में कोआर्डिनेटर है। डेढ़ वर्ष पूर्व रीना का प्रेम प्रसंग गुड़गांव निवासी हेमंत लोहिया से चल रहा था।
बाद में दोनों के बीच मनमुटाव हुआ और उनका ब्रेक अप हो गया। रीना का एक दोस्त शशांक शर्मा है जो अक्सर उसे यूनिवर्सिटी छोड़ने और लेने जाता है।
मंगलवार को शशांक अपनी वैगनआर कार से रीना को सुबह करीब 11 बजे एमजीयू यूनिवर्सिटी ड्रॉप किया और सेक्टर-62 स्थित एक ऑफिस में मीटिंग अटेंड करने जा रहा था।वो जैसे ही सेक्टर-62 लाल बत्ती पर पहुंचा उसे ओवरटेक कर हेमंत ने अपनी कार आगे रोक दी और शशांक की कार के बोनट पर चढ़कर लोहे के रॉड से शीशा तोड़ डाला।
इतना ही नहीं उसे रीना से दूर रहने की हिदायत देते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। इस मामले की सूचना फौरन शशांक ने पुलिस कंट्रोल रूम को दी और रीना को यूनिवर्सिटी से वापस ले कर सेक्टर-58 थाने पहुंच गया, जहां दोनों ने हेमंत के खिलाफ लिखित शिकायत दी।
वहीं, सेक्टर-58 पुलिस का कहना है कि उक्त शिकायत पर हेमंत को हिरासत में लिया गया था। बाद में दोनों पक्षों ने सुलह कर ली, जिसके बाद हेमंत को वार्निंग दे कर छोड़ दिया गया।
‘दिया-बाती’ सीरियल जैसी है इनकी कहानी, पत्नी को बनाया अफसर
गाजियाबाद पुलिस ऑफिस के सीसीटीएनएस विभाग में कार्यरत कांस्टेबल संदीप कुमार की पत्नी पूनम कश्यप (34) की 2012 की सिविल सर्विसेज परीक्षा की एक्स मेरिट लिस्ट में 46वीं रैंक आई है।
उन्होंने तीन बच्चों को परवरिश करते हुए और ट्यूशन पढ़ाकर यह परीक्षा पास की है। परीक्षा के दौरान वे बीमार थीं। इस वजह से उनका रिजल्ट रुक गया था, जो अब छह जुलाई को आया। उन्होंने आरक्षित कोटे से परीक्षा दी थी।
पूनम शामली के भोरांकला की रहने वाली हैं। दिसंबर 1999 में उनकी शादी शामली के एलम गांव निवासी संदीप से हुई। संदीप 1995 से यूपी पुलिस में कांस्टेबल हैं।
पूनम ने ससुराल जाकर दोबारा पढ़ाई शुरू की। जनता इंटर कॉलेज मेरठ में एडमीशन लिया। पीसीएम से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद डीएन कॉलेज मेरठ से उन्होंने बीएससी और फिर एमएससी की पढ़ाई की।इसके बाद घर पर बीएससी और एमएससी के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगीं। इस दौरान वह दो बेटियों तारा और हैंसी की मां बन चुकी थीं। संदीप ने उन्हें सिविल सर्विसेज की पढ़ाई के� लिए सपोर्ट किया।
मुखर्जी नगर स्थित चाणक्य इंस्टीट्यूट से चार माह पूनम ने कोचिंग ली। 2012 में मैथ्स से सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी। मेल के जरिए छह जुलाई को पूनम को सिविल सर्विसेज एग्जाम पास करने और 46वीं रैंक आने की जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
पूनम और संदीप अपने तीन बच्चों तारा (14), हैंसी (12) और आरव (डेढ़ वर्ष) के साथ रहते हैं। पूनम ने बताया कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं, देश की सेवा उनके लिए सर्वोपरि है। उत्तर प्रदेश कैडर को वह प्राथमिकता देंगी।पूनम के आईएएस बनने की कहानी ‘दिया और बाती’ टीवी सीरियल जैसी है। पूनम अपनी सफलता के पीछे पति का हाथ बताती हैं। कहती हैं कि पति की सपोर्ट की बदौलत ही इस मुकाम को हासिल कर पाईं।
पति ने हर कदम पर साथ दिया। वे बताती हैं कि सीसीएस यूनिवर्सिटी से एमएससी मार्कशीट लेने गई तो वहां पर आए डीएम का रुतबा देखा।
तभी आईएएस बनने का लक्ष्य बनाया। घर आकर यह बात पति से बताई। पति ने सपोर्ट किया तो मुखर्जी नगर में चार माह की कोचिंग ली और कड़ी मेहनत की।संदीप ने बताया कि पत्नी की ज्वाइनिंग के बाद वह वीआरएस लेने का मन बना रहे हैं। एसएसपी कार्यालय में पूनम की कामयाबी से बाकी पुलिसवाले भी उत्साहित हैं।
उनका कहना है कि पूनम ने इतिहास रचा है। मैथ्स से पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल करना बहुत बड़ी कामयाबी है। एसएसपी धर्मेंद्र सिंह और सीओ द्वितीय रणविजय सिंह ने पूनम की कामयाबी पर उन्हें बधाई दी।
पूनम के पिता डॉक्टर हैं, शामली में उनका क्लीनिक है। संदीप के पिता किसान हैं। दोनों परिवार के लोग खुश हैं। संदीप ने बताया कि पूनम की पढ़ाई में उनके परिजनों ने काफी मदद की।
उन्होंने तीन बच्चों को परवरिश करते हुए और ट्यूशन पढ़ाकर यह परीक्षा पास की है। परीक्षा के दौरान वे बीमार थीं। इस वजह से उनका रिजल्ट रुक गया था, जो अब छह जुलाई को आया। उन्होंने आरक्षित कोटे से परीक्षा दी थी।
पूनम शामली के भोरांकला की रहने वाली हैं। दिसंबर 1999 में उनकी शादी शामली के एलम गांव निवासी संदीप से हुई। संदीप 1995 से यूपी पुलिस में कांस्टेबल हैं।
पूनम ने ससुराल जाकर दोबारा पढ़ाई शुरू की। जनता इंटर कॉलेज मेरठ में एडमीशन लिया। पीसीएम से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद डीएन कॉलेज मेरठ से उन्होंने बीएससी और फिर एमएससी की पढ़ाई की।इसके बाद घर पर बीएससी और एमएससी के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगीं। इस दौरान वह दो बेटियों तारा और हैंसी की मां बन चुकी थीं। संदीप ने उन्हें सिविल सर्विसेज की पढ़ाई के� लिए सपोर्ट किया।
मुखर्जी नगर स्थित चाणक्य इंस्टीट्यूट से चार माह पूनम ने कोचिंग ली। 2012 में मैथ्स से सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी। मेल के जरिए छह जुलाई को पूनम को सिविल सर्विसेज एग्जाम पास करने और 46वीं रैंक आने की जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
पूनम और संदीप अपने तीन बच्चों तारा (14), हैंसी (12) और आरव (डेढ़ वर्ष) के साथ रहते हैं। पूनम ने बताया कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं, देश की सेवा उनके लिए सर्वोपरि है। उत्तर प्रदेश कैडर को वह प्राथमिकता देंगी।पूनम के आईएएस बनने की कहानी ‘दिया और बाती’ टीवी सीरियल जैसी है। पूनम अपनी सफलता के पीछे पति का हाथ बताती हैं। कहती हैं कि पति की सपोर्ट की बदौलत ही इस मुकाम को हासिल कर पाईं।
पति ने हर कदम पर साथ दिया। वे बताती हैं कि सीसीएस यूनिवर्सिटी से एमएससी मार्कशीट लेने गई तो वहां पर आए डीएम का रुतबा देखा।
तभी आईएएस बनने का लक्ष्य बनाया। घर आकर यह बात पति से बताई। पति ने सपोर्ट किया तो मुखर्जी नगर में चार माह की कोचिंग ली और कड़ी मेहनत की।संदीप ने बताया कि पत्नी की ज्वाइनिंग के बाद वह वीआरएस लेने का मन बना रहे हैं। एसएसपी कार्यालय में पूनम की कामयाबी से बाकी पुलिसवाले भी उत्साहित हैं।
उनका कहना है कि पूनम ने इतिहास रचा है। मैथ्स से पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल करना बहुत बड़ी कामयाबी है। एसएसपी धर्मेंद्र सिंह और सीओ द्वितीय रणविजय सिंह ने पूनम की कामयाबी पर उन्हें बधाई दी।
पूनम के पिता डॉक्टर हैं, शामली में उनका क्लीनिक है। संदीप के पिता किसान हैं। दोनों परिवार के लोग खुश हैं। संदीप ने बताया कि पूनम की पढ़ाई में उनके परिजनों ने काफी मदद की।
देहरादून सीएम अखिलेश की सांसद बीवी बनेंगी मुख्यमंत्री की दावेदार
देहरादून यूपी के सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का नाम भी अगले चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए सामने आ रहा है। उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी की प्रदेश इकाई अगले विधानसभा चुनाव में डिम्पल यादव को प्रदेश का सीएम प्रोजेक्ट करना चाहती है। प्रदेश अध्यक्ष एसएन सचान का कहना है कि यूपी के सीएम अखिलेश की पत्नी डिम्पल का मायका गढ़वाल में हैं,इस वजह से चुनाव में पार्टी को फायदा हो सकता है।
सचान ने पार्टी मुखिया मुलायम को पत्र भेजकर सांसद डिम्पल यादव को उत्तराखंड का प्रभार सौंपने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि डिम्पल के यहां आने से बड़े पैमाने पर महिलाओं का समर्थन मिलेगा।पार्टी को अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या बढ़ने का भी फायदा मिलेगा। इस प्रस्ताव की पैरवी यूपी और उत्तराखंड के पुराने सपाई भी कर रहे हैं।
इसके अलावा,कुमाऊं मंडल में पार्टी का प्रभाव बढ़ाने के लिए पूर्व सीएम एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर को पार्टी आगे करना चाहती है। पत्र में कहा गया है कि रोहित शेखर को यूपी में परिवहन निगम में सदस्य बनाने का फायदा एनडी तिवारी के प्रभाव वाले कुमाऊं मंडल में मिल सकता है।
सचान ने पार्टी मुखिया मुलायम को पत्र भेजकर सांसद डिम्पल यादव को उत्तराखंड का प्रभार सौंपने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि डिम्पल के यहां आने से बड़े पैमाने पर महिलाओं का समर्थन मिलेगा।पार्टी को अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या बढ़ने का भी फायदा मिलेगा। इस प्रस्ताव की पैरवी यूपी और उत्तराखंड के पुराने सपाई भी कर रहे हैं।
इसके अलावा,कुमाऊं मंडल में पार्टी का प्रभाव बढ़ाने के लिए पूर्व सीएम एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर को पार्टी आगे करना चाहती है। पत्र में कहा गया है कि रोहित शेखर को यूपी में परिवहन निगम में सदस्य बनाने का फायदा एनडी तिवारी के प्रभाव वाले कुमाऊं मंडल में मिल सकता है।
नई दिल्ली कौवे की मौत से थम गए मेट्रो के पहिये, ठहर गई सांसे
नई दिल्ली पीक आवर्स में एक कौवा दिल्ली मेट्रो के द्वारका वैशाली रूट की रफ्तार का स्पीड ब्रेकर बन गया। कौवा के ओएचई की चपेट में आकर जल जाने से आई खराबी से करीब दो घंटे तक यमुना बैंक से वैशाली रूट के पहिये थमे रहे।
शाम 6:15 बजे ओएचई में बिजली बंद हुई, जिसे मेट्रो इंजीनियर ने 7:05 बजे ठीक कर लिया। हालांकि यमुना बैंक से वैशाली ट्रैक 8:05 बजे खोल दिया गया, लेकिन यात्रियों को ट्रैक से हटाने में मेट्रो को घंटे भर का समय लग गया।
रफ्तार थमने का असर कुछ देर के लिए सबसे व्यस्त रूट द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा सिटी सेंटर के बीच ब्लू लाइन पर भी पड़ा। उधर, मेट्रो की रफ्तार में ब्रेक लगते ही आईटीओ से लक्ष्मी नगर व अक्षरधाम तक रात 9:30 बजे तक जाम के हालात बने रहे।यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन पर शाम 6:15 बजे एक कौवा का पैर ओएचई में फंस गया और वो जलकर खाक हो गया। कौवा के जलते ही बिजली बंद हो गई।
यमुना बैंक स्टेशन के जिस ओएचई पर कौवा बैठा था, उससे यमुना बैंक से वैशाली की ओर जाने वाले ट्रैक को बिजली सप्लाई होती थी।
जैसे ही ओएचई में आग लगी तो स्विच ड्रॉप होने से यमुना बैंक से वैशाली की ओर आने-जाने वाली ट्रेनों की बिजली सप्लाई बंद हो गई और ट्रेनें रुक गईं।
बिजली सप्लाई बंद होने से यमुना बैंक से वैशाली रूट तो बंद रहा लेकिन 6.30 मिनट से द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा सिटी सेंटर के बीच ट्रेन सेवा सामान्य रूप से शुरू हो गई। एलिवेटेड ट्रैक पर रुकी मेट्रो, यात्रियों की सांसें थमीं- घटना के समय लक्ष्मी नगर से यमुना बैंक की ओर ट्रेन आ रही थी। बिजली सप्लाई रुकते ही ट्रेन भी रुक गई, इससे एसी बंद हो गए। हालांकि लाइटें चालू थीं।
यात्रियों ने एसी बंद होते ही अनाउंसमेंट नहीं सुनी और घबराहट में आकर ट्रेन के आगे और पीछे दोनों साइडों के इमरजेंसी दरवाजे खोल दिए और यमुना बैंक और लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन की ओर पैदल ट्रैक पर चलना शुरू कर दिया।
ट्रैक को बनाया पैदल फुटपाथ- वैशाली की ओर जाने वाले यात्री, जो राजीव चौक या नोएडा की ट्रेन से आ रहे थे, वे यमुना बैंक स्टेशन पर पहुंचकर मेट्रो स्टेशन से बाहर जाने की बजाय यमुना बैंक से लक्ष्मी नगर की ओर जाने वाले ट्रैक पर पैदल ही चलने लगे। इसके बाद अन्य ट्रेनों के यात्री भी ट्रैक को फुटपाथ बनाकर चलने लगे।
इसी प्रकार लक्ष्मी नगर की ओर से राजीव चौक या नोएडा जाने वाले यात्री भी इसी ट्रैक से यमुना बैंक आकर ट्रेन पकड़ते रहे। मेट्रो प्रबंधन यात्रियों को रोकने की कोशिश करता रहा, लेकिन वे नहीं माने और यमुना बैंक से लक्ष्मी नगर तक मेट्रो ट्रैक को पैदल फुटपाथ की तरह प्रयोग करते रहे।
शाम 6:15 बजे ओएचई में बिजली बंद हुई, जिसे मेट्रो इंजीनियर ने 7:05 बजे ठीक कर लिया। हालांकि यमुना बैंक से वैशाली ट्रैक 8:05 बजे खोल दिया गया, लेकिन यात्रियों को ट्रैक से हटाने में मेट्रो को घंटे भर का समय लग गया।
रफ्तार थमने का असर कुछ देर के लिए सबसे व्यस्त रूट द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा सिटी सेंटर के बीच ब्लू लाइन पर भी पड़ा। उधर, मेट्रो की रफ्तार में ब्रेक लगते ही आईटीओ से लक्ष्मी नगर व अक्षरधाम तक रात 9:30 बजे तक जाम के हालात बने रहे।यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन पर शाम 6:15 बजे एक कौवा का पैर ओएचई में फंस गया और वो जलकर खाक हो गया। कौवा के जलते ही बिजली बंद हो गई।
यमुना बैंक स्टेशन के जिस ओएचई पर कौवा बैठा था, उससे यमुना बैंक से वैशाली की ओर जाने वाले ट्रैक को बिजली सप्लाई होती थी।
जैसे ही ओएचई में आग लगी तो स्विच ड्रॉप होने से यमुना बैंक से वैशाली की ओर आने-जाने वाली ट्रेनों की बिजली सप्लाई बंद हो गई और ट्रेनें रुक गईं।
बिजली सप्लाई बंद होने से यमुना बैंक से वैशाली रूट तो बंद रहा लेकिन 6.30 मिनट से द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा सिटी सेंटर के बीच ट्रेन सेवा सामान्य रूप से शुरू हो गई। एलिवेटेड ट्रैक पर रुकी मेट्रो, यात्रियों की सांसें थमीं- घटना के समय लक्ष्मी नगर से यमुना बैंक की ओर ट्रेन आ रही थी। बिजली सप्लाई रुकते ही ट्रेन भी रुक गई, इससे एसी बंद हो गए। हालांकि लाइटें चालू थीं।
यात्रियों ने एसी बंद होते ही अनाउंसमेंट नहीं सुनी और घबराहट में आकर ट्रेन के आगे और पीछे दोनों साइडों के इमरजेंसी दरवाजे खोल दिए और यमुना बैंक और लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन की ओर पैदल ट्रैक पर चलना शुरू कर दिया।
ट्रैक को बनाया पैदल फुटपाथ- वैशाली की ओर जाने वाले यात्री, जो राजीव चौक या नोएडा की ट्रेन से आ रहे थे, वे यमुना बैंक स्टेशन पर पहुंचकर मेट्रो स्टेशन से बाहर जाने की बजाय यमुना बैंक से लक्ष्मी नगर की ओर जाने वाले ट्रैक पर पैदल ही चलने लगे। इसके बाद अन्य ट्रेनों के यात्री भी ट्रैक को फुटपाथ बनाकर चलने लगे।
इसी प्रकार लक्ष्मी नगर की ओर से राजीव चौक या नोएडा जाने वाले यात्री भी इसी ट्रैक से यमुना बैंक आकर ट्रेन पकड़ते रहे। मेट्रो प्रबंधन यात्रियों को रोकने की कोशिश करता रहा, लेकिन वे नहीं माने और यमुना बैंक से लक्ष्मी नगर तक मेट्रो ट्रैक को पैदल फुटपाथ की तरह प्रयोग करते रहे।
'महिला प्रेम व मोह के कारण संबंध बना सकती है'
दुष्कर्म संबंधी कानून का इस्तेमाल शादी का वादा पूरा करवाने के औजार के तौर पर नहीं किया जा सकता। यह टिप्पणी विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में आरोपी को बरी करते हुए की है।
मामले में बरी हुए शख्स पर एक विधवा से दुष्कर्म करने का आरोप था। वह महिला आरोपी के साथ लिव इन रिलशेन में रहती थी।
अदालत ने आरोपी को बरी करते हुए कहा महिला के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि वह बिना शादी किए आरोपी के साथ क्यों रहने लगी जबकि उनकी शादी में कोई रुकावट नहीं थी।
कड़कड़डूमा जिला अदालत की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरिता बीरबल ने आरोपी को दुष्कर्म व बंधक बनाने, धमकी देने संबंधी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी व पीड़िता करीब एक साल तक साथ में रहे। इतने समय में आरोपी का इरादा बदलने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता।
उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके बीच ऐसे हालात पैदा हो जाएंगे जिसके कारण उन्हें अलग होना पड़ेगा। अदालत ने कहा कि एक महिला प्रेम व आरोपी से मोह के कारण उससे संबंध बना सकती है।
पीड़िता अपनी मर्जी से आरोपी के साथ रह रही थी और अभियोजन यह साबित करने में नाकाम रहा है कि आरोपी ने पीड़िता को कभी जान से मारने की धमकी दी।
महिला ने कभी भी किसी से नहीं कहा कि उसे जबरन बंधक बनाकर व जान का डर दिखाकर रखा गया है।महिला ने अगस्त 2013 में एफआईआर दर्ज करवाई थी। उसका कहना था कि वह अपने दो बच्चों के साथ नौकरी की तलाश में दिल्ली आई थी और एक फैक्ट्री में काम करने लगी थी। उसी फैक्ट्री में आरोपी भी नौकरी करता था।
वह 2012 में पीड़िता को अपने- किराये के मकान पर ले गया और वहां उससे दुष्कर्म किया। इसका खुलासा करने पर उसने पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी।
आरोपी ने उसे एक साल तक किराये के कमरे में बंधक बना कर रखा और लगातार उससे दुष्कर्म करता रहा।
मामले में बरी हुए शख्स पर एक विधवा से दुष्कर्म करने का आरोप था। वह महिला आरोपी के साथ लिव इन रिलशेन में रहती थी।
अदालत ने आरोपी को बरी करते हुए कहा महिला के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि वह बिना शादी किए आरोपी के साथ क्यों रहने लगी जबकि उनकी शादी में कोई रुकावट नहीं थी।
कड़कड़डूमा जिला अदालत की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरिता बीरबल ने आरोपी को दुष्कर्म व बंधक बनाने, धमकी देने संबंधी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी व पीड़िता करीब एक साल तक साथ में रहे। इतने समय में आरोपी का इरादा बदलने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता।
उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके बीच ऐसे हालात पैदा हो जाएंगे जिसके कारण उन्हें अलग होना पड़ेगा। अदालत ने कहा कि एक महिला प्रेम व आरोपी से मोह के कारण उससे संबंध बना सकती है।
पीड़िता अपनी मर्जी से आरोपी के साथ रह रही थी और अभियोजन यह साबित करने में नाकाम रहा है कि आरोपी ने पीड़िता को कभी जान से मारने की धमकी दी।
महिला ने कभी भी किसी से नहीं कहा कि उसे जबरन बंधक बनाकर व जान का डर दिखाकर रखा गया है।महिला ने अगस्त 2013 में एफआईआर दर्ज करवाई थी। उसका कहना था कि वह अपने दो बच्चों के साथ नौकरी की तलाश में दिल्ली आई थी और एक फैक्ट्री में काम करने लगी थी। उसी फैक्ट्री में आरोपी भी नौकरी करता था।
वह 2012 में पीड़िता को अपने- किराये के मकान पर ले गया और वहां उससे दुष्कर्म किया। इसका खुलासा करने पर उसने पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी।
आरोपी ने उसे एक साल तक किराये के कमरे में बंधक बना कर रखा और लगातार उससे दुष्कर्म करता रहा।