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Sunday 15 November 2015

पत्नी ने कहा, 'एक्टिंग को लेकर दूसरों से अलग सोचते हैं नवाज'

नई दिल्ली: जब भी हम बुरे वक्त से गुजर रहे होते हैं हमसे कहा जाता है कि, "दोस्त.. सब्र करो...ये  वक्त भी बीत जायेगा - आखिर हर बुरा टाइम गुजर जाता है" ये कहना तो आसान है लेकिन जिसपे गुजरी हो उससे पूछिये. ये सच है की आगे बढ़ने के लिए बीते कल की ओर नहीं, आनेवाली कल की ओर देखना चाहिए, पर साथ ही पुराने कल को, उन यादों की गलियों को, उन गलियों में देखे सपनों को भी नहीं भूलना चाहिए.हम हर बार आते हैं आपके सामने इंट्रेस्टिंग कहानियों को लेकर. ये कहानियां होती है हिंदी सिनेमा की उन कामयाब हस्तियों की जिन्होंने एक लम्बे स्ट्रगल के बाद जीत हासिल की तो आईए जानते हैं आज के स्टार के बारे में...

आज हम बात कर रहे हैं 'बहुत ही टेलेंटेड नवाजुद्दीन सिद्दीकी की.' वो थका नहीं, वो रुका नहीं, बस चलता रहा अपनी ही धुन में.
संघर्ष के हर रंग को अपने में समेटे, ये कहानी है एक ऐसे लड़के की जिसने अपनी जिद से, अपनी मेहनत, लगन और धैर्य से हर कदम पर जिंदगी के हर इम्तहानों का डटकर सामना किया है. ये कहानी है नवाजुद्दीन की , नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जिसने सहा है लाइफ का हर अत्याचार.

 न्यूज़ के स्पेशल शो 'सेल्फी' में नवाज ने अपने शुरु के दिनों को याद करते हुए कई ऐसी बातें बताई जिससे उनके चाहने वाले शायद वाकिफ नहीं है. आइये जानते हैं नवाजद्दीन के जीवन से जुड़े कुछ अनसुनी बातों को जिसे उन्होनें आप के चैनल  न्यूज़ से शेयर किया है.

बात उन दिनों की है जब नवाज ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में थे. नवाज ने  न्यूज़ को बताया कि शुरु में वे बरोदा के पेट्रोकेमिकल कंपनी में चीफ केमिस्ट थे लेकिन उनका वहां मन नहीं लगा और उसके बाद वो घुमते घमते दिल्ली पहुंच गये.

नवाज ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, ''दिल्ली में जाके किसी ने थिएटर दिखाया. थिएटर देखने के बाद, फिर पहली बार मैंने 50-60 प्ले देखें, क्योंकि मेरे अंदर कॉन्फिडेंस नाम की कोई चीज बिलकुल ही थी. स्टेज पर जाके ऑडियंस के सामने एक बात भी कर सकूं ऐसा कॉन्फिडेंस मुझमें नहीं था. इसलिए मुझे इतने सारे प्ले देखने पड़े, प्ले देखने के बाद फिर मैंने एक ग्रूप ज्वाइन किया.''

आमिर ने खोला अपनी सीक्रेट डायरी का राज

मुंबई (14 नवम्‍बर): बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता आमिर खान अपनी अगली फिल्म ‘दंगल’ के लिए हरियाणवी भाषा सीख रहे हैं । वह इन दिनों नितेश तिवारी के निर्देशन में बन रही फिल्म‘दंगल’की शूटिंग लुधियाना में कर रहे हैं। इस फिल्म में आमिर पहलवान का किरदार निभा रहे हैं ।
आमिर खान हरियाणवी भाषा में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए फिल्‍म की शूट शुरू होने से 10 दिन पहले ही गांव में जाकर स्थानीय लोंगो से वहां की साधारण हरियाणवी बोलचाल सीखने-समझने लगे थे। वह हर दृश्य में जान फूंकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। फिल्म 'दंगल' में आमिर को हरियाणवी भाषा बोलेंगे, इसके लिए वह फोनेटिक्स के जरिए भाषा और सही उच्चारण पर नियंत्रण कर रहे हैं।उन्‍होंने बताया कि,‘मेरी एक ब्लू डायरी है जिसमे मैं फोनेटिक्स के जरिए भाषा को आत्मसात करता हूं।
साथ ही यह भी कहा कि, देश के हर प्रान्त की भाषा अलग-अलग होती हैं इसके साथ-साथ उसका उच्चारण शैली भी अलग होती है। उसे आप साधारण रूप से लिखकर नहीं सीख सकते। आमिर ने बताया कि, फिल्‍म पीके के लिए भी मैंने फोनेटिक्स के जरिए ही भाषा को समझा। जैसे कि कालिज। हिंदी में लिखेंगे तो कॉलेज। मैंने कालिज ही लिखा और ऐसे ही अभ्यास किया। मेरा भाषा का रियाज तीन महीने पहले से शुरू हो जाता है।
गौरतलब हो कि आमिर ने अपनी फिल्म 'पीके' के लिए भोजपुरी भाषा सीखी थी जो कि उन्‍होंने इस फिल्‍म में इसका प्रभावी तरीके से उच्‍चारण किया था।