अगर सरकार अपने इस निर्णय पर कायम रहती है तो इस महीने के अंत तक पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती देखने को मिल सकती है।
पिछले साल नवंबर से इस वर्ष जनवरी के दौरान सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर चार किस्तों में उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की थी। यही कारण था कि अंतरराष्ट्रीय में तेल की कीमतें घटने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में अपेक्षित कमी नहीं आई थी।
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि अभी पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘जब तक तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 30 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक नहीं आ जातीं तब तक हम इसमें बढ़ोतरी नहीं करेंगे।’
बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें घट कर साढ़े छह साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई और इसका रुख 40 डॉलर प्रति बैरल की तरफ है।