नोएडा (1 अक्टूबर): ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में हिंसा थम गई है, लेकिन पुलिस की मौजूदगी के बावजूद यहां के 8 मुस्लिम परिवारों ने दहशत से गांव छोड़ दिया है। 4 जिलों की पुलिस, पीएसी और आरआरएफ यहां तैनात है, लेकिन लोगों के अंदर जो भरोसा टूट गया है उसके जुड़ने की उम्मीद कहीं नजर नहीं आ रही है।
गांव के मुस्लिम परिवारों को अपनी जिंदगी के लिए डर सता रहा है। गांव में रहने वाले मुस्लिम परिवार इतना डर गए हैं कि वह गांव छोड़कर चले जाना चाहते हैं। कहते हैं कि डर फैलता है। इसी गांव में 28 सितंबर को 58 साल के इखलाक मुहम्मद की महज गोमांस खाने के शक के कारण भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
इखलाक का परिवार भी गांव छोड़कर जाने की तैयारी कर रहा था। इसी डर और पलायन के माहौल के बीच जिला प्रशासन ने मुस्लिम परिवारों को सुरक्षा की गारंटी दी और वादा किया कि वे जल्द-से-जल्द सभी दोषियों को हिरासत में ले लेगें। 14,000 की आबादी वाले इस गांव में मुस्लिम परिवारों की तादाद केवल 50 है। मृत इखलाक की 70 वर्षीय मां असगरी कहती हैं, 'मेरा बेटा मारा गया। मेरा बड़ा पोता अस्पताल में भर्ती जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है। फिलहाल तो कुछ समय के लिए पुलिस हमें सुरक्षा दे रही है, लेकिन वे इस गांव में हमेशा के लिए नहीं ठहर सकते। हमें डर लग रहा है। लग रहा है कि ऐसे और भी कई हमले होंगे। हम अपने रिश्तेदारों के साथ संपर्क में हैं और हम गांव छोड़कर किसी सुरक्षित जगह जाने की योजना बना रहे हैं।' 70 साल की इस बुजुर्ग महिला के शरीर पर भी 28 सितंबर की उस डरावनी रात में वहशी भीड़ के द्वारा दी गई चोटों के निशान हैं।
इखलाक के साले कलवा ने बताया कि उनके रिश्तेदारों ने भी उन्हें गांव छोड़ देने की सलाह दी है। उन्होंने बताया, 'इस परिवार के लिए अब इस गांव में, इस घर में रुकना खतरनाक है। हमने उन्हें सलाह दी है कि वे कुछ दिन के लिए ही सही, लेकिन इस जगह से कहीं दूर चले जाएं।'