Wednesday 30 September 2015
पंजाब: सिख युवकों ने पानी में डूबती 4 जिंदगियों को पगड़ी से बचाया
नई दिल्ली (30 सितंबर): पंजाब के संगरूर जिले में दो सिख युवकों ने पानी में डूबती 4 जिंदगियों को पगड़ी को सहारा देकर बचाया है। बीते रविवार को गणेश महोत्सव के समापन के बाद गणपति प्रतिमा के विसर्जन का दौर जोर पकड़े हुआ था। संगरूर में गणपति प्रतिमा विसर्जन के समय युवा इस कदर उत्साहित थे कि उनको अपनी जिंदगी की भी परवाह नहीं थी।
इस दौरान 4 युवक पानी के तेज बहाव में बहते चले गए। एक समय तो ऐसा लगा कि ये युवक अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठेंगे। उसी वक्त वहां मौजूद इंद्रपाल सिंह का दिमाग काम किया और उन्होंने अपनी शर्ट उतारकर पानी में डूबते युवक की तरफ फेंका।
शर्ट के सहारे से युवक किनारे आ गया। नहर के दूसरे किनारे पर रस्सी के सहारे से डूबते युवकों बचाया जा रहा था। खींचतान में रस्सी टूट गई। रस्सी को टूटते देख इंद्रपाल अपनी पगड़ी उतारकर डूबते लड़कों को बचा लिया। इसी दौरान दो और युवक नहर में डूबने लगे। वहां मौजूद दूसरे सिख युवक कंवलजीत ने भी अपनी पगड़ी उतारकर डूबते युवकों की तरफ फेंकी और उन्हें पानी से बाहर खींच लिया।
इस शख्स ने खोजा मंगल ग्रह पर है पानी
नई दिल्ली (29 सितंबर):नासा ने सोमवार को खुलासा किया था कि उसने मंगल ग्रह पर पानी खोज लिया है। लेकिन आपको पता नहीं होगा कि लाल ग्रह पर पानी के निशान खोजने में सबसे बड़ी भूमिका नेपाल के युवा अंतरिक्ष विज्ञानी लुजेंद्र ओझा की रही। ओझा ही ऐसे पहले शख्स रहे जिन्होंने ठोस आधार पर अपनी खोज से नासा को यह भरोसा दिलाया कि मंगलग्रह पर पानी के निशान हो सकते हैं।
ओझा वर्तमान में अटलांटा स्थित जॉर्जिया इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी से पीएचडी कर रहे हैं। चार साल पहले उन्होंने हाई रेज्योल्यूशन इमैजिंग साइंस एक्सपेरिमेंटल कैमरे से अध्ययन के आधार उन्होंने पानी के निशान होने की बात कही थी। ओझा की उम्र उस वक्त महज 21 साल थी और उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन भी पूरी नहीं की था। बाद में नासा ने उन्हें खोज अभियान में शामिल भी कर लिया।
नेपाली वैज्ञानिक लुजेंद्र ओझा का कहना है कि हमारा शोध भविष्य में इस दिशा में आगे बढऩे में सहायक होगा। मंगल पर पानी होने का खुलासा नासा की एक प्रेस कांफ्रेंस में किया गया, जिसमें लुजेंद्र ओझा भी एक वक्ता थे। साइंस जर्नल 'नेचर जियोसाइंस' में नासा के वैज्ञानिकों की स्टडी प्रकाशित हुई है।
ओझा ने बताया कि मेरे लिए नेपाल से कैपिटल हिल (अमेरिका) आना और इतने कम समय में इतने अहम रिसर्च से जुडऩा बहुत बड़ी सफलता है। ओझा का कहना है कि वे विज्ञान में शानदार काम करना चाहते हैं।