मुजफ्फरपुर। फिल्म अभिनेता सन्नी देओल, निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी व लेखक डॉ. काशीनाथ सिंह सहित अन्य के विरुद्ध एसीजेएम (अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी) रामचन्द्र प्रसाद ने शनिवार को एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
इनके खिलाफ काजीमुहम्मदपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। फिल्म 'मुहल्ला-अस्सी' के संदर्भ में अधिवक्ता सह लोजपा के प्रदेश महासचिव सुधीर कुमार ओझा द्वारा दायर परिवाद की सुनवाई के बाद अदालत ने रिपोर्ट दर्ज किए जाने का आदेश दिया है।
ओझा ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) वीपी सिंह के न्यायालय में मंगलवार को परिवाद दायर किया था। सीजेएम (मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी) ने सुनवाई के लिए इसे एसीजेएम के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया था। परिवाद पत्र में रवि किशन, अभिनेत्री सांक्षी तांवर, सह अभिनेता सौरभ शुक्ला, मुकेश तिवारी, राजेन्द्र गुप्ता व विजय तिवारी को भी आरोपी बनाया गया है।
इन सभी के विरुद्ध फिल्म 'मुहल्ला-अस्सी' में आपत्तिजनक दृश्य फिल्माने और ङ्क्षहदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।आरोप है कि टीवी चैनल एवं इंटरनेट पर फिल्म का ट्रेलर दिखाया जा रहा है। इसमें भगवान शिवशंकर एवं अन्य कई देवी-देवताओं का दृश्य दिखाया गया है।
पूरी फिल्म में हिंदुओं की धार्मिक भावना व काशी घाट का अभद्र दृश्य, गाली-गलौज एवं अश्लील दृश्यों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है। ट्रेलर में दिखाई जाने वाली अश्लीलता से स्पष्ट होता है कि ऐसा ङ्क्षहदुओं के धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के लिए किया गया है।
सांसद पंडुला रविन्द्र बाबू के खिलाफ दर्ज होगी प्राथमिकी
सांसद पंडुला रविन्द्र बाबू के विरुद्ध एसीजेएम रामचन्द्र प्रसाद ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। काजीमुहम्मदपुर थाना में उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। रविन्द्र बाबू संसद में आंध्र प्रदेश के अमलपुरा लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अदालत ने यह आदेश गन्नीपुर रिफ्यूजी कॉलोनी के सेवानिवृत्त सैनिक रामनरेश ठाकुर के परिवाद पत्र की सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। परिवाद में सांसद द्वारा सैनिकों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने का आरोप दर्ज है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) वीपी सिंह के न्यायालय में सांसद रविन्द्र बाबू के खिलाफ रामनरेश ठाकुर ने मंगलवार को परिवाद दायर किया था। सीजेएम ने इसे सुनवाई के लिए एसीजेएम के कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था।
परिवादी ने कहा है कि टाइम नाउ व अन्य समाचार चैनलों पर सांसद का बयान सुनने को मिला। बयान में वे कह रहे हैं कि सेना में वहीं लोग आ रहे, जिन्हें मुफ्त का खाना व शराब चाहिए। सांसद का यह बयान सैनिकों के मनोबल को तोडऩे वाला है। परिवादी स्वयं सेवानिवृत्त सैनिक हैं।
वे देश की सेवा व रक्षा के लिए सेना में बहाल हुए। अन्य सैनिक भी इसी उद्देश्य के लिए काम कर रहे हैं। सांसद के बयान से वर्तमान में कार्यरत सैनिक व लगभग 13.48 लाख भूतपूर्व सैनिक व उनके परिजन मर्माहत हुए हैं। यह देश की एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है।