Wednesday, 17 June 2015
हेनरिक्स-बर्न्स की टक्कर देख रो पड़े थे सरे के खिलाड़ी : पीटरसन
लंदन। मैदान में भीषण टक्कर के बाद घायल मोइसेस हेनरिक्स और रॉरी बर्न्स जब अस्पताल में इलाज करा रहे थे, तब सरे के ड्रेसिंग रूम में बैठे खिलाडि़यों की आंखें गीली थी। केविन पीटरसन ने सोमवार को यह खुलासा किया।
रोरी बर्न्स और ऑस्ट्रेलिया के मोइसेस हेनरिक्स रविवार को ससेक्स के खिलाफ टी-20 मैच के दौरान क्षेत्ररक्षण के दौरान आपस में टकराकर बुरी तरह घायल हो गए थे। इस घटना में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हेनरिक्स का जबड़ा तीन जगह से टूट गया। उनके कुछ दांत भी टूट गए हैं। वहीं, इंग्लिश खिलाड़ी बर्न्स के सिर और चेहरे पर चोटें आई।
मैदान छोड़ने से पहले ही दोनों खिलाडि़यों को ऑक्सिजन इलाज की जरूरत पड़ी तथा जब तक दोनों ही खिलाड़ी होश में आए, मैदान के बाद तीन एंबुलेंस आ चुकी थी। दोनों को चीसेस्टर के सेंट रिचर्ड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया।
पीटरसन ने सोमवार को कहा कि इस भयानक दृश्य ने पूर्व सरे बल्लेबाज टॉम मेनार्ड की याद ताजा कर दी, जो 2012 में लंदन में अंडरग्राउंड ट्रेन के नीचे आ गए थे। पीटरसन ने डेली टेलीग्राफ को बताया कि मैं किनारे पर खड़ा था और वहां से उनके टकराने से पहले ही मुझे हादसे का अंदेशा हो रहा था। मैं लगातार सोच रहा था कि कोई एक खिलाड़ी कॉल (चिल्लाते हुए) दौड़े। फिर आप सोचते हो कि एक खिलाड़ी रूक जाए। मगर तब तक दोनों टकरा गए। यह बहुत ही भयानक था।
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जब दोनों खिलाड़ी मैदान पर गिर गए और कुछ देर बिलकुल नहीं हिले तो हमारे खिलाड़ी गंभीर चिंता में पड़ गए। वहां कुछ भावनाएं स्पष्ट रूप देखने को मिल रही थी, जिसे आप समझ सकते हैं कि साथी खिलाड़ी की मृत्यु से टीम कितनी दुख में थी।
उन्होंने आगे बताया कि जब चेयरमैन ने ड्रेसिंग रूम में आकर कहा कि दोनों ही खिलाड़ी ठीक हो जाएंगे तो इससे लोगों को राहत मिली, लेकिन उसके पहले सभी खिलाड़ी बहुत ही निराश थे।
बता दें कि हेनरिक्स और बर्न्स का मैदान में करीब 40 मिनट तक इलाज चला। इसके बाद दोनों को अस्पताल ले जाया गया। अंपायरों ने मैच रद्द कर दिया। ससेक्स ने 19 ओवर में सात विकेट खोकर 141 रन बना लिए थे।
क्रिकेट से ज्यादा जिंदगी को महत्व
पीटरसन ने बताया कि दोनों खिलाडि़यों को जल्द ही हॉस्पिटल ले जाने का फैसला बिलकुल सही था। उन्होंने कहा कि हम अपने दो खिलाडि़यों को पहले ही खो चुके हैं, बहुत खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में रो चुके हैं और यह सिर्फ क्रिकेट है, जो एक खेल है। वहां क्रिकेट से ज्यादा जिंदगी को अहमियत दी गई जो बिलकुल सही फैसला था।
ससेक्स के बल्लेबाज स्टीफन पियोलेट ने ऑफसाइड में हवा में शॉट खेला। हेनरिक्स बैकवर्ड पाइंट से गेंद लपकने दौड़े और बर्न्स बाउंड्री से दौड़ते आए, दोनों ने एक-दूसरे को नहीं देखा और गेंद लपकने की जगह आपस में भिड़ गए।
सरे के निदेशक एलेक स्टुअर्ट ने कहा कि बर्न्स जल्द ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो जाएंगे, लेकिन हेनरिक्स को आगे भी निगरानी की जरूरत है।
पूर्व सरे और इंग्लैंड के विकेटकीपर एलेक ने बताया कि रॉरी के जल्द घर लौटने की उम्मीद हैं और हेनरिक्स की भी, लेकिन उन्हें दांतों की सर्जरी के लिए दोबारा आना पड़ेगा। अभी उसे पेनकिलर दी गई है और वह थोड़ा मदहोश है।
बर्न्स ने हॉस्पिटल में मिले शानदार इलाज के लिए ट्विटर का सहारा लेते हुए सभी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने ट्वीट किया- कल और आज मेरी मदद करने वाले पूरे मेडिकल स्टाफ की दिल से शुक्रिया। और उन सभी का शुक्रिया जिन्होंने हमें संदेश दिए। बर्न्स ने अपनी एक फोटो भी अपलोड की है, जिसमें वे और हेनरिक्स एक-दूसरे का हाथ पकड़कर इलाज करा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया अच्छे और जल्दी से ठीक हो रहे हैं हेनरिक्स।
पहले भी हुए ऐसे हादसे
मैदान में कैच पकड़ने के चलते दो खिलाडि़यों का टकराना क्रिकेट में नया नहीं है, लेकिन इतनी गंभीर चोट कम ही खिलाडि़यों को आई है। हेनरिक्स और बर्न्स से पहले कैच लेते समय एक और गंभीर हादसा हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वॉ और जेसन गिलेस्पी को श्रीलंका के खिलाफ 1999 में टेस्ट मैच के दौरान फील्डिंग करते समय गंभीर चोटें आईं थी। वॉ की नाक में चोट आईं थी, जबकि गिलेस्पी की पिंडली में फ्रैक्चर आया था।
मुझे इस क्यूट लड़के की बहुत याद आती हैः परिणिति
मुंबई: अभिनेत्री परिणिति चोपड़ा को फिल्म 'दावत-ए-इश्क' के अपने सहकलाकार अभिनेता आदित्य रॉय चोपड़ा की इन दिनों बड़ी याद आ रही है. दिलचस्प बात यह भी है कि उन्हें आदित्य क्यूट भी लगते हैं.परिणिति ने फोटो साझा करने वाली वेबसाइट इंस्टाग्राम पर आदित्य के साथ अपनी एक तस्वीर साझा की, जिसमें दोनों कलाकार हंसते हुए कैमरे की तरफ देख रहे हैं.
परिणिति ने तस्वीर के साथ लिखा, "मेरी पसंदीदा तस्वीर. इस क्यूट लड़के की याद आती है." परिणिति की आखिरी प्रदर्शित फिल्म 'किल दिल' थी, जो 2014 में प्रदर्शित हुई थी.
'बड़े मोदी और छोटे मोदी ने मिलकर दो चिड़ियों का शिकार किया '
नई दिल्ली (17जून):विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा ललित मोदी की मदद के मामले पर कांग्रेस का हमला जारी है। इस मामले में अब कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।
दिग्विजय ने बुधवार सुबह इस मामले में कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा , 'वसुंधरा राजे क्यों खामोश हैं? उन्हें अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए। वसुंधरा जी, आपकी खामोशी से गलत संदेश जा रहा है, कृपया सामने आकर इसे स्पष्ट करिए, लेकिन नरेंद्र मोदी की खामोशी सब कुछ कह जाती है! बड़े मोदी ने छोटे मोदी के साथ मिलकर दो चिड़ियों का शिकार किया है। '
इसके अलावा उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, 'सुषमा स्वराज-वसुंधरा राजे-ललित मोदी के विवाद से बीजेपी में सबसे बड़ा फायदा किसे हुआ है? सही जवाब देने पर कोई इनाम नहीं मिलेगा!'
उन्होंने एक ट्वीट में सवाल उठाया, 'क्या बीसीसीआई, IPL की नीलामी प्रक्रिया की जांच करने वाली अरुण जेटली कमिटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगी, जिसमें ललित मोदी दोषी पाए गए थे? इससे ललित मोदी के ताकतवर संबंधों के रहस्तों की परतें खुलेंगी।'
दिग्विजय का कहना था, 'जैसे ललित मोदी की कहानी सामने आ रही है, क्या इससे यह नहीं लगता कि इसे खुद ललित मोदी ने लिखा है? उन्होंने ऐसे क्यों किया? सिम्पल है, खुद को बचाने के लिए।'
दिग्विजय सिंह ने लिखा, 'यह तथ्य है कि सुषमा जी भारतीय उच्चायोग के किसी प्रतिनिधि को साथ लिए बिना कीथ वाज से और ललित मोदी से लंदन के होटेल में मिली थीं।'
बहन से एक मुलाकात की 'कीमत' 6 लाख रुपये, देखिए कैसे?
ऑपरेशन के बाद अस्पताल में दाखिल बहन से मिलने आए किसान को बहन से मुलाकात 6 लाख रुपये में पड़ी। चौंक गए, यहां देखिए।मामला, कैथल शहर का है। यहां अस्पताल में उपचाराधीन बहन से मिलने के लिए आए किसान की कार में से चोर दिन-दिहाड़े 6 लाख रुपये का बैग चोरी कर फरार हो गए। जब कार से बैग की चोरी हुई, तब किसान बहन से मिलने अस्पताल के अंदर गया था। घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी सहित सीआईए, सीन ऑफ क्राइम टीम सहित विशेषज्ञों ने घटनास्थल का दौरा कर तथ्य जुटाए।घटना करीब सुबह 10 बजे की है। जब गांव गुहणा निवासी सुरेंद्र कुमार अपनी मां खजानी, पत्नी सलोचना, सात वर्षीय बेटे भूपेंद्र सिंह के साथ अपनी कार में कैथल आया था। यहां अंबाला रोड पर स्थित मित्तल अस्पताल में उसकी बहन का ऑपरेशन हुआ है। जिस पर वह कार को अस्पताल के बाहर खड़ा करके परिवार सहित अस्पताल के अंदर चला गया। करीब एक घंटे बाद बाहर आया तो उसने देखा कि कार की खिड़की खुली हुई थी। जिसमें से 6 लाख रुपये का बैग भी चोरी था।मामले की सूचना मिलते ही डीएसपी टेकन राज, सीआईए प्रभारी सत्यवान सिंह, थाना शहर एवं सिविल लाईन प्रभारी अशोक कुमार एवं वीरेंद्र सिंह खर्ब भी मौके पर पहुंचे। कार की चालक साइड की खिड़की नहीं खुल रही थी। जिस कारण सुरेंद्र खुद भी दूसरी साइड की खिड़की खोलकर कार से उतरा था। इसी बीच चोरों ने बड़े ही शातिराना अंदाज में कार में रखे पैसों से भरे बैग को चोरी कर लिया।सुरेंद्र की गांव में 28 एकड़ जमीन है। जिसमें से 14 एकड़ जमीन का 6 लाख रुपये ठेका आया था। वह इसे बैंक में जमा करवाने के लिए आया था। उसने बताया कि बहन से मिलने के बाद वह इस राशि को बैंक में जमा करवाने के लिए जाता। लेकिन यहीं से चोरों ने उड़ा लिया। पॉलीथीन के बैग में 3 गड्डी एक-एक हजार के नोटों की तथा 6 गड्डियां पांच-पांच सौ के नोटों की थीं।
ऐसा गांव जहां पहली बार किसी को मिली सरकारी नौकरी
हरिद्वार मौजूदा दौर में यह सुनना अजीब लगता है कि हरिद्वार जिले में ऐसा गांव भी है जहां से आज तक कोई सरकारी नौकरी में नहीं है।
यद्यपि यहां कई युवक स्नातक और परास्नातक हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि हरसीवाला गांव के किसी व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिली है। सोमवार को महेश कुमार फौज में ट्रेनिंग के लिए रवाना हुआ तो गांववालों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उसे विदा किया।
फौज में सिपाही के पद पर भर्ती हुए बीए पास महेश ट्रेनिंग के लिए गांव से लैंसडाउन के लिए रवाना हुआ। उसने बताया कि वहां से वह ट्रेनिंग के लिए नासिक जाएगा। महेश के पिता कृपाल सिंह चौहान व मां राजवती बेटे की इस सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं।
सोमवार को युवक के ट्रेनिंग के लिए रवाना होने पर परिजनों व ग्रामीणों ने उसका माल्यार्पण कर ढोल-नगाड़ों से विदाई दी। इस दौरान उसे बुजुर्गों ने देश सेवा करने के लिए आशीर्वाद दिया। कलीराम, शेरसिंह, जौहरी, जगदीश, पतराम, चंदर आदि बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक उनके गांव से कोई सरकारी नौकरी पर नहीं था।हरसीवाला गांव की आबादी करीब 1600 है। गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है। आगे की शिक्षा के लिए गांव के बच्चे दो किलोमीटर दूर बादशाहपुर स्थित इंटर कॉलेज में पढ़ने जाते हैं।
गांव से सात किलोमीटर दूर फेरूपुर में डिग्री कॉलेज है। पूर्व प्रधान साधुराम चौहान ने बताया कि गांव में वर्ष 1995 में राजकीय प्राथमिक विद्यालय स्थापित हुआ था। इससे पहले कुछ ही बच्चे दूसरे गांव में पढ़ने जाते थे।
गांव में सरकारी स्कूल खुलने से शिक्षा का स्तर बढ़ा है। गांव के 80 फीसदी बच्चे स्कूल जाते हैं। जबकि गांव में कई युवा स्नातक और परास्नातक हैं।
अब तैयारी के लिए बाहर जाने लगे हैं
ग्राम प्रधान प्रीति देवी का कहना है कि गांव में लोग आजीविका के लिए खेती बाड़ी और मजदूरी पर ज्यादा ध्यान देते हैं। या फिर आसपास की फैक्ट्रियों में नौकरी करने जाते हैं। सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए ग्रामीण अपने बच्चों को बाहर भेजने से कतराते हैं। पहले लोगों में जागरूकता की भी कमी थी। लेकिन अब बच्चे तैयारी के लिए बाहर जाने लगे हैं।
यद्यपि यहां कई युवक स्नातक और परास्नातक हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि हरसीवाला गांव के किसी व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिली है। सोमवार को महेश कुमार फौज में ट्रेनिंग के लिए रवाना हुआ तो गांववालों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उसे विदा किया।
फौज में सिपाही के पद पर भर्ती हुए बीए पास महेश ट्रेनिंग के लिए गांव से लैंसडाउन के लिए रवाना हुआ। उसने बताया कि वहां से वह ट्रेनिंग के लिए नासिक जाएगा। महेश के पिता कृपाल सिंह चौहान व मां राजवती बेटे की इस सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं।
सोमवार को युवक के ट्रेनिंग के लिए रवाना होने पर परिजनों व ग्रामीणों ने उसका माल्यार्पण कर ढोल-नगाड़ों से विदाई दी। इस दौरान उसे बुजुर्गों ने देश सेवा करने के लिए आशीर्वाद दिया। कलीराम, शेरसिंह, जौहरी, जगदीश, पतराम, चंदर आदि बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक उनके गांव से कोई सरकारी नौकरी पर नहीं था।हरसीवाला गांव की आबादी करीब 1600 है। गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है। आगे की शिक्षा के लिए गांव के बच्चे दो किलोमीटर दूर बादशाहपुर स्थित इंटर कॉलेज में पढ़ने जाते हैं।
गांव से सात किलोमीटर दूर फेरूपुर में डिग्री कॉलेज है। पूर्व प्रधान साधुराम चौहान ने बताया कि गांव में वर्ष 1995 में राजकीय प्राथमिक विद्यालय स्थापित हुआ था। इससे पहले कुछ ही बच्चे दूसरे गांव में पढ़ने जाते थे।
गांव में सरकारी स्कूल खुलने से शिक्षा का स्तर बढ़ा है। गांव के 80 फीसदी बच्चे स्कूल जाते हैं। जबकि गांव में कई युवा स्नातक और परास्नातक हैं।
अब तैयारी के लिए बाहर जाने लगे हैं
ग्राम प्रधान प्रीति देवी का कहना है कि गांव में लोग आजीविका के लिए खेती बाड़ी और मजदूरी पर ज्यादा ध्यान देते हैं। या फिर आसपास की फैक्ट्रियों में नौकरी करने जाते हैं। सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए ग्रामीण अपने बच्चों को बाहर भेजने से कतराते हैं। पहले लोगों में जागरूकता की भी कमी थी। लेकिन अब बच्चे तैयारी के लिए बाहर जाने लगे हैं।
CBI कर्मी की बेटी का पकड़ा हाथ, लड़के संग परिवार को मिली सजा
कथित तौर पर अपहृत गाजियाबाद के सीबीआई कर्मी की बेटी ने सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में बयान दर्ज कराए। सीबीआई कर्मी की बेटी का कहना था कि उसका अपहरण नहीं हुआ है बल्कि वह बालिग है और रजामंदी से प्रेमी के साथ शादी की है।सीर्बीआई कर्मी की बेटी ने बयानों में अदालत से अनुरोध किया कि उसे उसके पति के साथ जाने दिया जाए। बयान के बाद लड़की का हाथ अपने हाथ में थामें युवक ने जोश में कहा कि ‘अब तो ये मेरी है, इसका हाथ और साथ कभी नहीं छूटेगा’।मामला हाईप्रोफाइल था और युवक व युवती पक्ष के लोगों की भीड़ अदालत के बाहर खड़ी थी। दोनों में टकराव के हालात थे। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में पिछले गेट से युगल को निकाला और गाजियाबाद रवाना कर दिया।गाजियाबाद में राजनगर निवासी सीर्बीआई कर्मी ने 22 मई को मझोला थाने में बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि गाजियाबाद राजनगर के ही आटो एजेंसी संचालक रंजीत पुत्र सुभाष व उसके परिजनों ने बेटी का अपहरण कर लिया है।सीर्बीआई कर्मी की बेटी ग्रेजुएशन की छात्रा है। सोमवार को हाईकोर्ट के डायरेक्शन लेकर रंजीत और सीबीआई कर्मी की बेटी सीजेएम कोर्ट पहुंचे। इनके पहुंचने से पहले ही दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग कचहरी पहुंच चुके थे।लिहाजा कचहरी को छावनी बना दिया गया। अदालत ने इस मामले में बयान दर्ज करने के बाद विवेचक को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। विवेचक ने बयानों का अवलोकन करने के बाद प्रेमी जोड़े को सुरक्षा घेरे में लेकर गाजियाबाद उनके घर तक पहुंचाया।धोबी घाट कालोनी से 24 मई को गायब युवती को पुलिस ने बिलासपुर छत्तीसगढ़ से बरामद कर लिया है। युवती के साथ आरोपी युवक को भी हिरासत में लिया गया है। युवती के परिजनों ने फफराना बस्ती निवासी युवक को नामजद कराया था।इंसपेक्टर दीपक शर्मा ने बताया कि सर्विलांस के जरिए युवती को बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से बरामद किया गया है।युवती ने बताया कि उसने गाजियाबाद आर्य समाज में आरोपी युवक से शादी कर ली है।युवती का कहना है कि वह बालिग है और पति के साथ रहेगी।सीबीआई कर्मी को जनवरी में ही बेटी के प्रेम प्रसंग की जानकारी हो गई थी। मामला अलग बिरादरियों का था।आए दिन बेटी के किस्से आने पर सीबीआई कर्मी ने गाजियाबाद छोड़ दिया और मुरादाबाद में किराए पर रहने लगे थे। लेकिन रंजीत को इस बात का पता चला तो वह यहीं से प्रेमिका को साथ ले गया।
मुलायम की मौत की खबर सुन समर्थक की गई जान
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की मौत की अफवाह सोशल मीडिया पर फैलने से एक समर्थक की मौत हो गई। मामला आगरा के नगला परम सुख गांव की है। जहां हरचरण सिंह यादव की ये अफवाह सुनने से मौत हो गई।
हरचरण अपनी खराब हुई फसल की रकम लेने बैंक गए हुए थे जहां उन्हें यह खबर वाट्सएप से मिली की सपा नेता मुलायम सिंह यादव की मृत्यु हो गई है। यह सुनते ही वह गश खाकर गिर गए। जिसके बाद उसे दिल्ली के एम्स में लाया गया जहां उनकी मौत हो गई।
हरचरण सिंह को मुलायम सिंह यादव के मौत की खबर सुनकर बेहोशी आ गई और वो बैंक में ही बेहोश हो गया। हरचरण सिंह मुलायम की रैलियों में शामिल होने के लिए कोसों दूर चला जाते थे।उसका कहना था कि श्री कृष्ण के बाद अगर कोई है जिसने यादवों को सम्मान दिलाया है तो वो सिर्फ मुलायम सिंह ही हैं। हरचरण के मकान पर मुलायम सिंह यादव के कई पोस्टर लगे हुए थे। हरचरण की मुलायम सिंह के प्रति इस दीवानगी से सभी गांव वाले वाकिफ थे और वो इस मौत से अचंभे में हैं।
गांव के एक किसान ने बताया कि फसल खराब होने के बाद जब उसे मुआवजा मिला तो वह काफी खुश था, और इसके लिए मुलायम सिंह का बहुत शुक्रगुजार था। सपा नेता योगेन्द्र पाल का कहना है मैं पिछले 16 सालों से सपा से जुड़ा हुआ हूं, लेकिन इस जैसा मुलायम भक्त शायद ही कोई हुआ हो।
योगेन्द्र ने बताया कि उसने एक बार हरचरण से कहा था कि तुम्हें मुलायम से मिलवा देंगे, लेकिन उसने कहा कि यह जरुरी नहीं है हर भक्त अपने भगवान से मिले। हरचरण अपने पीछे पत्नी, 1 लड़का और 4 बेटियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। हरचरण की पत्नी चंपा देवी अपने पति के ऐसे मौत से सदमे में चली गई है।
हरचरण अपनी खराब हुई फसल की रकम लेने बैंक गए हुए थे जहां उन्हें यह खबर वाट्सएप से मिली की सपा नेता मुलायम सिंह यादव की मृत्यु हो गई है। यह सुनते ही वह गश खाकर गिर गए। जिसके बाद उसे दिल्ली के एम्स में लाया गया जहां उनकी मौत हो गई।
हरचरण सिंह को मुलायम सिंह यादव के मौत की खबर सुनकर बेहोशी आ गई और वो बैंक में ही बेहोश हो गया। हरचरण सिंह मुलायम की रैलियों में शामिल होने के लिए कोसों दूर चला जाते थे।उसका कहना था कि श्री कृष्ण के बाद अगर कोई है जिसने यादवों को सम्मान दिलाया है तो वो सिर्फ मुलायम सिंह ही हैं। हरचरण के मकान पर मुलायम सिंह यादव के कई पोस्टर लगे हुए थे। हरचरण की मुलायम सिंह के प्रति इस दीवानगी से सभी गांव वाले वाकिफ थे और वो इस मौत से अचंभे में हैं।
गांव के एक किसान ने बताया कि फसल खराब होने के बाद जब उसे मुआवजा मिला तो वह काफी खुश था, और इसके लिए मुलायम सिंह का बहुत शुक्रगुजार था। सपा नेता योगेन्द्र पाल का कहना है मैं पिछले 16 सालों से सपा से जुड़ा हुआ हूं, लेकिन इस जैसा मुलायम भक्त शायद ही कोई हुआ हो।
योगेन्द्र ने बताया कि उसने एक बार हरचरण से कहा था कि तुम्हें मुलायम से मिलवा देंगे, लेकिन उसने कहा कि यह जरुरी नहीं है हर भक्त अपने भगवान से मिले। हरचरण अपने पीछे पत्नी, 1 लड़का और 4 बेटियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। हरचरण की पत्नी चंपा देवी अपने पति के ऐसे मौत से सदमे में चली गई है।