Thursday, 13 August 2015
आशिकी 3' में ऋतिक रोशन
मुंबई (13 अगस्त) : भूषण कुमार और भट्ट कैंप 'आशिकी 3' बनाने की तैयारी कर रहे हैं। बॉलिवुड में इस बात की चर्चा है कि 'आशिकी 3' में ऋतिक रोशन मुख्य किरदार निभाएंगे।
1990 में रिलीज़ हुई 'आशिकी' और 2013 में रिलीज़ हुई 'आशिकी 2' सुपरहिट साबित हुई थीं। दोनों फिल्मों के गानों को लोगों ने खूब पसंद किया था।
बता दें कि भट्ट कैंप हमेशा नई टेलेंट को बढ़ावा देने में यकीन रखता रहा है। लेकिन इस बार 'आशिकी 3' को बहुत बड़े पैमाने पर बनाने की तैयारी की जा रही है। ऋतिक रोशन फिलहाल 'मोहनजोदाड़ो' में व्यस्त हैं।
'आशिकी 3' का म्युजिक भी हाईलाइट होगा। ऋतिक रोशन को बॉलिवुड में सबसे अच्छा डॉन्सिंग स्टार माना जाता है। ऐसे में बहुत संभव है कि 'आशिकी 3' का मुख्य किरदार भी डॉन्सिंग पर ही आधारित हो।
1990 में रिलीज हुई 'आशिकी' के सुपरहिट गाने 'धीरे धीरे से' पर ऋतिक रोशन ने हाल में डॉन्स शूट कराया था। फिल्म के निर्माता और भूषण कुमार के पिता गुलशन कुमार को सम्मान देने के लिए इस गाने को रीक्रिएट किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इसी शूट के दौरान भूषण कुमार और ऋतिक रोशन ने किसी फिल्म में साथ काम करने का फैसला किया था।
Wednesday, 12 August 2015
लोकसभा में सुषमा के भाषण के बाद रो पड़े आडवाणी
नई दिल्ली (12 अगस्त): लोकसभा में बुधवार को लगातार भारी हंगामे के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ललित मोदी विवाद के मुद्दे पर अपनी सफाई दी। इस दौरान पहले तो बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी बड़े ध्यान से उनका भाषण सुनते रहे। लेकिन फिर सुषमा के भाषण के बाद आडवाणी भावुक हो गए और रो पड़े। आडवाणी ने संसद के भीतर ही रोते रोते सुषमा स्वराज की पीठ थपथपाई।
जोरदार हंगामे के बीच संसद में आज सरकार ने विपक्ष के सामने हाथ जोड़कर संसद को चलने की अपील की। पहले वेंकैया नायडू ने हाथ जोड़कर अपील की, फिर सुषमा स्वराज ने लोकसभा में हाथ जोड़कर कहा कि वो चर्चा को तैयार हैं। कृपया विपक्ष चर्चा करने दें।
ये हैं मोहब्बतें' के सेट पर घायल हुए करन पटेल
नई दिल्ली (12 अगस्त): 'ये हैं मोहब्बतें' टीवी सीरियल के शूटिंग के दौरान इसमें रमन भल्ला का रोल निभा रहे ऐक्टर करन पटेल घायल हो गए हैं। करन ने इस बात की जानकारी ट्विटर पर शेयर की जब टीवी प्रड्यूसर निवेदिता बसु ने उनका हालचाल पूछा।
निवेदिता ने करन से ट्विटर पर पूछा, करन तुम्हारी तबियत खराब है क्या? तुम्हे पता है कि मैं तुम्हें कॉल भी कर सकती थी, लेकिन मैं सोशल नेटवर्किंग साइट पर तुमसे इस बारे में पूछ रही हूं। इसके जवाब में करन ने कहा, सीरियल में फाइट सीक्वेन्स के दौरान एक छोटा सा हादसा हो गया था।
निवेदिता ने करन से ट्विटर पर पूछा, करन तुम्हारी तबियत खराब है क्या? तुम्हे पता है कि मैं तुम्हें कॉल भी कर सकती थी, लेकिन मैं सोशल नेटवर्किंग साइट पर तुमसे इस बारे में पूछ रही हूं। इसके जवाब में करन ने कहा, सीरियल में फाइट सीक्वेन्स के दौरान एक छोटा सा हादसा हो गया था।
काँवड़िए लोगों की दुआएँ और आशीर्वाद के बजाय श्राप बटोरते हैं
किसी भी धर्म या उपासना पद्धति की हो. समझदार और बुद्धिजीवी किस्म के लोग धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी पेंचीदगियों पर चर्चा करने से इसलिए कतराते हैं कि उन्हें लगता है कि हमारा जनमानस तथ्यों को समझने की मनोदशा में ही नहीं है. लेकिन मेरा मानना है कि प्रयास जारी रखना चाहिए. इसलिए हमें काँवड़ियों से जुड़े समाज शास्त्र और अर्थशास्त्र को भी जानना चाहिए.देश में सावन का महीना अपनी निराली रंगत लेकर आता है. बारिश का मौसम धरती की खुशबू में कहीं सोंधापन तो कही मादकता भर देता है. वनस्पति जगत की हरियाली चमचमा उठती है. फ़िज़ा में उमंग तो दिखती है, लेकिन खुशहाली नहीं. जबकि खुशहाली सावन की बुनियादी ख़ासियत है. दरअसल, बदलते दौर के साथ सावन में समाहित खुशहाली का हरण हो चुका है. कमोबेश, वैसे ही जैसे रावण ने सीता का हरण किया था. काश! देश का बहुसंख्यक हिन्दू समाज और ख़ासकर उनके धार्मिक नेता इसे समझ पाते और अपने अनुयायियों का सही मार्गदर्शन करते.
बात सिर्फ़ इतना तय करने की है कि क्या हमारे धार्मिक संस्कार हमें ये नहीं सिखाते कि अपनी खुशी के लिए हमारा किसी और को जाने या अनजाने में तकलीफ़ पहुँचाना पूर्णतः और विशुद्ध रूप से अधर्म है, पाप है! हमें इससे बचना चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य से सावन में उमड़ने वाले काँवड़िए और उनके सेवादारों को शायद यही बह्म-ज्ञान नहीं है. इसलिए काँवड़ियों के मौसम में बहुत बड़ी आबादी दहशत और ख़ौफ़ के बीच जीती है. ये पूरी तरह से अधार्मिक है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करोड़ों की आबादी के जनजीवन पर काँवड़ियों का असर किसी टिड्डी दल के हमले की तरह होता है. दिल्ली और इससे सटे हरियाणा-राजस्थान के मुख्य मार्गों, गली-मोहल्लों के लिए सावन और कांवड़िए किसी मानव-निर्मित प्राकृतिक आपदा से कम नहीं हैं. जिनका नियत समय पर आना तय बन चुका है. क्या हमें इस परिवेश को बदलने के लिए आगे नहीं आना चाहिए?
हरिद्वार के चारों ओर बसे 20-25 ज़िलों में जो लोग रहते हैं, उन्हें सावन में काँवड़ियों की टोलियों को अपने आस-पास से गुज़रते हुए देखकर यदि कोई धार्मिक श्रद्धा का अहसास होता है तो वो क्षणिक ही रहता है. क्योंकि वास्तव में काँवड़ियों की गतिविधियों से उनका जीना मुहाल हो जाता है. पुलिस और प्रशासन पर अज़ीबोग़रीब सकपकाहट हावी रहती है. जगह-जगह ट्रैफिक जाम रहता है. हर तरफ लोगों में गुस्सा और चिड़चिड़ाहट दिखायी देती है. सड़कों के किनारे बसे होटल-ढाबे वाले अपना काम-धंधा बन्द कर देते हैं क्योंकि जब कोई उनके पास रुकेगा ही नहीं तो वो क्या कमाएँगे-खाएँगे! ये काँवड़ियों के अर्थशास्त्र का बहुत दुःखद पहलू है. करोड़ों लोगों की आमदनी इस मौसम में शून्य हो जाती है.
सैकड़ों की संख्या में स्कूलों-कालेजों को मज़बूरन छुट्टियाँ करनी पड़ती हैं, क्योंकि सड़कों पर ट्रैफिक बन्द कर दिया जाता है. लाखों-करोड़ों वाहन सड़कों पर दौड़ते नहीं, बल्कि रेंगते हैं. वो करोड़ रुपये का पेट्रोल-डीज़ल नाहक जलाने के लिए मज़बूर होते हैं. इससे देश के उस बहुमूल्य विदेशी मुद्रा भंडार पर बुरा असर पड़ता जिससे हम पेट्रोलियम पदार्थों का आयात करते हैं. अनन्त और निरन्तर जाम के दौरान वाहनों से इतना प्रदूषण होता है, जिसके नुक़सान का आंकलन करना तो अभी हिन्दुस्तान के मिज़ाज़ में ही नहीं है. काँवड़ियों के दबदबे वाले दौर में मुसलमान उनके आसपास फटकने से बचते हैं, क्योंकि न जाने कौन सी बात साम्प्रदायिक उन्माद की शक्ल अख़्तियार कर ले! ये कैसा धार्मिक आचरण है जो सामाजिक समरसता को ललकारता है!
Monday, 10 August 2015
जब तक सुषमा इस्तीफा नहीं देंगी संसद नहीं चलेगी : राहुल गांधी
नई दिल्ली (10 अगस्त):संसद में चल रहे गतिरोध के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि जब तक सुषमा स्वराज का इस्तीफा नहीं होगा तब तक सदन नहीं चलने दिया जाएगा। पहली बार राहुल गांधी ने ये भी सवाल उठाया है कि सुषमा स्वराज देश को बताएं कि ललित मोदी के जरिए उनके परिवार के अकाउंट में कितना पैसा पहुंचा है।
राहुल ने सुषमा से वित्तीय लेनदेन की जानकारी देने को कहा है। राहुल ने कहा कि ललित मोदी के साथ वित्तीय लेनदेन के बारे में सुषमा स्वराज द्वारा खुलासा करने पर सदन सामान्य रूप से चलेगा कांग्रेस आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए संषर्घ कर रही है, सरकार को इस पर कदम उठाना चाहिए।
कपिल शर्मा ने की वापसी, कहा टीवी से नफरत है मुझे
मुंबई। पिछले कुछ दिनों से स्लिप डिस्क की परेशानी के चलते टीवी से दूर रहे कपिल शर्मा ने अब अपने कॉमेडी शो 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' पर वापसी कर दी है। कल टेलिकास्ट हुए एपिसोड को कपिल ने ही होस्ट किया था।
कपिल ने कहा कि वो स्टैंड अप कॉमेडी और फिल्में करने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं क्योंकि टीवी का तरीका उन्हें पसंद नहीं आता।
कपिल ने ट्विटर पर फैंस के साथ बात की। एक यूजर ने कपिल से पूछा कि किस मीडियम पर काम करना उनकी पहली पसंद होगी। सवाल था, 'फिल्में, टीवी, एंकरिंग या स्टैंडअप कॉमेडी? आपको कौन सा काम करना सबसे ज्यादा पसंद है?'
इसके जवाब में कपिल ने कहा, 'स्टैंडअप कॉमेडी और फिल्में...जिस तरह से टीवी काम करता है, उससे मुझे नफरत है।'
कपिल जल्द ही अब्बास-मस्तान की फिल्म 'किस किस को प्यार करूं' से बॉलीवुड में कदम रखने जा रहे हैं। फिल्म में अरबाज खान, मंजरी फडनिस, सिमरन कौर मुंडी और एली अवराम जैसे एक्टर्स नजर आएंगे। फिल्म 25 सितंबर को रिलीज हो सकती है।
बीच चौराहे पर प्रेमी की मां ने प्रेमिका को धुना, नोचे बाल
झारखंड। झारखंड के जमशेदपुर में एक प्रेमी की मां के द्वारा प्रेमिका की पिटाई करने का मामला सामने आया है। प्रेमी की मां ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में रंगेहाथों पकड़ा, जिसके बाद सड़क पर ही लड़की की पिटाई चालू कर दी।
जानकारी के अनुसार, पूरा मामला जमशेदपुर के मानगो इलाके का है। यहां मौजूद डीमाना चौक के पास लड़के के परिजनों ने प्रेमी-प्रेमिका को आपत्तिजनक स्थिति में पाया। दोनों को रंगेहाथों पकड़ने के बाद लड़के की मां ने अपने बेटे की प्रेमिका की पिटाई करनी शुरू कर दी। इससे वहां पर कई लोगों की भीड़ भी जुट गई।
प्रेमी की मां ने लड़की पर अपने बेटे को प्यार के जाल में फंसाने का आरोप लगाते हुए पहले तो काफी मारा और उसके बाद उसके बाल भी नोचे। पूरी घटना के वक्त प्रेमी ने अपनी मां का विरोध करते हुए प्रेमिका को बचाने का प्रयास भी किया लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सका।
बताया जा रहा है कि, दोनों ही एक निजी कॉल सेंटर में काम करते हैं। कॉल सेंटर में नौकरी करने के दौरान ही दोनों को आपस में प्यार हुआ।