Friday 12 June 2015

दुनिया का सबसे काला बच्‍चा, जानें क्‍या है हकीकत

बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर साउथ अफ्रीका में जन्मे एक काले बच्‍चे की तस्‍वीरें शेयर हो रही हैं। तस्‍वीर देखकर किसी को भी डर लग सकता है क्‍योंकि बच्‍चे की आंखों की पुतलियों के आसपास का क्षेत्र भी काला है जोकि वैज्ञानिक रूप से असंभव प्रतीत होता है।
सोशल मीडिया पर जारी है बहस
इस तस्‍वीर के रिलीज होने के बाद से सोशल मीडिया पर बहस चल रही है कि आखिर यह तस्‍वीर असली है या पूरी तरह से फर्जी ढंग से बनाई गई है। इस बात के ऊपर काफी विवाद चल रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह संभव है कि साउथ अफ्रीका में ऐसे किसी बच्‍चे का जन्‍म हुआ हो जिसे देखकर कोई भी आसानी से डर सकता है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह इमेज एडिटिंग सॉफ्टवेयर पर बनी हुई तस्‍वीर है जिसमें बच्‍चे की आंखों को जानबूझ कर काला किया गया है ताकि यह लोगों में जिज्ञासा पैदा करे। 

आखिर क्‍या है हकीकत

तस्‍वीर को रिलीज करने वालों ने इसे दुनिया के सबसे काले रंग के बच्‍चे के रूप में प्रचारित किया है। कहा गया है कि इस बच्‍चे का जन्‍म साउथ अफ्रीका में हुआ है। लेकिन गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने साफ किया है कि उन्‍होंने अपने रिकॉर्ड्स की पड़ताल कर ली है और यह खबर पूरी तर‍ह से फर्जी है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि इस तस्‍वीर में आखिर ऐसी कौन सी बात है जो इसे इंटरनेट पर वायरल बनाती है। मामले की जांच करने पर पता चलता है कि दुनिया में सबसे पहले 1998 में अमेरिका के टेक्‍सास में एक रिपोर्टर ब्रायन बेथल ने अपनी ईमेल में Black Eyed Kids के पाए जाने के बारे में लिखा। ब्रायन की पोस्‍ट में बच्‍चों की आंखों को पूरा काला बताया गया और उनके रोबोट्स की तरह चलने का जिक्र किया गया। 

खबर का एलियन कनेक्‍शन

ऐसे किसी भी बच्‍चे को आजतक असली रूप में देखा नहीं गया है लेकिन आम लोगों में इन बच्‍चों से जुड़ी खबरों में खासी दिलचस्‍पी देखी जाती है। अगर शेयरिंग पैटर्न और मैग्‍नीट्यूड को बात करें तो इन खबरों और एलियन स्‍टोरीज में काफी समानता पाई जाती है। इनकी पॉपुलेरिटी के मूल में डर और आश्‍चर्य की भावना होती है क्‍योंकि लोग सिर्फ उन चीजों को ज्‍यादा गंभीरता से लेते हैं जो उन्‍हें डायरेक्‍टली प्रभावित कर सकती हैं। इसमें आश्‍चर्य का पुट भी शामिल है। क्‍योंकि लोग ऐसी खबरों को पढ़ते ही अचरज से भर उठते हैं। ऐसे में वे अपने दोस्‍तों और रिश्‍तेदारों को भी ऐसी ही खबरें शेयर करते हैं। इंटरनेट पर द्वितीय विश्‍वयुद्ध के दौरान हिटलर की जादुई सेनाओं और प्रयोगों, अमेरिका के एरिया 51, बरमूडा ट्रायंगल आदि पर ढेरों वेबसाइटें और ब्‍लॉग मिल जाएंगे लेकिन अब तक इन खबरों का हकीकत से कोई सरोकर स्‍थापित नहीं किया जा सका है।

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