जम्मू (6 अगस्त): सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने आज कहा कि जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में कल बीएसएफ के एक काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बारे में उसे कोई सटीक खुफिया जानकारी नहीं थी। हमले के बाद घटनास्थल का दौरा करने वाले बीएसएफ प्रमुख देवेंद्र क़े पाठक ने कहा कि जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग इलाका तुलनात्मक रूप से सुरक्षित है तथा यहां पिछले दो दशक में इस तरह के हमले नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि बीएसफ के जवानों को ले जा रही बस में हथियार लिए सुरक्षाकर्मी रॉकी (25) ने बड़ी बहादुरी से जवाबी गोलीबारी की और आतंकवादियों को बस में घुसने से रोका तथा दूसरे जवानों की जान बचाई। बस में सवार अन्य जवानों के पास हथियार नहीं थे।
बीएसएफ के महानिदेशक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमले के बारे में संकेत की कोई सटीक खुफिया जानकारी नहीं थी। इस इलाके में करीब 20 वर्षों से कोई घटना नहीं हुई थी लेकिन इसका यह मतलब नहीं होता कि भविष्य में कुछ नहीं होगा। परंतु तुलनात्मक रूप से इस इलाके को सुरक्षित माना जाता है और हमने प्रभावी जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले रॉकी की वीरता की सराहना की। रॉकी ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपने 44 निहत्थे बीएसएफ साथियों की जान बचाई।
पाठक ने कहा, अचानक हथियार लिए हुए एक आतंकवादी सड़क के बीच आ गया और बस पर गोलीबारी करने लगा तथा बस को रोकने का संकेत देने लगा। ड्राइवर को सबसे पहले गोली लगी और बस नीचे की ओर जाने लगी। इसी दौरान आतंकवाद बस की ओर आ गया और टायर में गोली मार दी। इसके बाद आतंकवादी बस में घुसने और बस का दरवाजा खोलने का प्रयास करने लगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या आतंकवादी बस में घुस गया था तो पाठक ने कहा कि अगर ऐसा होता तो बहुत सारे लोग हताहत होते। बीएसएफ के महानिदेशक ने कहा कि रॉकी ने एक आतंकवादी को रोक दिया और दूसरे को मौके से भागने को मजबूर कर दिया। दूसरा आतंकवादी उंचाई पर था और अपने साथी की मदद के लिए गोलीबारी कर रहा था। उन्होंने कहा, आतंकवादी एक हाथ से गोलीबारी कर रहा था और दूसरे हाथ में ग्रेनेड लिए हुए था। अगर वह ग्रेनेड बस के भीतर फेंक देता तो बहुत लोग हताहत हो जाते।
पाठक ने कहा कि वह अभी इस हमले और 27 जुलाई के गुरदासपुर के हमले के बीच समानता होने के निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने इस दावे को भी खारिज किया कि सुरक्षा बल की ओर से मानक परिचालक प्रक्रिया का कोई उल्लंघन हुआ है।
बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि गुरदासपुर और उधमपुर की दो हालिया घटनाओं से तार्किक रूप से यह स्पष्ट हो गया है कि आतंकवादी सीमा पार से आते हैं। पाठक ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा अपनाई गई तरकीब अथवा तरीके को लेकर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और कहा कि यह जांच एजेंसियों और पुलिस के अधिकार क्षेत्र की बात है। घटना पर संसद में दिए बयान में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रॉकी और कांस्टेबल शुभेंदु ने सिर्फ आतंकवादियों को नाकाम किया, बल्कि आखिर तक लड़ते रहे।
0 comments:
Post a Comment