Thursday, 30 July 2015
फिल्म के टाइटल के बाद अब करीना का नया लुक आया सामने
30 जुलाई):एक्ट्रेस करीना कपूर खान और एक्टर अर्जुन कपूर स्टारर फिल्म का नाम तो हम आपको बता ही चुके हैं। फिल्म का टाइटल 'का एंड की' दिया गया है। बता दें, डायरेक्टर आर बाल्कि की इस फिल्म में अर्जुन करीना के पति बने हैं जो एक हाउस-हस्बैंड हैं।
हाल ही में फिल्म के सिनेमौटोग्राफर पीसी श्रीराम ने करीना कपूर का लुक टेस्ट किया है और इसके बाद ही उन्होंने ये तस्वीर अपने ट्वीटर अकाउन्ट पर शेयर की।खबरो के अनुसार, इस फिल्म में करीना कपूर घर को चलाने वाली एक महिला बनी हैं जो एक काफी सक्सेफुल बिज़नेस आईकॉन भी है। उस हिसाब से ये लुक काफी परफेक्ट लग रहा है। लेकिन, अब देखना होगा कि फिल्म में अर्जुन का क्या लुक सामने आता हैं। वैसे करीना काफी वक्त बाद बिल्कुल नए रुप में दिख रही हैं।
कोठी-पैसे की लालच में की 'समलैंगिक शादी', अब मांग रहा तलाक
फिरोजपुर। करीब एक माह पहले जिले के एक गांव में एक ऐसी शादी हुई, जिसे देश का कानून इजाजत नहीं देता है। एक 20 वर्षीय युवक और 32 साल के युवक ने समलैंगिक शादी रचाई, वह भी परिजनों की मौजूदगी में और उनकी सहमति से। दुल्हन था 32 साल का युवक। अब यह बात सामने आई है कि दूल्हे बने युवक ने यह सब 'दुल्हन' की कोठी, जमीन व पैसे हासिल करने के लिए किया था।
यह शादी 26 जून को हुई थी। शादी की रात सेज पर बैठी 'दुल्हन' से दूल्हे ने कहा कि वह उसे अपनी कोठी और जमीन दे दे या फिर 'तलाक'। मामला अब फिरोजपुर पुलिस के पास पहुंच गया है और मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
फिरोजपुर के बस्ती शेखा वाली में रह रहे इस 32 साल के युवक ने बताया कि वह अपने घर में एक धार्मिक गद्दी पर बैठता है। मई में उसके पास गांव लुहाम का एक युवक किसी झाड़-फूंक के लिए आया था। उस दिन वह उसके डेरे पर ही रुक गया। रात को उसने उसके साथ अप्राकृतिक संबंध बनाए। उसने इस बारे में उसके परिवार वालों को बताया। बाद में वह पुलिस के पास जाने वाला था, लेकिन उसके परिवार वालों ने कहा कि वे दोनों की शादी कर देंगे।
उसके अनुसार, 26 जून को लुहाम के इस युवक ने उसके साथ एक धार्मिक स्थल पर शादी कर ली। मगर उसकी नीयत का उसे तब पता चला जब उसी रात कहा कि वह उसे अपनी कोठी, जमीन व पैसे दे दे वरना वह उससे संबंध तोड़ लेगा। इसके लिए वह लगातार दबाव बनाता रहा। इसके लिए वह राजी नहीं हुआ तो उसके परिवारवालों ने मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया।
युवक ने बताया कि उसने दो बच्चे गोद लिए हैं, जिसकी जानकारी उसे (लुहाम के युवक को) भी थी। उसने केवल उसकी जायदाद, नकदी और सोना हड़पने के लिए शादी की यह साजिश अपने परिवार वालों के साथ मिलकर रची। उसने सोने के आभूषण (करीब 75 हजार), दो मोबाइल फोन, 1 लाख 38 हजार रुपये नकद उससे हड़प लिए हैं। वह उसके साथ लगातार अप्राकृतिक संबंध भी बनाता रहा है।
थाना सिटी पुलिस ने सोनू के बयान पर आरोपी लुहाम के युवक, उसकी मां, भाई, बहन और जीजा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले के जांच अधिकारी गुरदयाल सिंह ने कहा कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
गूगल ने डॉक्टर कलाम को दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली ( 30 जुलाई ):डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देने वालों की सूची में गूगल का भी नाम जुड़ गया है। गूगल ने अपने होमपेज पर काले रिबन से डॉक्टर कलाम को श्रद्धांजलि दी है।
गूगल देश-विदेश के तमाम हस्तियों, अहम मौकों और तारीखों को खास कर डूडल के जरिए याद करता है। कलाम अपने सादगी की वजह से जाने जाते थे।
राष्ट्रपति जैसे पद पर होने के बाद भी कलाम आम लोगों से मिलते रहते थे। कलाम के इसी सादगी को दिखाने के लिए गूगल ने किसी डूडल का इस्तेमाल नहीं करके सर्च टैब के नीचे काला रिबन दिखाकर श्रद्धांजलि दी है।
सुबह 3:45 बजे जागा और 7:01 बजे मृत घोषित हुआ याकूब
नागपुर। सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद याकूब मेमन को बृहस्पतिवार सुबह यहां की सेंट्रल जेल में फांसी पर लटका दिया गया। फांसी पर लटकाए जाने से पहले याकूब की अंतिम सुबह कुछ ऐसी थी:-
सुबह 3.45 बजे:याकूब को जगाया गया। नहाने के बाद उसे पहनने के लिए नए कपड़े दिए गए।
सुबह 4.15 बजे: उससे कहा गया कि वह जिस धर्म को मानने वाला है, उसके अनुसार प्रार्थना कर ले। तब उसने नमाज अदा की।
सुबह 4.45 बजे: डॉक्टरों की टीम ने उसका मेडिकल चेकअप किया।
सुबह 5.00 बजे:उसे उसकी पसंद का नाश्ता कराया गया।
सुबह 6.00 बजे: उसे उसकी पसंद की धार्मिक किताब पढ़ने के लिए दी गई।
सुबह 6.20 बजे: उसे फांसी के फंदे तक ले जाया गया।
सुबह 6.25 बजे: याकूब फांसी के फंदे के सामने खड़ा करके उसे फांसी देने की वजह बताई गई।
सुबह 6.30 बजे: उसका चेहरा काले कपड़े से ढक दिया गया और हाथ पीछे की तरफ बांध दिए गए। इसके बाद उसको फांसी दे दी गई।
सुबह 7.01 बजे: चिकित्सकों ने औपचारिक तौर पर याकूब को मृत घोषित कर दिया गया।
सुबह 8.15 बजे: याकूब की फांसी की सूचना गृह मंत्रालय को दी जाएगी और कानूनी कार्रवाई के बाद उसके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू होगी।
सुबह 8:15 बजे शव को परिजन को शौंपने पर होगा फैसला।
Wednesday, 29 July 2015
याकूब की फांसी की तैयारी पर 22 लाख का खर्चा
चंद मिनट में याकूब की कहानी खत्म
मुंबई में 1993 के बम धमाकों के गुनहगार याकूब मेमन को 30 जुलाई को सुबह 7 बजे फांसी पर लटका दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने याकूब की क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई करने से साफ इंकार कर दिया जिसके बाद उसकी फांसी का रास्ता साफ हो गया। उधर नागपुर जेल प्रशासन ने याकूब को फांसी देने की तैयारी पूरी कर चुका है। जेल में फांसी का फंदा तैयार है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 21 जुलाई को याकूब की क्यूरेटिव पेटिशन खारिज कर दी थी। उसके बाद मंगलवार को दो न्यायाधीशों की बेंच ने क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई के लिए चर्चा की लेकिन उनमें सहमति नहीं बन पाने के कारण मामले को उच्च पीठ के पास भेज दिया गया था। बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए उच्च पीठ ने याकूब और सरकार के पक्षों को फिर से सुनने के बाद याकूब की फांसी की सजा को सही ठहराया और दोबारा क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। इस बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी याकूब की दया याचिका को खारिज कर दिया जिससे उसकी फांसी का रास्ता साफ हो गया। फिलहाल याकूब को काल कोठरी में रखा गया है और उसके बाहर पुलिस का कड़ा पहरा है।
जेल में फिजिशियन और मनोचिकित्सक मेमन की नियमित जांच कर रहे हैं। नागपुर जेल में 1984 के पश्चात लंबे अंतराल के बाद किसी को फांसी देने का आदेश हुआ है, जिसके चलते फांसी देने की तैयारी नए सिरे से पूरी की जानी थी। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने 22 लाख रुपये भी आवंटित कर दिया है। इस रकम से फांसी देने के लिए बने प्लेटफार्म की मरम्मत से लेकर शेड आदि का कार्य पूरा कराया गया हैं।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 21 जुलाई को याकूब की क्यूरेटिव पेटिशन खारिज कर दी थी। उसके बाद मंगलवार को दो न्यायाधीशों की बेंच ने क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई के लिए चर्चा की लेकिन उनमें सहमति नहीं बन पाने के कारण मामले को उच्च पीठ के पास भेज दिया गया था। बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए उच्च पीठ ने याकूब और सरकार के पक्षों को फिर से सुनने के बाद याकूब की फांसी की सजा को सही ठहराया और दोबारा क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। इस बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी याकूब की दया याचिका को खारिज कर दिया जिससे उसकी फांसी का रास्ता साफ हो गया। फिलहाल याकूब को काल कोठरी में रखा गया है और उसके बाहर पुलिस का कड़ा पहरा है।
जेल में फिजिशियन और मनोचिकित्सक मेमन की नियमित जांच कर रहे हैं। नागपुर जेल में 1984 के पश्चात लंबे अंतराल के बाद किसी को फांसी देने का आदेश हुआ है, जिसके चलते फांसी देने की तैयारी नए सिरे से पूरी की जानी थी। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने 22 लाख रुपये भी आवंटित कर दिया है। इस रकम से फांसी देने के लिए बने प्लेटफार्म की मरम्मत से लेकर शेड आदि का कार्य पूरा कराया गया हैं।
महानायक के साथ काम करने को लेकर हैरत में हैं नवाज
नई दिल्ली(29 जुलाई): बॉलिवुड में अपने दमदार अभिनय से जगह बनाने वाले एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने इस बात का खुलासा किया की साल के आखिर तक वो महानायक अमिताभ बच्चन के अपनी नई फिल्म की शूटिंग शुरु करेंगे। फिल्म का नाम 'केरला' बताया जा रहा है।
फिल्म 'कहानी' फेम डायरेक्टर सुजॉय घोष स्क्रिप्ट के अंतिम चरण पर हैं। सुजॉय 2012 से इसकी स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं। पहले ये फिल्म तीन हीरो वाली बताई जा रही थी। मगर, अब इस फिल्म में एक्टर नवाज और अमिताभ ही मुख्य किरदार में होगे। जैसा की फिल्म का नाम 'केरला' बताया जा रहा है तो फिल्म की शूटिंग भी वहां ही होगी।
फिल्म को एक ही शेड्यूल में पूरा किया जाएगा। फिल्म को लेकर उत्साहित नवाज ने बताया, 'स्क्रिप्ट पर काम खत्म होने पर हम वर्कशॉप शुरू करेंगे।' महानायक के साथ काम करने को लेकर नवाज हैरत में हैं।
नवाज ने बताया, 'मैंने शुरू में ही सी-ग्रेड फिल्में देखी थीं जो कम बजट की होती थी और आकर्षण के लिए उनमें पोर्नडाल दिया जाता था। संवाद भी अलग से होते थे। हमारे पास मनोरंजन का कोई और साधन नहीं था तो मैं इन्हीं फिल्मों को काफी चाव से देखने लगा।'
नवाज ने आगे बताया, 'मेरे गांव में बड़े बजट की फिल्में नहीं लगती थीं। अपने ग्रेजुएशन के बाद में मैं दिल्ली के मशहूर नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा चला गया। उस दौरान मेरा रुख वर्ल्ड सिनेमा की तरफ हो गया। ज्यादातर लोग हिंदी फिल्में देख कर इंडस्ट्री में आते हैं। लेकिन मैं नहीं देख पाया। इस बीच मैंने बच्चन साहब और अन्य बड़े कलाकारों की क्लासिक फिल्में मिस कीं, जिन्हें बाद में देखा और अब भी वक्त मिलने पर देखता हूं।'