लखनऊ (16 जुलाई) : नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह से जुड़े अवैध संपत्ति मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। यादव सिंह पर दस हज़ार करोड़ रुपये की काली कमाई जुटाने के आरोप हैं। हाईकोर्ट ने ये आदेश सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिए।
नूतन ठाकुर ने दिसंबर 2014 में ये याचिका दायर की थी। बता दें कि नूतन ठाकुर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी हैं जिन्हें हाल में उत्तर प्रदेश सरकार ने निलंबित किया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने पूरक हलफनामे में तथ्यों समेत यादव सिंह की फर्जी कंपनियों की जानकारी दी है। ये कंपनियां अवैध संपत्ति को खपाने के लिए बनाई गईं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि यादव सिंह को मुलायम सिंह यादव, मायावती और मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में मलाईदार पोस्टिंग मिलती रही हैं। राज्य सरकार के वकील ने याचिकाकर्ता के आरोपों का खंडन किया और कहा कि याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है।
आपको बता दें कि जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यादव सिंह के घर और अन्य ठिकानों पर छापे मारे थे तो अफसरों की आंखें खुली की खुली रह गई थीं। यादव सिंह का घर दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 51 में है। यादव सिंह के घर से दो किलो हीरे मिले थे, जिनकी कीमत 100 करोड़ बताई जा रही है। उनकी कार से 10 करोड़ नकद मिलने की बात सामने आई थी। यादव सिंह का रियल एस्टेट में उनका भारी-भरकम निवेश है।
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