लंदन (13 अगस्त): डॉ फिलिप ने एक ऐसी मशीन बनाई है जिसमें 91% नाईट्रोजन और 9% कार्बन मोनोऑक्साइड गैस है। उन्होंने इसे डेस्टिनी नाम दिया है। डॉ डेथ के नाम से चर्चित डॉ फिलिप का एक सूसाइड क्लब भी है जिसमें 10,000 सदस्य हैं। इन सदस्यों को सावधानी से आत्महत्या करने के तरीके बताए जाते हैं।
मिरर की एक पत्रकार एमिली ने उनकी बनाई इस मशीन को टेस्ट किया। उन्होंने बताया कि एक पाईप उनकी नाक से होते हुए मशीन में जा रहा था जिसमें जहरीली गैंसे भरी थीं। एक बटन दबाने भर से यह गैस नाक के अंदर जाने लगती है और इनको सूंघने से कुछ ही सेकेंड में इंसान की मौत हो सकती है। उनका गला सूख रहा था और सामने लगी स्क्रीन पर उनके दिल की धड़कन की रफ्तार दिख रही थी। हालांकि, इसे लेकर डॉ फिलिप अभी कुछ कानूनी दांव पेंच में फंसे हुए हैं। लेकिन वह कहते हैं कि जल्द ही कानूनी इजाजत के साथ वह इसे बाजार में उतारेंगे। उनका कहना है कि इस मशीन में किसी भी अवैध चीज का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
इस मशीन का उपयोग करने वाले ज्यादातर लोग वे हैं जो बुढ़ापे की या दर्दभरी मौत नहीं मरना चाहते।
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