Sunday, 9 August 2015

गौहत्या का खुला समर्थन तो मुगल भी नहीं करते थे'

नई दिल्ली (8 अगस्त):केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कृषि मंत्रालय के सहयोग से आयोजित गोरक्षा पर एक सम्मेलन में बोलते हुए गोरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने इतिहास का उदाहरण देते हुए कहा कि मुगलों तक को पता था कि यदि उन्हें शासन करना है तो गोवध को खुला समर्थन व्यावहारिक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश लोग इस पहलू को समझने में विफल रहे।
वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्री के रूप में उन्होंने बांग्लादेश को होने वाली मवेशियों की तस्करी रोंकने के लिए काम किया है। उन्होंने इसे सुनिश्चित किए जाने के लिए बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने इसके लिए लगातार प्रयास किए। सिंह ने कहा कि मेरे पास मुगल शासकों के बारे में जो भी अल्प जानकारी है, मैं कह सकता हूं कि मुगल शासकों को ये बात पता थी। वो समझते थे कि गोवध कर और गोवध को खुला समर्थन कर वे लंबे समय तक शासन नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यहां तक कि बाबर ने भी अपनी वसीयत में लिखा कि हम एक बार में दो चीजें नहीं कर सकते। या तो जनता के दिलों पर राज करो या गोमांस खाओ। केवल एक बात हो सकती है, साथ साथ ये दोनों काम नहीं हो सकते।
राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय गोधन महासंघ में बोलते हुए कहा कि जब ब्रिटिश भारत आए, भारतीय परंपरा का जिस तरह आदर होना चाहिए था वैसा नहीं हुआ। इसलिए ये स्थिति और खराब हो गई। आजादी की पहली लड़ाई (1857) की वजहों में से एक मुख्य वजह गाय की चर्बी थी, जो कारतूस में इस्तेमाल होती थी। इससे गाय के प्रति जनता की आस्था का पता चलता है।
उन्होंने कहा कि जब मैंने कार्यभार संभाला, महीने भर के भीतर तय किया कि मैं गाय की तस्करी का भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौके पर जाकर जायजा लूंगा। तस्करी रोकना बेहद मुश्किल था। राजनाथ ने कहा कि वह बीएसएफ जवानों के पास गये और कहा कि जब हम तस्करी रोक लें तभी इस बैठक को सफल माना जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने गोरक्षा के लिए 500 करोड़ रूपए का आवंटन किया है। इसके अलावा भारतीय नस्ल की गायों पर अनुसंधान के लिए दो केन्द्र बनाए गए हैं।

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