दिल्ली सरकार के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र तोमर जहां फर्जी डिग्री मामले में जेल की हवा खा रहे हैं वहीं उनके जैसे ही आरोप लगे हैं पंजाब पुलिस के डीसीपी पर। बताया जा रहा है कि उन्होंने भी नौकरी पाने के लिए उसी विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री का सहारा लिया है जहां से जितेन्द्र तोमर ने अपनी डिग्री लगाई थी।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमडी इश्तियाक ने पंजाब पुलिस के डीसीपी और फिलहाल अमृतसर में तैनात परमपाल सिंह की बीए की डिग्री को फर्जी बताया है। कुलपति के इस खुलासे से अब डीसीपी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
मामले में पंजाब की आम आदमी पार्टी की इकाई ने इस संबंध में शिकायत की थी। जिसके बाद मगध यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में अपना बयान जारी किया। वैसे पूर्व में भी परमपाल के खिलाफ पंजाब में एक आपराधिक मुकदमा दर्ज हो चुका है।ऐसे में तोमर मामले पर हल्ला काटने के बाद अब पंजाब की भाजपा अकाली सरकार को इस मुद्दे पर चुप रहना मुश्किल हो सकता है। जल्द ही इस मुद्दे की लपटें बिहार शरीफ और बौद्ध गया तक पहुंच सकती हैं।
बता दें कि पंजाब पुलिस के डीएसपी परमपाल ने दावा किया था कि उन्होंने बिहार के सोसाराइ के किसान कालेज से समाजशास्त्र में 1987-89 में बीए किया था। परमपाल के अनुसार वे अपनी उच्च शिक्षा के लिए पंजाब से बिहार शरीफ पहुंचे थे।
परमपाल जिस किसान कालेज से अपनी पढ़ाई का दावा करते हैं वो कभी शिक्षा के लिए चर्चित नहीं रहा, बल्कि कालेज के पास उस समय समाजशास्त्र की मान्यता भी नहीं थी जब उन्होंने यहां से इस विषय की पढ़ाई की।बाद में साल 2004 में कालेज को सशर्त इस विषय की मान्यता दी गई थी, जिससे पुलिस अधिकारी का दावा झूठा साबित होता दिख रहा है। बता दें कि मगध विश्वविद्यालय एक समय फर्जी डिग्रियों के लिए काफी बदनाम रहा है।
एक समय एक प्राइवेट कंपनी ने मगध विश्वविद्यालय से डिग्री पाने वालों को अपने यहां नौकरी देने से भी प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि अब इस दिशा में विश्वविद्यालय की ओर से काफी कदम उठाए जा रहे हैं।
कुलपति इश्तियाक के अनुसार अब विश्वविद्यालयों से दी जाने वाली डिग्री में सुरक्षा संबंधी काफी कदम उठाए गए हैं। अब डिग्रियों पर होलोग्राम की व्यवस्था की जा रही है, जिसके बाद फर्जीवाड़ा करना मुश्किल होगा।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमडी इश्तियाक ने पंजाब पुलिस के डीसीपी और फिलहाल अमृतसर में तैनात परमपाल सिंह की बीए की डिग्री को फर्जी बताया है। कुलपति के इस खुलासे से अब डीसीपी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
मामले में पंजाब की आम आदमी पार्टी की इकाई ने इस संबंध में शिकायत की थी। जिसके बाद मगध यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में अपना बयान जारी किया। वैसे पूर्व में भी परमपाल के खिलाफ पंजाब में एक आपराधिक मुकदमा दर्ज हो चुका है।ऐसे में तोमर मामले पर हल्ला काटने के बाद अब पंजाब की भाजपा अकाली सरकार को इस मुद्दे पर चुप रहना मुश्किल हो सकता है। जल्द ही इस मुद्दे की लपटें बिहार शरीफ और बौद्ध गया तक पहुंच सकती हैं।
बता दें कि पंजाब पुलिस के डीएसपी परमपाल ने दावा किया था कि उन्होंने बिहार के सोसाराइ के किसान कालेज से समाजशास्त्र में 1987-89 में बीए किया था। परमपाल के अनुसार वे अपनी उच्च शिक्षा के लिए पंजाब से बिहार शरीफ पहुंचे थे।
परमपाल जिस किसान कालेज से अपनी पढ़ाई का दावा करते हैं वो कभी शिक्षा के लिए चर्चित नहीं रहा, बल्कि कालेज के पास उस समय समाजशास्त्र की मान्यता भी नहीं थी जब उन्होंने यहां से इस विषय की पढ़ाई की।बाद में साल 2004 में कालेज को सशर्त इस विषय की मान्यता दी गई थी, जिससे पुलिस अधिकारी का दावा झूठा साबित होता दिख रहा है। बता दें कि मगध विश्वविद्यालय एक समय फर्जी डिग्रियों के लिए काफी बदनाम रहा है।
एक समय एक प्राइवेट कंपनी ने मगध विश्वविद्यालय से डिग्री पाने वालों को अपने यहां नौकरी देने से भी प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि अब इस दिशा में विश्वविद्यालय की ओर से काफी कदम उठाए जा रहे हैं।
कुलपति इश्तियाक के अनुसार अब विश्वविद्यालयों से दी जाने वाली डिग्री में सुरक्षा संबंधी काफी कदम उठाए गए हैं। अब डिग्रियों पर होलोग्राम की व्यवस्था की जा रही है, जिसके बाद फर्जीवाड़ा करना मुश्किल होगा।
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