Wednesday, 24 June 2015

भारतीय शांति सैनिकों पर लग रहे हैं यौन शोषण के आरोप

संयुक्त राष्ट्र के शांतिदूतों शामिल भारतीय सेना के जवानों पर 2010 से 2013 के बीच दुष्कर्म के तीन मामलों की पुष्टि हुई है। यह आरोप तब सामने आया जब 2008 में कांगो गणराज्य में 10 जवानों के सेक्स कांड में शामिल होने की पुष्टि हुई थी जो यूएन आचार संहिता का उल्लंघन है।

कुछ सैनिकों पर यह भी आरोप है कि वे शादी शुदा भी हैं। वहीं इस मामले पर सेना के एक अधिकारी का कहना है कि ऐसे सेना के जवानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो विदेशी सरजमीं पर जाकर सेना की बेइज्जती कराते हैं।

सेना इस बात की भी तैयारी कर रही है कि ऐसे नियमों के उल्लंघन के लिए कड़े से कड़े कानून बनाए जाएं। संयुक्त राष्ट्र के 16 अभियानों में 1 लाख 25 हजार सैनिक,पुलिस और स्थानीय नागरिक तैनात हैं।जो संघर्ष अथवा युद्धग्रस्त इलाकों में हिंसा को कम करने में मदद करते हैं और शांति स्थापित करते हैं। संयुक्त राष्ट्र की सेना में 72,00 भारतीय सैनिक विभिन्न 9 मिशन में तैनात है जो कॉंगो, दक्षिणी सूडान, और लेबनॉन में शामिल है।

बीते कुछ सालों में संयुक्त राष्ट्र के शांतिदूतों को यौन शोषण के कई मामलों का सामना करना पड़ा है। ये मामले खास तौर से उन क्षेत्रों में सामने आ रही हैं जो आर्थिक रुप से बहुत ही कमजोर हैं।

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ो के मुताबिक पिछले पांच सालों में 265 शांतिदूतों पर यौन शोषण के आरोप लग चुके हैं। 2003 में यूएन द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में ट्रांजेक्शनल सेक्स को बैन कर दिया गया था क्योंकि यह यूएन की साख गिरा सकता था।भारतीय सेना ने ऐसे मामलों की जांच करने के लिए कुछ कदम उठाएं हैं। उदाहरण के लिए उन लोगों की जासूसी कराई जाएगी जो कांगो गोमा क्षेत्र में कार्यरत हैं। 

इन मामलों में कमी लाने के लिए नाइट क्लब, बार, रेड लाइट इलाकों में छापे मारी की जाती है। उन सैनिकों पर खास तौर से नजर रखी जाती है जिनकी ड्यूटी के खत्म होने में केवल 2 महीने बचे होते हैं क्योंकि अधिकतर मामले इसी समय में सामने आते हैं।

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