Wednesday, 29 July 2015

याकूब मेमन ऐसे पकड़ा गया था

नई दिल्ली (29 जुलाई):सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार को 1993 के मुंबई ब्लास्ट मामले में फांसी की सजा पाने वाले याकूब मेमन की दूसरी क्यूरेटिव पिटिशन भी खारिज कर दिए जाने के बाद याकूब को अब फांसी की सजा होकर रहेगी। उसे 30 जुलाई को नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दी जाएगी। इससे पहले याकूब की सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन, एक क्यूरेटिव पिटिशन, राष्ट्रपति और महाराष्ट्र के गवर्नर को भेजी गई दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी थी। याकूब ने राष्ट्रपति के पास एक और दया याचिका भेजी जो खारिज हो चुकी है। यहां बता दें कितारीख 12 मार्च 1993 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक-एक कर 13 धमाके हुए जिससे मायानगरी दहल गयी। 75 मिनट के भीतर हुए तेरह धमाकों में पूरी मुंबई सुलगने लगी, आग और खून में लोग तड़पने लगे। जिस का दर्द आज भी देश भूल नहीं पाया है। 22 साल बाद इसके एक गुनहगार याकूब मेमन को सज़ा मिल रही है।
आइए आपको बताते हैं, कैसे पकड़ा गया था याकूब:
यकाबू मेमन 1994 से जेल में है। उसे नेपाल के काठमांडु से 21 जूलाई 1994 को गिरफ्तार किया गया था। याकूब एक बिज़नेसमैन की तरह पाकिस्तान के कराची से फ्लाइट नंब PIA 250 से काठमांडु एयरपोर्ट पर उतरा था। उसके पास पाकिस्तान का पासपोर्ट था जिसमें उसका नाम था यूसुफ अहमद, पासपोर्ट का नंबर था AA763242। जैसे ही याकूब हवाई अड्डे पर उतरा नेपाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दिया। एयरपोर्ट पर याकूब को रिसीव करने के लिए उसका भाई भी मौजूद था। बताया जाता है कि याकूब यहां वकील से मिलने आया था और वो खुद को भारत वापस आने के लिए राह हमवार कर रहा था लेकिन इससे पहले की वो अपने वकील से मिलता भारतीय जांच एजेंसी के शिकंजे में आ गया। तब से वो अब तक जेल में है और अब उसके फांसी की तैयारी हो रही है।

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