Sunday, 16 August 2015

एक ऐसी लव स्टोरी, जिसे पढ़कर भीग जाएंगी आंखें

र के अहसास ने बदल दी थी जिंदगी

शादी से ठीक पहले वो बुन रही थी हसीन ख्वाब, लेकिन एक झटके में सब कुछ बिखर गया। द गार्जियन की खबर के मुताबिक एक महिला ने पत्र ‌लिखकर इस बात का खुलासा किया है।

शाम का वक्त था। सूरज ढल रहा था। समंदर अंगड़ाई ले रहा था। किनारे लगे खजूर और पाम के पेड़ों से हवाएं सरसराती हुई बातें कर रही थी। फिजाएं मानों गुलाबी रंग से सराबोर थी। मैं 22 बसंत पार कर दिल में हजारों उमंगें लिए जवां हो चुकी थी। वो लम्हा भी आ गया जब उस लंबे हैंडसम दोस्त ने मुझे बांहों में भरकर अपने इश्क का इजहार किया।

मेरी उससे पहली बार मुलाकात बेसबॉल के खेल के दौरान हुई थी। मैं टोरंटो में रहती थी और वो मेरे घर से करीब दो घंटे की दूरी पर रहता था। लेकिन इश्क की खुमारी में ये दूरी भी पास लगने लगी।

हम दोनों एक-दूसरे पर फिदा हो चले थे, एक-दूसरे के लिए मर-मिटने को तैयार थे। हम हर हफ्ते मिलने लगे। आखिर डेटिंग की अगली मंजिल भी करीब आ गई। हम लोगों ने तय किया कि प्यार को शादी तक पहुंचाएंगे।

उससे प्यार करती थी फिर भी नर्वस हो रही थी

वो दिन भी आ गया जब सफेद गाउन में सजी-धजी मैं एक पलक अपने को शीशे में निहार रही थी और सोच रही थी कि कैसे पूरी जिंदगी एकदम बदल गई। कल तक में एक बच्ची थी आज शादी करने जा रही थी।

अभी करीब घंटे भर का वक्त था तभी मेरी छोटी बहन कमरे में दाखिल हुई और उसने आकर मुझसे पूछा, ''दीदी क्या बात है, क्या तुम नर्वस फील कर रही हो?'' मैं क्या कहती?

मेरी शादी जिस लड़के से हो रही थी उससे मैं प्यार करती थी। लेकिन पता नहीं कैसे, उस समय मैं वाकई में थोड़ा नर्वस फील कर रही थी। शायद पुराने लम्हों को सोचकर ऐसा लगा होगा।

सारे इतजामात हो चुके थे। मेरे मॉम-डैड, प्यारी बहन और सारे रिश्तेदार आ चुके थे। हम दोनों ने खुद हवाई बीच पर उस रिसॉर्ट में अपनी शादी के इंतजाम किए थे। घर में, दोस्तों मैं, रिश्तेदारों में कोई ऐसा नहीं था जिसने हम दोनों की जोड़ी की तारीफ में कसीदे न पढ़े हों। मैं उस वक्त अपनी आने वाली जिंदगी के लिए मन ही मन हसीन ख्वाब बुन रही थी। मेरी खुशी का ठिकाना न था। सब लोग बहुत खुश थे। लेकिन तभी वो मेरे कमरे में आया, मेरी तरफ बढ़ा और मुझसे कहा कि मैं तुमसे अकेले में बात करना चाहता हूं।

मुझे लगा शायद शादी के पहले कुछ सरप्राइज दे रहे होंगे जनाब, लेकिन ये क्या, मेरा दिल ने जैसे अचानक धड़कना बंद कर दिया जब उसने शादी के ठीक घंटे भर पर शादी से इन्कार कर दिया। मैं क्या बोलती? चुप रही। और वो वहां से चला गया।

मेरे घरवाले उसके पीछे दौड़े लेकिन शायद मेरे इश्क का यही अंजाम तय था। मेरी हालत खराब थी। मुझसे खाना नहीं खाया गया। उस रात नींद गोलियां भी मुझे सुला नहीं सकीं।

कुछ हफ्तों बाद हम दोनों फिर से मिले लेकिन अब हमारे बीच एक तलखी सी आ गई थी। मैंने जब उससे शादी से इन्कार की वजह पूछी तो उसने बताया कि शादी के बाद मुझे बच्चे नहीं चाहिए थे और तुम्हें बच्चे चाहिए।

कौन जानता था कि हमारे प्यार का इतना बड़ा महल इतनी हलकी बुनियाद पर खड़ा है कि एक जरा सा जज्बाती झटका सह न सका और ढेर हो गया।अब छह साल गुजर गए हैं। और मैंने फिर से डेटिंग शुरू कर दी है। बीते वक्त में जो हुआ, अब उतना नहीं दुखाता है। मैंने अपने इस अनुभव को अपने नए प्रेमी से शेयर किया।

मुझे अब बस इतना ही लगता है कि ये एक कहानी थी, जिस पर मैं अब मैं हंस भी सकती हूं। कहते हैं समय हर गम को भुला देता है। शायद यही सच है।

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