पिछले साल सितंबर में जम्मू-कश्मीर में आई भंयकर बाढ़ के दौरान द्वारा किए गए राहत एवं बचाव कार्य के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने जारी 500 करोड़ रुपये का एक बिल पेश किया।
केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय द्वारा बाढ़ सहायता एवं बचाव कार्य के नाम पर जमा किए गए बिल का भुगतान जम्मू-कश्मीर के लिए जारी 1,602 करोड़ रुपये की आपदा सहायता राशि में से किया है। इस राशि में में कुछ हिस्सा एनडीआरएफ के साथ भी शेयर किया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा 6 फरवरी को राज्य सरकार को लिए गए एक पत्र में इन 500 करोड़ रुपए की कटौती की जानकारी दी गई है। राहत ऑपरेशन में हुए खर्च के बिल की 500 करोड़ रुपये की रकम रक्षा मंत्रालय ने बिल जमा कर वापस हासिल कर ली।गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू-कश्मीर सरकार को लिखे गए सरकारी सहायता से संबंधित इस पत्र में कहा गया है कि वायु सेना द्वारा किए गए बचाव कार्य और हेलिकॉप्टर द्वारा जरूरी सामान गिराए जाने के बदले रक्षा मंत्रालय को 500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सेना द्वारा किसी भी राहत एवं बचाव कार्य के बाद इस तरह का बिल जमा करना सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। मंत्रालय ने कहा कि राहत कार्यों के दौरान भारतीय वायु सेना द्वारा खर्च किए गए सामान और बाकी सभी का भुगतान करना प्रक्रिया का ही हिस्सा है।
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आपको बताते चलें कि पिछले साल भारी बारिश के बाद झेलम में आई बाढ़ में लगभग 300 लोग मारे गए जबकि 15 लाख के करीब आबादी बुरी तरह से प्रभावित हुई।
सितंबर में आई इस बाढ़ से कश्मीर के ज्यादातर हिस्से बुरी तरह से जूझ रहे थे जबकि राजधानी श्रीनगर की हालत सबसे ज्यादा खराब थी।बाढ़ के समय 2 लाख से भी ज्यादा सैलानी राज्य में फंसे हुए थे।उन्हें बचाने और पूरी आबादी के लिए राशन, दवाई और बुनियादी सामान आकाश के रास्ते हेलिकॉप्टरों की मदद से लोगों तक पहुंचाया गया।
केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय द्वारा बाढ़ सहायता एवं बचाव कार्य के नाम पर जमा किए गए बिल का भुगतान जम्मू-कश्मीर के लिए जारी 1,602 करोड़ रुपये की आपदा सहायता राशि में से किया है। इस राशि में में कुछ हिस्सा एनडीआरएफ के साथ भी शेयर किया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा 6 फरवरी को राज्य सरकार को लिए गए एक पत्र में इन 500 करोड़ रुपए की कटौती की जानकारी दी गई है। राहत ऑपरेशन में हुए खर्च के बिल की 500 करोड़ रुपये की रकम रक्षा मंत्रालय ने बिल जमा कर वापस हासिल कर ली।गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू-कश्मीर सरकार को लिखे गए सरकारी सहायता से संबंधित इस पत्र में कहा गया है कि वायु सेना द्वारा किए गए बचाव कार्य और हेलिकॉप्टर द्वारा जरूरी सामान गिराए जाने के बदले रक्षा मंत्रालय को 500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सेना द्वारा किसी भी राहत एवं बचाव कार्य के बाद इस तरह का बिल जमा करना सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। मंत्रालय ने कहा कि राहत कार्यों के दौरान भारतीय वायु सेना द्वारा खर्च किए गए सामान और बाकी सभी का भुगतान करना प्रक्रिया का ही हिस्सा है।
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आपको बताते चलें कि पिछले साल भारी बारिश के बाद झेलम में आई बाढ़ में लगभग 300 लोग मारे गए जबकि 15 लाख के करीब आबादी बुरी तरह से प्रभावित हुई।
सितंबर में आई इस बाढ़ से कश्मीर के ज्यादातर हिस्से बुरी तरह से जूझ रहे थे जबकि राजधानी श्रीनगर की हालत सबसे ज्यादा खराब थी।बाढ़ के समय 2 लाख से भी ज्यादा सैलानी राज्य में फंसे हुए थे।उन्हें बचाने और पूरी आबादी के लिए राशन, दवाई और बुनियादी सामान आकाश के रास्ते हेलिकॉप्टरों की मदद से लोगों तक पहुंचाया गया।
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